शहडोल। आपके अंदर अगर कोई अलग टैलेंट है, तो वह किसी न किसी तरीके से सामने आ ही जाता है. कराटे खिलाड़ी आरुषि सिंह इसका जीता जागता उदाहरण है. लगभग 8 साल पहले एक स्कूल में आरुषि सिंह सेल्फ डिफेंस के गुर सीखने गईं थीं, लेकिन सेल्फ डिफेंस सिखाते समय एक कराटे कोच की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने आरुषि की प्रतिभा को एक नजर में ही पहचान लिया. जिसका नतीजा ये रहा कि आरुषि सिंह अब जूनियर एशियन चैंपियनशिप में अपने खेल का जौहर दिखाते नजर आएंगी.
जूनियर एशियन चैंपियनशिप में खिलाड़ी: शहडोल जिला भले ही आदिवासी बाहुल्य जिला है, लेकिन खेल के क्षेत्र में शहडोल जिले के खिलाड़ियों का कोई जवाब नहीं. अक्सर ही शहडोल जिले से कई ऐसी प्रतिभाएं अलग-अलग खेलों से उभर कर सामने आ जाती हैं. जो देशभर में सुर्खियां बटोर लेती हैं. शहडोल जिला मुख्यालय की ही रहने वाली आरुषि सिंह एक ऐसी ही युवा खिलाड़ी हैं, जो कराटे के खेल में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में खेलने जा रही है. जिनसे देश को मेडल की उम्मीद है.
यहां किया था क्वालीफाई: आरुषि सिंह के कोच रामकिशोर चौरसिया बताते हैं कि आरुषि सिंह उनके एकेडमी की ही स्टूडेंट हैं. अभी हाल ही में आरुषि सिंह का सिलेक्शन जूनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए हुआ है. इस बार जूनियर एशियन चैंपियनशिप कजाकिस्तान के अलमीरा में हो रहा है. जो की 4 नवंबर से 9 नवंबर तक कजाकिस्तान में आयोजित होगा. आरुषि सिंह का सिलेक्शन नेशनल गेम्स में हुआ था. जहां उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था. उत्तराखंड में नेशनल के मुकाबले हुए थे. जिसमें आरुषि सिंह ने अपने भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था. जिसका इनाम उन्हें जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिलेक्शन के तौर पर मिला.
यहां भी गोल्ड मेडल की उम्मीद: कराटे चैंपियन आरुषि सिंह कहती हैं कि वो जूनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए बहुत उत्साहित हैं. इसके लिए कड़ी मेहनत भी कर रही हैं और उनकी तैयारी भी बहुत अच्छी है. उन्हें उम्मीद है कि इस बार वो जूनियर एशियन चैंपियनशिप में देश के लिए मेडल जीतने में कामयाब रहेंगी.
ऐसे शुरू किया कराटे सीखना: आरुषि सिंह का जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिलेक्शन ऐसे ही नहीं हुआ है, बल्कि इसके लिए उन्होंने पिछले 8 सालों से कड़ी मेहनत की है. जमकर पसीना बहाया है. तब कहीं जाकर एशियन चैंपियनशिप के लिए वह क्वालीफाई कर पाई हैं. आरुषि सिंह के कोच रामकिशोर चौरसिया बताते हैं की आरुषि जब लगभग 8 साल की उम्र की थीं, तो एक स्कूल में उन्हें मिली थीं, जहां कोच राम किशोर चौरसिया बच्चों को सेल्फ डिफेंस सिखाने गए थे. उस दौरान उन्होंने देखा कि आरुषि सिंह के पास इतनी कम उम्र में कराटे को लेकर एक अलग ही टैलेंट था.
उनका किक पंच बहुत ही शानदार था, उनमें सीखने का एक अलग ही जुनून दिखा. उन्होंने उस प्रतिभा को पहचाना और उनके पैरेंट्स से बात की. इस बारे में बताया कि आरुषि कराटे की अच्छी खिलाड़ी बन सकती हैं, उन्हें कराटे सिखाना चाहिए. आरुषि सिंह के पेरेंट्स ने भी इसकी इजाजत दे दी. फिर आरुषि सिंह 8 साल की उम्र से ही लगातार रामकिशोर चौरसिया के साथ कराटे के गुर सीखना शुरू कर दिया. साल दर साल वो इस खेल की बारीकियां सीखती रहीं. अब कराटे की एक्सपर्ट बन गई हैं. अलग-अलग टूर्नामेंट में ओपन हो या फिर फेडरेशन आरुषि लगातार मेडल जीतते गईं. उसका फायदा अब यह हुआ कि उन्होंने नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन करके जूनियर एशियन चैंपियनशिप की टिकट भी हासिल कर ली.
इससे पहले कई गोल्ड मेडल जीता: आरुषि सिंह की उम्र अभी बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन कम उम्र में ही आरुषि सिंह ने कई मेडल जीते हैं. आरुषि सिंह के कोच रामकिशोर चौरसिया बताते हैं कि अब तक 40 से 45 मैच खेल चुकी हैं. जिसमें से 20 में तो गोल्ड है और आठ मैच में सिल्वर और 5 में ब्रांज हासिल किया है. हालांकि कुछ मैच में कोई स्थान भी नहीं मिला है, लेकिन वहां भी बेहतर प्रदर्शन किया है.
- छिंदवाड़ा में 29 से 30 जुलाई 2017 को हुए नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.
- दिल्ली में 9 से 11 अगस्त 2019 को हुए नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता.
- देहरादून में 2021 में हुए नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता.
- दिल्ली में 2022 में फिर हुए नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता.
- 2023 में दिल्ली में फिर नेशनल गेम्स हुए वहां भी गोल्ड जीता.
- देहरादून में 2023 में हुए नेशनल गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता और इसी तरह से हर तरह के टूर्नामेंट में गोल्ड जीतती गईं.
अब वो पूरे देश भर में अपने खेल के दम पर सुर्खियों में आ गई हैं. सब की नजर उनके खेल पर टिकी हुई है. साथ ही इस बार जूनियर एशियन चैंपियनशिप में हर किसी को उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद है.