शाजापुर। शिवराज सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सरकार की उपलब्धियों गिनाई. शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देश अपनी अपनी मातृभाषा पढ़कर विकास कर रहे हैं, लेकिन हमारे देश में आजादी के 70 साल में शिक्षा नीति में छोटे-मोटे बदलाव किए गए, जो कारगर साबित नहीं हुए है. लेकिन अब नई शिक्षा नीति के लिए तैयारियां की जा रही है.
तय समय पर होंगी स्कूल की परीक्षाएं- स्कूल शिक्षा मंत्री
एक अप्रैल से नहीं खुलेंगे स्कूल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल को एक साल पूरा होने के चलते सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. कलेक्टर कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री परमार ने कोरोना संक्रमण काल के बीच में भी शिवराज सरकार द्वारा किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अभी एक अप्रैल से स्कूल खोलने का निर्णय तय नहीं किया गया है. होली के बाद कोरोना की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. इसके बाद स्कूल खोलने पर निर्णय होगा. इसके साथ ही राज्य मंत्री ने किसानों को शिवराज सरकार द्वारा राहत राशि प्रदान किए जाने की भी जानकारी दी. उन्होंने नई शिक्षा नीति को देशहित में बताया. राज्य मंत्री ने कहा कि कोरोना से बढ़ने लगा है, इसे रोकने के लिए हमें कोरोना गाइडलाइन का इनका पालन करना होगा.
भारत देश दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु माना जाता था. ढ़ाई हजार वर्ष पहले हमारे देश में नालंदा तक्षशिला विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय हुआ करते थे. इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण ने मध्य प्रदेश की धरती पर शिक्षा प्राप्त कर विभिन्न कलाओं में महारत हासिल किया था. लेकिन अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति और शिक्षा को तोड़कर हमारे देश को गुलाम बनाया और आज भी हम उसी शिक्षा नीति पर चल रहे हैं, जबकि दुनिया के तमाम देश अपनी अपनी मातृभाषा में पढ़कर विकास कर रहे हैं और हम पुरानी शिक्षा नीति पर चल रहे हैं. जिसमें छोटे-मोटे बदलाव हुए हैं. लेकिन अब देश को फिर से एक बार शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु बनाने के लिए शिक्षा नीति में बदलाव किए जाएंगे. इसको लेकर तैयारियां की जा रही है.
प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामले को लेकर स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि होली का त्यौहार भी कोरोना के चलते सामूहिक रूप से नहीं मनाया जाएग. 'अपनी होली अपने घर' की तर्ज पर होली का त्यौहार मनाया जाएगा.