शहडोल। जिले की पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल गोहपारू थाने की पुलिस ने पिछले कुछ महीने से गायब एक 17 साल की किशोरी को ढूंढ निकाला है, इसके बाद नाबालिग को उसके माता-पिता को सुरक्षित सौंपा गया है. फिलहाल अपनी बच्ची को फिर से वापस पाकर माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान आ गई है.
शहडोल पुलिस ने गुजरात से ढूंढ निकाला: जिले के गोहपारू थाने की पुलिस ने बताया कि "गोहपारू थाना अंतर्गत 15 फरवरी को एक ग्रामीण थाने में आया और शिकायत दर्ज कराई कि उसकी 17 साल की बेटी 14 फरवरी को घर से स्कूल जाने को कह कर गई थी और वापस घर नहीं आई. इसके बाद परिजनों ने बेटी को अपहरण कर कहीं भगा ले जाने की आशंका जाहिर की थी, जिस पर पुलिस ने धारा 363 का प्रकरण पंजीबद्ध कर उसकी जांच पड़ताल में जुट गई थी. तब से ही पुलिस जगह-जगह जांच कर रही थी, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग पा रहा था.
10 हजार का इनाम भी घोषित: इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शहडोल पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था और साथ में थाना गोहपारू के पुलिस और साइबर सेल शहडोल से पुलिस टीम गठित कर गायब बालिका की तलाश के लिए पुलिस टीम को गुजरात भेजा था. शहडोल पुलिस की टीम ने अपहृता बालिका की तलाश के लिए गुजरात के अहमदाबाद, बनासकंठा और कई जिलों में दबिश देकर बच्ची की तलाश में जुट गए, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा.
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ऐसे मिली नाबालिग: इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि गुजरात के ही ग्राम रामपुरा थाना थराद जिला बनासकांठा गुजरात निवासी एक युवक और उसके भाई ने उस नाबालिग को को अपने कब्जे में रखा है और गांव की बस्ती में कहीं छुपा दिया है. इसके बाद शहडोल पुलिस ने समझदारी दिखाई और शहडोल पुलिस की टीम ने साहस और बुद्धिमानी का परिचय देते हुए अपहृता बालिका को आरोपी और भाई के कब्जे के चंगुल से बाहर निकाला और उसके माता-पिता के सुपुर्द कर किया. इसके बाद मां-बाप के चेहरे पर मुस्कान आ गई.Hfnuen आरोपी बो बोचिया धारसी भाई को धारा 363, 366 क, 376 2 (N), भा.द.वी. एवं 5L/6 पास्को एक्ट के तहत मामला कायम कर गिरफ्तार कर न्यायालय में रिमांड पर भेज दिया गया है।