ETV Bharat / state

Shahdol Crime News: दगना एक अभिशाप, दो मौत के बाद एक्शन मोड में प्रशासन, इन पर गिरी गाज - 3 month old girl death in shahdol

शहडोल में दगना कुप्रथा से मासूमों की बली चढ़ते ही प्रशासन जाग गया है. 2 मासूमों की लगातार मौत के बाद अह प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है.

dagna kupratha in shahdol
शहडोल दगना कुप्रथा
author img

By

Published : Feb 5, 2023, 7:11 PM IST

शहडोल। शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला है, जहां दगना कुप्रथा का परिचलन कुछ ज्यादा है. 21वीं सदी चल रही है, जमाना कहां से कहां पहुंच गया है, लेकिन इसके बावजूद इस जिले से दगना कुप्रथा की घटनाएं लगातार सामने आ रही है, इससे यही साबित हो रहा है कि, इलाज पर अंधविश्वास भारी पड़ रहा है. दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनता जा रहा है. पिछले एक हफ्ते में ही दगना कुप्रथा की वजह से दो मासूमों की मौत हुई है, जिसके बाद अब प्रशासन भी एक्शन मोड में आ गया है. प्रशासन मैदानी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है.

इलाज पर दगना कुप्रथा हावी, एक और बच्ची ने तोड़ा दम, आखिर कब तक गहरे जख्मों का शिकार बनेंगे मासूम ?

दगना कुप्रथा पर एक्शन मोड में प्रशासन: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रामस्नेही पांडेय और महिला बाल विकास अधिकारी शालिनी तिवारी, जिला टीकाकरण अधिकारी ने प्रभावित ग्राम सामतपुर और कठौतिया विकासखंड सोहागपुर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मैदानी कर्मचारियों के साथ-साथ विकासखंड स्तरीय कर्मचारी-अधिकारियों की गंभीर लापरवाही सामने आई है. दंडात्मक कार्रवाई करते हुए सेक्टर मेडिकल ऑफिसर, खण्ड विस्तार प्रशिक्षक, एल.एच.व्ही, खंड कार्यक्रम प्रबंधक, खंड कम्युनिटी मोबिलाइजर, 2 कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, 2 आरबीएसके चिकित्सा अधिकारियों के मुख्यालय परिवर्तन किए गए हैं. खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाय.के. पासवान को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. दो आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगी की सेवा भी समाप्त की गई है.

MP: शहडोल में इलाज पर अंधविश्वास हावी, मासूम को गर्म सलाखों से दागा, इलाज जारी

दगना कुप्रथा का दो मासूम हुए शिकार: शहडोल जिले में अभी हाल ही में कठौतिया गांव से एक 3 महीने की मासूम बच्ची दगना कुप्रथा का शिकार हुई थी, जिसे गर्म सलाखों से दागा गया था. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई थी. इस घटना के कुछ दिनों बाद ही कठौतिया गांव से महज कुछ किलोमीटर दूर ही सामतपुर गांव से एक और दगना कुप्रथा का केस आया है. यहां भी गर्म सलाखों से 3 साल की मासूम बच्ची को दागा गया था. सही इलाज नहीं मिलने से बच्ची की मौत हो गई थी.

दगना कुप्रथा को लेकर चलाए अवेयरनेस कैंपेन: जिले में दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनता जा रहा है और आज के जमाने में भी यहां दगना कुप्रथा का प्रचलन है, जिसकी वजह से मासूम बच्चे काल के गाल में समा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन को इसे लेकर और गंभीर होना चाहिए, साथ ही दगना कुप्रथा को लेकर लोगों में अवेयरनेस के लिए भी विशेष अभियान चलाना चाहिए.

शहडोल। शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला है, जहां दगना कुप्रथा का परिचलन कुछ ज्यादा है. 21वीं सदी चल रही है, जमाना कहां से कहां पहुंच गया है, लेकिन इसके बावजूद इस जिले से दगना कुप्रथा की घटनाएं लगातार सामने आ रही है, इससे यही साबित हो रहा है कि, इलाज पर अंधविश्वास भारी पड़ रहा है. दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनता जा रहा है. पिछले एक हफ्ते में ही दगना कुप्रथा की वजह से दो मासूमों की मौत हुई है, जिसके बाद अब प्रशासन भी एक्शन मोड में आ गया है. प्रशासन मैदानी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है.

इलाज पर दगना कुप्रथा हावी, एक और बच्ची ने तोड़ा दम, आखिर कब तक गहरे जख्मों का शिकार बनेंगे मासूम ?

दगना कुप्रथा पर एक्शन मोड में प्रशासन: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रामस्नेही पांडेय और महिला बाल विकास अधिकारी शालिनी तिवारी, जिला टीकाकरण अधिकारी ने प्रभावित ग्राम सामतपुर और कठौतिया विकासखंड सोहागपुर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मैदानी कर्मचारियों के साथ-साथ विकासखंड स्तरीय कर्मचारी-अधिकारियों की गंभीर लापरवाही सामने आई है. दंडात्मक कार्रवाई करते हुए सेक्टर मेडिकल ऑफिसर, खण्ड विस्तार प्रशिक्षक, एल.एच.व्ही, खंड कार्यक्रम प्रबंधक, खंड कम्युनिटी मोबिलाइजर, 2 कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, 2 आरबीएसके चिकित्सा अधिकारियों के मुख्यालय परिवर्तन किए गए हैं. खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाय.के. पासवान को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. दो आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगी की सेवा भी समाप्त की गई है.

MP: शहडोल में इलाज पर अंधविश्वास हावी, मासूम को गर्म सलाखों से दागा, इलाज जारी

दगना कुप्रथा का दो मासूम हुए शिकार: शहडोल जिले में अभी हाल ही में कठौतिया गांव से एक 3 महीने की मासूम बच्ची दगना कुप्रथा का शिकार हुई थी, जिसे गर्म सलाखों से दागा गया था. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई थी. इस घटना के कुछ दिनों बाद ही कठौतिया गांव से महज कुछ किलोमीटर दूर ही सामतपुर गांव से एक और दगना कुप्रथा का केस आया है. यहां भी गर्म सलाखों से 3 साल की मासूम बच्ची को दागा गया था. सही इलाज नहीं मिलने से बच्ची की मौत हो गई थी.

दगना कुप्रथा को लेकर चलाए अवेयरनेस कैंपेन: जिले में दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनता जा रहा है और आज के जमाने में भी यहां दगना कुप्रथा का प्रचलन है, जिसकी वजह से मासूम बच्चे काल के गाल में समा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन को इसे लेकर और गंभीर होना चाहिए, साथ ही दगना कुप्रथा को लेकर लोगों में अवेयरनेस के लिए भी विशेष अभियान चलाना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.