शहडोल। विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं. या यूं कहें की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और प्रत्याशी भी अपने चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगा रहे हैं. शहडोल जिले में भी प्रत्याशी ताबड़तोड़ प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और हर एक मतदाता के पास पहुंचने की उनकी कोशिश है. शहडोल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और यहां प्रत्याशियों ने ग्रामीण इलाकों को साधने के लिए वहां के हाट बाजार पर फोकस करना शुरू किया है. ईटीवी भारत की टीम जब वहां पहुंची तो कई प्रत्याशी प्रचार-प्रसार करते मिल गए. इस दौरान ग्रामीण बाजार में शहडोल जिले के जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी से बगावत करके चुनावी मैदान में कूदे निर्दलीय प्रत्याशी रमेश कोल मिले. जिन्होंने बीजेपी के वर्तमान प्रत्याशी और आदिवासी आम नागरिकों को लेकर एक बड़ी बात कही है.
बाहरी हटाओ स्थानीय लाओ: बीजेपी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले रमेश कोल ने कहा कि ''मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं उसकी वजह ये है कि जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बाहरी है. उनके खिलाफ स्थानीय आदिवासियों ने 'बाहरी हटाओ स्थानीय लाओ' के संयुक्त मोर्चा के रूप में मुझे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने के लिए प्रेरित किया है, क्षेत्र के आदिवासियों के कहने पर मैं चुनावी मैदान पर हूं.''
हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे: बीजेपी से बगावत करके आप चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसी नौबत क्यों आ गई. इस सवाल पर रमेश कोल ने कहा कि ''हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे, हमने अन्याय के खिलाफ ही आवाज उठाई है. बाहरी प्रत्याशी क्यों उतारा गया, क्या पूरे जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2 लाख 56 हजार मतदाताओं में क्या यहां एक भी आदिवासी प्रत्याशी नहीं था, जो जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में निवास करता हो. आखिर ऐसी भी क्या बात हो गई बाहर से आए प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया जा रहा है. इसी के विरोध में हम लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एकजुट होकर खड़े हुए हैं, और चुनावी मैदान में हैं.''
5 साल से मांग रहे थे टिकट: क्या बीजेपी से टिकट नहीं मांगा था? इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि ''टिकट तो हम पिछले 15 साल से मांग रहे हैं. लेकिन पता नहीं क्यों हमें टिकट नहीं दिया. उनका अपना जो भी डिसीजन हो, जो भी सर्वे रहा हो, हम ज्यादा नहीं जानते. सर्वे के बारे में हम नहीं बता पाएंगे, उसकी जानकारी नहीं है. वो ऊपर वाले ही जानेंगे.
क्षेत्र में कैसा है माहौल? आप जगह जगह बाजार में घूम रहे हैं, इतनी मेहनत कर रहे हो हर जगह जा रहे हैं क्या माहौल दिख रहा है. इस पर रमेश कोल का कहना है कि ''हम तो सिर्फ जन-जन तक और घर-घर तक जाने की सोच रहे हैं, हम एक आंदोलन चला रहे हैं, बाकी सम्मानित जनता और जनार्दन अपना जो भी निर्णय लेगी वो हमें पूरी तरह से स्वीकार है.''
मैंने बीजेपी से नहीं दिया इस्तीफा : जब रमेश कोल से पूछा गया कि क्या भाजपा का कोई बड़ा नेता आपसे संपर्क किया है. इस पर उनका कहना है कि ''मुझ से भी कई लोगों ने संपर्क किया था. प्रदेश जिला तक काफी लोगों ने मुझसे बात किया, लेकिन उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया और ना ही कोई बातचीत की. मनाने का प्रयास तो किया लेकिन कोई ठोस बातचीत नहीं हो पाई.''मैंने अभी बीजेपी को इस्तीफा ही नहीं दिया है, और मैं अभी बीजेपी में ही हूं, फिर भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं.''
विंध्य जनता पार्टी में शामिल हो गईं फूलवती सिंह: गौरतलब कि शहडोल जिले के जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में इस बार काफी रोमांचक मुकाबला हो गया है. क्योंकि यहां पर बीजेपी कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी के कुछ बागी नेता भी इस चुनाव को रोमांचक बना दिए हैं. बीजेपी की ओर से फूलवती सिंह पहले ही विंध्य जनता पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनकर मैदान पर उतरी हुई हैं और भाजपा प्रत्याशी का जमकर विरोध भी कर रही हैं. वहीं, भाजपा के ही नेता रमेश कोल भी निर्दलीय ही चुनावी मैदान में हैं और उनका भी एक ही कहना है कि भाजपा ने आखिर जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र से बाहरी प्रत्याशी को मैदान पर क्यों उतार दिया. रमेश कोल का साफ कहना है कि आदिवासियों की मांग पर वो चुनावी मैदान पर हैं, और अभी बीजेपी नहीं छोड़ी है.
बागियों ने रोचक बनाया मुकाबला: फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के ही इन बागी नेताओं ने जयसिंह नगर विधानसभा क्षेत्र के मुकाबले को रोचक बना दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में बाजी कौन मारता है, बागी नेताओं की वजह से कांग्रेस बाजी ले जाती है या फिर बीजेपी इन सबको मात देकर फिर से अपना विधायक बनाने में कामयाब हो जाती है. या इस बार कोई निर्दलीय चुनकर सामने आ जाता है.