शहडोल। दीपावली के बाद अमावस्या के दिन परीवा (प्रतिपदा) का दिन आता है और इस परीवा के दिन बहुत ही सतर्क रहना पड़ता है, क्योंकि इस दिन को शुभ नहीं माना जाता है, आखिर इस विशेष दिन क्या नहीं करना चाहिए, किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और क्यों सतर्क रहना चाहिए बताया है भगवताचार्य एवं ज्योतिषविद पंडित सूर्यकांत शुक्ला ने.
जानिए कब होता है परीवा का दिन: भगवताचार्य एवं ज्योतिषविद पंडित सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि क्षेत्रीय मान्यता को अगर माना जाए तो अमावस के प्रथम दिन परीवा कहलाता है या पूर्णिमा के बाद जो प्रथम तिथि आती है वो परीवा कहलाता है. विशेषकर परीवा जो दीपावली के प्रभात समय या दीपावली के बाद जो समय आता है या होली के बाद जो दिन आता है, उस दिन को परीवा का दिन माना जाता है. (pariwa me kya kare)
परीवा के दिन रखें विशेष सतर्कता: पंडित सूर्यकांत शुक्ला के अनुसार, परीवा के दिन विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है. ऐसा माना जाता है कि परीवा (प्रतिपदा) के दिन अगर हम घर से जा रहे हैं या किसी काम के लिए बाहर जा रहे हैं विशेषकर वाहन आदि के माध्यम से अगर हम जा रहे हैं तो उसमें दुर्घटना इत्यादि की संभावना मानी जाती है. इस दिन जलाशय आदि के समीप तो बहुत ही सतर्कता के साथ जाना चाहिए. (diwali 2022)
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घर में ही रहने की कोशिश करें: शास्त्रों में मान्यता है कि "प्रथमा परीवा पांव न दीजिए चाहे सोनन के दिन होय" भले ही बहुत जटिल से जटिल काम हो उन कामों की वजह से अगर आपका जीवन प्रभावित नहीं हो रहा है. आपको कोई दिक्कत नहीं हो रही है, बहुत ही जरूरी काम नहीं है तो उस दिन अपने घर में ही रहने की कोशिश करें. घर से बाहर तभी निकलें जब आपका जीवन प्रभावित होता हो. बड़ी समस्या के बिना आपके निकले काम ही न बन रहा हो तभी बाहर निकलें अन्यथा अपने घर में अपने परिवार के साथ रहें. शास्त्र, क्षेत्रीय और ज्योतिषियों की मान्यता है कि परीवा का दिन यात्रा के लिए वाहन इत्यादि के लिए शुभ कार्य के लिए शुभ नहीं होता. किसी भी नए कार्य श्रेष्ठ कार्य के लिए ये दिन शुभ नहीं होता है. (pariwa diwali news) (shahdol latest news)