शहडोल। मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. शहडोल में पिछले कुछ दिनों से अच्छी खासी बारिश हो रही है, जिसके चलते लोगों का हाल बेहाल है. क्योंकि कभी बरसात होती है, कभी कोहरा पड़ता है तो कभी आसमान में घने बादल छाए रहते हैं और इस दौरान ठंडक चरम पर होती है. जानेंगे आने वाले कुछ दिनों में मौसम का हाल कैसा रहने वाला है और कैसे अपनी फसलों का बचाव करें.
अभी भी हैं बारिश और ओला गिरने के आसार
मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी ने बताया कि भारत मौसम विभाग से जो मध्यम अवधि के पूर्वानुमान मिले हैं, उसमें शहडोल में अगले 5 दिनों के दौरान बादल छाए रहने और 12 तारीख से 15 तारीख तक हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों में ओला गिरने की भी संभावना है. इस दौरान अधिकतम तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. सुबह के समय आर्द्रता 81 से 94% और दोपहर में 50 से 71% रहने की उम्मीद है साथ ही हवा उत्तर पूर्व दिशा में 7.0 से 8.0 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति से चलने की संभावना है.
फसलों का रखें विशेष ख्याल
मौसम रिपोर्ट के आधार पर कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि अगले 5 दिनों में मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अधिकतम और न्यूनतम तापमान कम होने से भारी बादल छाए रहने एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. इसलिए इस दौरान किसान लगातार अपनी फसलों की निगरानी करते रहें, आने वाले दिन में बारिश और आंधी आ सकती है. जिसे देखते हुए सभी खड़ी फसलों में सिंचाई तथा किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें. फसल अवशेषों को जलाकर खेत के चारों ओर धुआं करें, अगले 5 दिनों के दौरान शीतलहर की भी संभावना को देखते हुए किसानों को नर्सरी, नए बाग की रक्षा करने की सलाह दी. फलों की फसल और अन्य उच्च मूल्य वाली फसल कोल्ड बैरियर के माध्यम से या फसल अवशेषों से ढ़कने की सलाह दी.
अभी भी है ओला गिरने की संभावना
मध्य प्रदेश में कई जगहों पर ओलावृष्टि से किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, हालांकि शहडोल में अभी यह स्थिति नहीं देखी गई है. लेकिन जिस तरह से मध्यप्रदेश में दूसरी जगहों पर ओलावृष्टि हुई है और मौसम का जिस तरह से मिजाज बिगड़ा हुआ है, उसे देखते हुए शहडोल के किसान भी डरे हुए हैं. मौसम विभाग ने जो अनुमान बताया है, उसके मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में हल्की से मध्यम बारिश और ओले गिरने की संभावना जताई है. ऐसे में किसानों की धड़कनें और बढ़ी हुई हैं कि कहीं शहडोल में भी ओलावृष्टि ना हो जाए, अगर ओलावृष्टि होगी तो किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है. जिसे लेकर किसान काफी सहमे हुए हैं और आस लगाए बैठे हैं कि यह मौसम किसी तरह से खुल जाए.
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