ETV Bharat / state

Shahdol News धन की देवी लक्ष्मी जी को अगर करना चाहते हैं प्रसन्न, इस बीजमंत्र से आप हो सकते हैं मालामाल

महालक्ष्मी वृत का बहुत महत्व है, यह 16 दिन तक चलता है, जिसमें पूजा-पाठ से लेकर कई विधियां हैं. इन विधियों का पालन कर मां लक्ष्मी की अराधना करने से भक्त को मां का आशार्वाद मिलता है. शहडोल के ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने मां लक्ष्मी की पूजा अराधना करने के नियम बताए.Maa Lakshmi Puja niyam, Maa Lakshmi fast

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Sep 4, 2022, 12:43 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 1:01 PM IST

शहडोल। महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो चुकी है, जो कि 16 दिन चलता है. महालक्ष्मी वृत्त के इस 16 दिन के दौरान हर भक्त माता को प्रसन्न करने में जुटा होता है और अलग-अलग तरीके से लोग भक्ति करते हैं. जिसे जिस तरह की जानकारी होती है उस तरह से लोग धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने में जुटे होते हैं. ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया है कि कैसे एक बीज मंत्र के जाप से लक्ष्मी माता को प्रसन्न किया जा सकता है.

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री
16 दिन चलेगी पूजा अर्चना

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला के मुताबिक यह जो महालक्ष्मी व्रत होता है, यह 16 दिन का होता है और 16 दिन तक माता लक्ष्मी की पूजा होती है.

स्नान में 16 दूबियों का महत्व

ज्योतिष आचार्य के मुतबिक पहले तो महिलाएं स्नान करें. स्नान करने की भी विधि है. 16 दूब की डालियां ले एक धागा में सभी को बांध लें, स्नान करने के बाद उन दूबियों से अपने ऊपर 16 बार जल छिड़कें.

ऐसे करें स्थापना

इसके बाद नया वस्त्र धारण करें, लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापना करें. उसके पहले तैयारी कर लें. चौकी में एक लाल कपड़ा बिछा लें और उसमें लक्ष्मी जी की मूर्ति रख कर वहां जाकर पूजन अर्चन करें. जो दुबी से स्नान किए हैं, वह भी वहीं ले जाकर रख दें, यह क्रम 16 दिन तक लगातार चलेगा.

विदिशा का ऐतिहासिक राधा मंदिर, यहां सालभर में एक बार होते हैं दर्शन



बीज मंत्र का ऐसे करें जाप

ज्योतिष आचार्य के मुताबिक पूजन करने के बाद शास्त्रों में लिखा है लक्ष्मी जी का एक स्त्रोत होता है उसका पाठ करें. अगर पाठ नहीं कर पाते हैं तो लक्ष्मी जी का एक बीजमंत्र होता है. ओम श्रीं लक्ष्मी जो दिवैय्य नमः इसका 108 बार पाठ करें. लक्ष्मी बीज मंत्र का यह महत्व है, यह 16 दिन के बीच में प्रत्येक दिन पूजन करना है. विशेषकर शाम के समय पूजा होती है. जैसे ही दिन डूबे वैसे ही दीपक जलाएं और लक्ष्मी बीज मंत्र का इस्तेमाल करें, पद्मासन बैठ कर के मंत्र का जाप करें.

लक्ष्मीबीज मंत्र जाप के फायदे

लक्ष्मीबीज मंत्र जाप का महत्व यह है कि आप अगर लक्ष्मी जी का स्त्रोत नहीं पढ़ पाए हैं. आपको पूजा में पूरी सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाई है, मात्र 108 बार इस लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करके और उनको प्रणाम करें ऐसे में लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. लक्ष्मी बीज मंत्र जैसे महामृत्युंजय का मंत्र होता है. ठीक इसी तरह लक्ष्मी जी का बीज मंत्र होता है. इसको अगर कोई भी व्यक्ति नर हो या नारी हो कोई भी हो अगर इस लक्ष्मी बीज मंत्र का कम से कम मात्र 108 बार या कम से कम 27 बार या फिर 54 बार 81 बार लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करें तो लक्ष्मी जी की कृपा से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.

लक्ष्मी बीजमंत्र से माता होती हैं प्रसन्न

इस मंत्र से लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती हैं और उस घर में धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है रिद्धि सिद्धि का निवास हो जाता है. सबसे बड़ा लाभ यह होता है की लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करने से कुबेर भी प्रसन्न हो जाते हैं. जहां कुबेर भी वर्षा करते हैं और वहां धन का ढेर लग जाता है यह सबसे बड़ा महत्व है.

16 दिन तक होती है पूजा

अधिकांश व्यापारी लोग इसकी पूजा करते हैं, यह 16 दिन तक पूजा होती है. 16वें दिन हाथी का मिट्टी बनवा कर उसमें 16 दीपक जलाएं. 16 प्रकार के व्यंजन बनाए. हर 16 दीपक जलाकर बीज मंत्र का जाप करें. मंत्र का पाठ करें, इसके बाद हवन करें. 16 दिन और 16 प्रदक्षिणा उस दिन करें इसका मंत्र भी होता है. इसके बाद हवन करें आरती करें तो घर में लक्ष्मी जी का वास होगा. घर में अगर कोई काम रूके होते हैं तो वह काम बनते हैं.Maa Lakshmi Puja niyam, Maa Lakshmi fast

शहडोल। महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो चुकी है, जो कि 16 दिन चलता है. महालक्ष्मी वृत्त के इस 16 दिन के दौरान हर भक्त माता को प्रसन्न करने में जुटा होता है और अलग-अलग तरीके से लोग भक्ति करते हैं. जिसे जिस तरह की जानकारी होती है उस तरह से लोग धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने में जुटे होते हैं. ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया है कि कैसे एक बीज मंत्र के जाप से लक्ष्मी माता को प्रसन्न किया जा सकता है.

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री
16 दिन चलेगी पूजा अर्चना

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला के मुताबिक यह जो महालक्ष्मी व्रत होता है, यह 16 दिन का होता है और 16 दिन तक माता लक्ष्मी की पूजा होती है.

स्नान में 16 दूबियों का महत्व

ज्योतिष आचार्य के मुतबिक पहले तो महिलाएं स्नान करें. स्नान करने की भी विधि है. 16 दूब की डालियां ले एक धागा में सभी को बांध लें, स्नान करने के बाद उन दूबियों से अपने ऊपर 16 बार जल छिड़कें.

ऐसे करें स्थापना

इसके बाद नया वस्त्र धारण करें, लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापना करें. उसके पहले तैयारी कर लें. चौकी में एक लाल कपड़ा बिछा लें और उसमें लक्ष्मी जी की मूर्ति रख कर वहां जाकर पूजन अर्चन करें. जो दुबी से स्नान किए हैं, वह भी वहीं ले जाकर रख दें, यह क्रम 16 दिन तक लगातार चलेगा.

विदिशा का ऐतिहासिक राधा मंदिर, यहां सालभर में एक बार होते हैं दर्शन



बीज मंत्र का ऐसे करें जाप

ज्योतिष आचार्य के मुताबिक पूजन करने के बाद शास्त्रों में लिखा है लक्ष्मी जी का एक स्त्रोत होता है उसका पाठ करें. अगर पाठ नहीं कर पाते हैं तो लक्ष्मी जी का एक बीजमंत्र होता है. ओम श्रीं लक्ष्मी जो दिवैय्य नमः इसका 108 बार पाठ करें. लक्ष्मी बीज मंत्र का यह महत्व है, यह 16 दिन के बीच में प्रत्येक दिन पूजन करना है. विशेषकर शाम के समय पूजा होती है. जैसे ही दिन डूबे वैसे ही दीपक जलाएं और लक्ष्मी बीज मंत्र का इस्तेमाल करें, पद्मासन बैठ कर के मंत्र का जाप करें.

लक्ष्मीबीज मंत्र जाप के फायदे

लक्ष्मीबीज मंत्र जाप का महत्व यह है कि आप अगर लक्ष्मी जी का स्त्रोत नहीं पढ़ पाए हैं. आपको पूजा में पूरी सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाई है, मात्र 108 बार इस लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करके और उनको प्रणाम करें ऐसे में लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. लक्ष्मी बीज मंत्र जैसे महामृत्युंजय का मंत्र होता है. ठीक इसी तरह लक्ष्मी जी का बीज मंत्र होता है. इसको अगर कोई भी व्यक्ति नर हो या नारी हो कोई भी हो अगर इस लक्ष्मी बीज मंत्र का कम से कम मात्र 108 बार या कम से कम 27 बार या फिर 54 बार 81 बार लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करें तो लक्ष्मी जी की कृपा से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.

लक्ष्मी बीजमंत्र से माता होती हैं प्रसन्न

इस मंत्र से लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती हैं और उस घर में धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है रिद्धि सिद्धि का निवास हो जाता है. सबसे बड़ा लाभ यह होता है की लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करने से कुबेर भी प्रसन्न हो जाते हैं. जहां कुबेर भी वर्षा करते हैं और वहां धन का ढेर लग जाता है यह सबसे बड़ा महत्व है.

16 दिन तक होती है पूजा

अधिकांश व्यापारी लोग इसकी पूजा करते हैं, यह 16 दिन तक पूजा होती है. 16वें दिन हाथी का मिट्टी बनवा कर उसमें 16 दीपक जलाएं. 16 प्रकार के व्यंजन बनाए. हर 16 दीपक जलाकर बीज मंत्र का जाप करें. मंत्र का पाठ करें, इसके बाद हवन करें. 16 दिन और 16 प्रदक्षिणा उस दिन करें इसका मंत्र भी होता है. इसके बाद हवन करें आरती करें तो घर में लक्ष्मी जी का वास होगा. घर में अगर कोई काम रूके होते हैं तो वह काम बनते हैं.Maa Lakshmi Puja niyam, Maa Lakshmi fast

Last Updated : Sep 4, 2022, 1:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.