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नहीं जागरूक हो रहे लोग, शहडोल में एक और मासूम हुआ दगना का शिकार, 1 हफ्ते में तीसरा केस - दगना कुप्रथा के लिए शहडोल में जलाया गया लड़का

शहडोल में लगातार दगना कुप्रथा का मामला सामने आता जा रहा है. एक हफ्ते में ये तीसरा मामला सामने आया है, जहां 20 दिन के मासूम को दागकर उसके शरीर पर पूरे निशान पड़ा दिए हैं. पुलिस के लिए इसपर काबू करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.

shahdol dagna pratha
मासूम दगना का शिकार
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Published : Feb 5, 2023, 11:05 PM IST

शहडोल। जिले में 2 मासूमों की मौत के बाद एक और मामला दगना कुप्रथा से सामने आया है. शहडोल में दागने से हुई 2 मासूम बच्चियों की मौत के बाद अब तीसरा मामला आया है, जिसमें 20 दिन के मासूम बेटे को दगना कुप्रथा के तहत गर्म लोहे की छड़ से दागा गया है. शहडोल में दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनता जा रहा है, आलम यह है कि अब यह दगना कुप्रथा मासूमों के लिए काल बन गई है, अभी हफ्ते भर में ही महज 2 मासूमों की जिंदगी इस कुप्रथा ने ले ली, और अब ये तीसरा मामला आया है.

Shahdol Crime News: दगना एक अभिशाप, दो मौत के बाद एक्शन मोड में प्रशासन, इन पर गिरी गाज

दगना का शिकार एक और मासूम: दगना कुप्रथा का तीसरा मामला शहडोल जिले के सिंहपुर थाना अंतर्गत कोदवार गांव से आया है, जहां सिंहपुर खंड चिकित्सा क्षेत्र अंतर्गत कोदवार कला गांव के रहने वाले नत्थू कोल के महज 20 दिन के बेटे के पेट में कई बार गर्म सलाखों से दागने की घटना सामने आई. गर्म सलाखों से दागने की वजह से मासूम बच्चे के शरीर पर इसके निशान भी महज कुछ ही दिन के अंदर दिखाई देने लगे हैं.

अंधविश्वास ने ली मासूम की जान, बच्ची को गर्म सलाखों से दागा, इलाज के दौरान तोड़ा दम

दगना कुप्रथा प्रशासन के लिए बनी बड़ी चुनौती: इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग का अमला वहां पहुंच गया. उस मासूम बच्चे के परिवार को समझाइश देते हुए पहले बच्चे को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराने को कहा, जिससे उसका समुचित इलाज हो सके. हालांकि परिजन जब नहीं मान रहे थे तो उन्हें काफी समझाइश दी गई. जिसके बाद परिजन सोमवार को बच्चे को अस्पताल ले जाने की बात पर राजी हुए. बच्चे की हालत सामान्य है, लेकिन दागने की इस कुप्रथा पर अंकुश लगाना अब प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन चुकी है. दगना जैसी कुप्रथा को लेकर परिजनों को भी समझाना इतना आसान नहीं हो रहा है, ऐसे में प्रशासन के लिए भी दगना कुप्रथा एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

शहडोल। जिले में 2 मासूमों की मौत के बाद एक और मामला दगना कुप्रथा से सामने आया है. शहडोल में दागने से हुई 2 मासूम बच्चियों की मौत के बाद अब तीसरा मामला आया है, जिसमें 20 दिन के मासूम बेटे को दगना कुप्रथा के तहत गर्म लोहे की छड़ से दागा गया है. शहडोल में दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनता जा रहा है, आलम यह है कि अब यह दगना कुप्रथा मासूमों के लिए काल बन गई है, अभी हफ्ते भर में ही महज 2 मासूमों की जिंदगी इस कुप्रथा ने ले ली, और अब ये तीसरा मामला आया है.

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दगना का शिकार एक और मासूम: दगना कुप्रथा का तीसरा मामला शहडोल जिले के सिंहपुर थाना अंतर्गत कोदवार गांव से आया है, जहां सिंहपुर खंड चिकित्सा क्षेत्र अंतर्गत कोदवार कला गांव के रहने वाले नत्थू कोल के महज 20 दिन के बेटे के पेट में कई बार गर्म सलाखों से दागने की घटना सामने आई. गर्म सलाखों से दागने की वजह से मासूम बच्चे के शरीर पर इसके निशान भी महज कुछ ही दिन के अंदर दिखाई देने लगे हैं.

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दगना कुप्रथा प्रशासन के लिए बनी बड़ी चुनौती: इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग का अमला वहां पहुंच गया. उस मासूम बच्चे के परिवार को समझाइश देते हुए पहले बच्चे को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराने को कहा, जिससे उसका समुचित इलाज हो सके. हालांकि परिजन जब नहीं मान रहे थे तो उन्हें काफी समझाइश दी गई. जिसके बाद परिजन सोमवार को बच्चे को अस्पताल ले जाने की बात पर राजी हुए. बच्चे की हालत सामान्य है, लेकिन दागने की इस कुप्रथा पर अंकुश लगाना अब प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन चुकी है. दगना जैसी कुप्रथा को लेकर परिजनों को भी समझाना इतना आसान नहीं हो रहा है, ऐसे में प्रशासन के लिए भी दगना कुप्रथा एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

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