शहडोल। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी व कांग्रेस आदिवासी वोटर्स को लुभाने में लगी हुई हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में शहडोल जिले का दौरा कर चुके हैं. कांग्रेस भी लगातार आदिवासियों को साधने में जुटी हुई है. ऐसे में वर्तमान बीजेपी विधायक की गाड़ी को ग्रामीणों द्वारा रोकना व खरी-खोटी सुनाना, बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. इन दिनों प्रदेश में बीजेपी व सरकार विकास पर्व मना रही है. जिसके लिए जगह-जगह पर बीजेपी के जनप्रतिनिधि विकास पर्व में शामिल हो रहे हैं.
विधायक के खिलाफ गुस्सा : इस दौरान बीजेपी के कुछ विधायकों को स्थानीय लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही मामला शहडोल जिले के जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से आया है. जैतपुर विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक मनीषा सिंह विकास पर्व मनाने के लिए झींकबिजुरी जा रही थीं. जिस सड़क से विधायक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रही थीं, उसी कच्ची सड़क के बीचोंबीच ग्रामीणों ने लाल फीता बांधकर विधायक की गाड़ी को ही रोक दिया और कहने लगे कि पहले इस सड़क का फीता काटकर उद्घाटन करें. इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक को खूब खरी-खोटी सुनाईं.
गाड़ी से नहीं उतरी विधायक : दरअसल, यहां के ग्रामीण बहुत परेशान हैं. इनकी समस्याओं को कोई नहीं सुन रहा. ग्रामीण बिजली, पानी व सड़क की समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं. जब पता चला कि विधायक की गाड़ी इसी सड़क से गुजरने वाली हैं तो ग्रामीणों ने विरोध जताने का अनूठा तरीका निकाला. ग्रामीणों ने बीच सड़क पर ही लाल फीता बांधकर विधायक की गाड़ी को रोक दिया और विरोध करने लगे. ग्रामीणों ने पहले अपनी समस्या सुनाई. साथ ही फीता काटकर उद्घाटन करने के लिए तंज कसने लगे. ग्रामीणों के तेवर देखकर विधायक अपनी गाड़ी से नहीं उतरी.
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हम क्यों मनाएं विकास पर्व : विधायक विधायक मनीषा सिंह ने ग्रामीणों से कहा कि पंचायत भवन में आइए. वहां बैठकर बात करते हैं. इसके बाद ग्रामीण पंचायत भवन पहुंचे और वहां भी इन्होंने विधायक को खूब सुनाईं. उन्होंने कहा कि हम पिछले 15-20 सालों से भाजपा को वोट देते चले आ रहे हैं. लेकिन गांव वाले सड़क, बिजली, पानी समस्याओं से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जब हमारे क्षेत्र का कोई विकास ही नहीं हुआ तो फिर हम विकास पर्व कैसे मनाएं. ग्रामीणों ने विधायक को चेतावनी दी है कि अगर उनके क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा.