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ये है देसी फ्रिज ! मिट्टी से बनी बॉटल बैग में रखकर दिनभर लें शीतल जल का आनंद - Mitti se bani bottle craze

शहडोल जिले के साथ ही आसपास के जिलों में आजकल चंदिया की मिट्टी से बने मटकों का क्रेज है. इस इलाके में चंदिया के मटके ब्रांड बन चुका है. इस देसी फ्रिज की डिमांड अब हर घर में है. इस बार नया प्रयोग करते हुए मटका बनाने वालों ने मिट्टी की बॉटल भी तैयार की हैं. मिट्टी से बनी इन बॉटल की धूम भी गर्मी आते ही शुरू हो गई है. मिट्टी के बॉटल का क्रेज इतना है कि लोग दफ्तरों में अब अन्य बॉटल की जगह इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. टूर पर जाने के लिए भी लोग मिट्टी से बनी इन बॉटल को साथ ले जा रहे हैं.

wonderful earthen bottles with desi fridge
देसी फ्रिज के साथ ये गजब के मिट्टी के बॉटल
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Published : Apr 14, 2023, 3:28 PM IST

देसी फ्रिज के साथ ये गजब के मिट्टी के बॉटल

शहडोल। गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. सूरज की तेज तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. ऐसे में गला तर करने के लिए मिट्टी के मटके के पानी से बेहतर साधन कुछ और नहीं हो सकता. लोगों की पसंद आजकल चंदिया की मिट्टी से बने मटके हैं. जिले में चंदिया का मटका एक प्रकार से ब्रांड बन गया है. पूरे जिले आसपास चंदिया की मिट्टी से बने मटके की डिमांड हर साल रहती है. चंदिया के मटकों की दुकान जगह-जगह सजने लगी हैं. शहडोल जिला मुख्यालय में हर जगह चंदिया के मटके मिल रहे हैं.

चंदिया की मिट्टी से बने मटकों की डिमांड : अब चंदिया के मटका व्यापारी अपने मटकों पर भी चंदिया लिखने लगे हैं. हर मटके पर चंदिया लिखा मिलेगा. चंदिया की मिट्टी से बने मटकों की डिमांड इतनी क्यों है, इसे जानने के लिए मटका खरीदने आए कुछ लोगों से ईटीवी भारत ने बात की. इनका कहना है कि चंदिया की मिट्टी से जो मटके बनाए जाते हैं, वह काफी मजबूत होते हैं.आसानी से टूटते-फूटते नहीं हैं. अन्य मटकों की अपेक्षा इन मटकों में पानी ज्यादा ठंडा होता है. साथ ही पानी स्वादिष्ट भी हो जाता है. इसलिए वो चंदिया के ही मटके खरीदते हैं. चंदिया के मटका व्यापारी राकेश प्रजापति बताते हैं कि इस मिट्टी की बात ही अलग है. चंदिया के मिट्टी से बने मटके पानी को अच्छी तरह से ठंडा करते हैं. इसलिए इसकी इतनी डिमांड है.

wonderful earthen bottles with desi fridge
देसी फ्रिज के साथ ये गजब के मिट्टी के बॉटल

मटका बाजार में चंदिया की धमक : शहडोल जिला मुख्यालय में मिट्टी के मटके की दुकानों में सारे चंदिया के व्यापारी ही नजर आएंगे. लेकिन उनकी दुकानों पर इस बार एक खास बात भी देखने को मिल रही है. इस बार मटका के साथ-साथ मिट्टी से बने बॉटल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. लोग टूर पर जाने के लिए इन बॉटल को खरीद रहे हैं. ऐसे ही प्रशांत सिंह शहडोल से छत्तीसगढ़ जा रहे हैं. इससे पहले प्रशांत मिट्टी के बने बॉटल को देखकर रुक गए. उनका कहना है कि वह अक्सर शहडोल से ही मिट्टी के बने बर्तन लेकर जाते हैं. इसे वह चंदिया के व्यापारियों से ही खरीदते हैं. इस बार वह मिट्टी के बॉटल लेकर जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपने काम के लिए इस तपती गर्मी में वो बहुत उपयोगी लग रहा है.

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आधुनिक तरीके से बनने लगे हैं मटके : प्रशांत सिंह कहते हैं कि बदलते वक्त के साथ मटका व्यापारियों ने भी काफी कुछ बदलाव किया है. जैसे घड़े पर टोंटी लगाना आदि. मिट्टी की ये बॉटल कामकाजी लोगों के लिए काफी सहूलियतभरी हैं. बढ़ती महंगाई के बाद भी इन मटकों के रेट नहीं बढ़े हैं. मटका व्यापारी राकेश प्रजापति बताते हैं कि दाम नहीं बढ़ाए. पिछले साल भी ₹100 में एक मटका दे रहे थे, मौजूदा साल भी 100 रुपये में एक मटका दे रहे हैं. साथ ही जो टोंटी लगे हुए मटके हैं, उनका रेट थोड़ा बढ़ाकर रखा गया है. क्योंकि उसमें थोड़ी एक्स्ट्रा वर्क किया गया है. इसलिए वह मटके 150 रुपए के करीब बेच रहे हैं. राकेश प्रजापति बताते हैं कि मिट्टी से बनी बॉटल ₹80 में दे रहे हैं.

देसी फ्रिज के साथ ये गजब के मिट्टी के बॉटल

शहडोल। गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. सूरज की तेज तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. ऐसे में गला तर करने के लिए मिट्टी के मटके के पानी से बेहतर साधन कुछ और नहीं हो सकता. लोगों की पसंद आजकल चंदिया की मिट्टी से बने मटके हैं. जिले में चंदिया का मटका एक प्रकार से ब्रांड बन गया है. पूरे जिले आसपास चंदिया की मिट्टी से बने मटके की डिमांड हर साल रहती है. चंदिया के मटकों की दुकान जगह-जगह सजने लगी हैं. शहडोल जिला मुख्यालय में हर जगह चंदिया के मटके मिल रहे हैं.

चंदिया की मिट्टी से बने मटकों की डिमांड : अब चंदिया के मटका व्यापारी अपने मटकों पर भी चंदिया लिखने लगे हैं. हर मटके पर चंदिया लिखा मिलेगा. चंदिया की मिट्टी से बने मटकों की डिमांड इतनी क्यों है, इसे जानने के लिए मटका खरीदने आए कुछ लोगों से ईटीवी भारत ने बात की. इनका कहना है कि चंदिया की मिट्टी से जो मटके बनाए जाते हैं, वह काफी मजबूत होते हैं.आसानी से टूटते-फूटते नहीं हैं. अन्य मटकों की अपेक्षा इन मटकों में पानी ज्यादा ठंडा होता है. साथ ही पानी स्वादिष्ट भी हो जाता है. इसलिए वो चंदिया के ही मटके खरीदते हैं. चंदिया के मटका व्यापारी राकेश प्रजापति बताते हैं कि इस मिट्टी की बात ही अलग है. चंदिया के मिट्टी से बने मटके पानी को अच्छी तरह से ठंडा करते हैं. इसलिए इसकी इतनी डिमांड है.

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देसी फ्रिज के साथ ये गजब के मिट्टी के बॉटल

मटका बाजार में चंदिया की धमक : शहडोल जिला मुख्यालय में मिट्टी के मटके की दुकानों में सारे चंदिया के व्यापारी ही नजर आएंगे. लेकिन उनकी दुकानों पर इस बार एक खास बात भी देखने को मिल रही है. इस बार मटका के साथ-साथ मिट्टी से बने बॉटल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. लोग टूर पर जाने के लिए इन बॉटल को खरीद रहे हैं. ऐसे ही प्रशांत सिंह शहडोल से छत्तीसगढ़ जा रहे हैं. इससे पहले प्रशांत मिट्टी के बने बॉटल को देखकर रुक गए. उनका कहना है कि वह अक्सर शहडोल से ही मिट्टी के बने बर्तन लेकर जाते हैं. इसे वह चंदिया के व्यापारियों से ही खरीदते हैं. इस बार वह मिट्टी के बॉटल लेकर जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपने काम के लिए इस तपती गर्मी में वो बहुत उपयोगी लग रहा है.

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आधुनिक तरीके से बनने लगे हैं मटके : प्रशांत सिंह कहते हैं कि बदलते वक्त के साथ मटका व्यापारियों ने भी काफी कुछ बदलाव किया है. जैसे घड़े पर टोंटी लगाना आदि. मिट्टी की ये बॉटल कामकाजी लोगों के लिए काफी सहूलियतभरी हैं. बढ़ती महंगाई के बाद भी इन मटकों के रेट नहीं बढ़े हैं. मटका व्यापारी राकेश प्रजापति बताते हैं कि दाम नहीं बढ़ाए. पिछले साल भी ₹100 में एक मटका दे रहे थे, मौजूदा साल भी 100 रुपये में एक मटका दे रहे हैं. साथ ही जो टोंटी लगे हुए मटके हैं, उनका रेट थोड़ा बढ़ाकर रखा गया है. क्योंकि उसमें थोड़ी एक्स्ट्रा वर्क किया गया है. इसलिए वह मटके 150 रुपए के करीब बेच रहे हैं. राकेश प्रजापति बताते हैं कि मिट्टी से बनी बॉटल ₹80 में दे रहे हैं.

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