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मूसलाधार बारिश से बर्बाद होने के कगार पर दलहन की फसल, कृषि वैज्ञानिक ने किसानों दी ये सलाह

शहडोल में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी है. भारी बारिश के खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने के कागार पर पहुंच गई है.

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Published : Sep 26, 2019, 7:47 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 8:47 PM IST

भारी बारिश से दलहन की फसल बर्बाद

शहडोल। जिले में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. दलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए ये बारिश आफत बन गई है. उड़द, तिल और सोयाबीन की फसल के लिए ये बारिश बहुत नुकसानदायक है. क्योंकि कहीं फसल पक गई है, तो कहीं पकने की कगार पर है. ऐसे में बारिश से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है.

भारी बारिश से दलहन की फसल बर्बाद

किसान साजन बैगा का कहना है कि इस साल उन्होंने कुछ एकड़ में तिल की खेती की थी. लेकिन तिल की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. किसान का कहना हैं कि पूरी पूंजी खेती में लगा दी थी. लेकिन अब इस फसल से कुछ मिलने की उम्मीद नहीं है, ज्यादा पानी की गिरने की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह का कहना है कि इस साल देर से बारिश आई है. उनका कहना है कि दलहनी और तिलहनी की फसलें अभी पकने की स्थिति में है और कुछ फसल पक भी चुकी हैं. ऐसे में अगर दलहनी और तिलहनी के फसलों में नमी ज्यादा दिन तक रहती है, तो फसल के गलने की संभावना है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है, कि अगर फसल पक गईं हैं तो इस मौसम में फसल को खेत में ही रहने दें. जब तक धूप न निकले तब तक कटाई न करें.

शहडोल। जिले में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. दलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए ये बारिश आफत बन गई है. उड़द, तिल और सोयाबीन की फसल के लिए ये बारिश बहुत नुकसानदायक है. क्योंकि कहीं फसल पक गई है, तो कहीं पकने की कगार पर है. ऐसे में बारिश से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है.

भारी बारिश से दलहन की फसल बर्बाद

किसान साजन बैगा का कहना है कि इस साल उन्होंने कुछ एकड़ में तिल की खेती की थी. लेकिन तिल की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. किसान का कहना हैं कि पूरी पूंजी खेती में लगा दी थी. लेकिन अब इस फसल से कुछ मिलने की उम्मीद नहीं है, ज्यादा पानी की गिरने की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह का कहना है कि इस साल देर से बारिश आई है. उनका कहना है कि दलहनी और तिलहनी की फसलें अभी पकने की स्थिति में है और कुछ फसल पक भी चुकी हैं. ऐसे में अगर दलहनी और तिलहनी के फसलों में नमी ज्यादा दिन तक रहती है, तो फसल के गलने की संभावना है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है, कि अगर फसल पक गईं हैं तो इस मौसम में फसल को खेत में ही रहने दें. जब तक धूप न निकले तब तक कटाई न करें.

Intro:Note_ वर्जन शुरुआत में दो किसानों के हैं, फिर तीसरा और आखिरी वर्ज़न कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का है।

लगातार बारिश से किसानों के चेहरे मुरझाए, दलहनी की फसलों के लिए आफत की बारिश, खेत में फसल बर्बाद होने की कगार पर

शहडोल- शहडोल में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश से किसान परेशान हैं ख़ासकर वो किसान जिन्होंने दलहनी की खेती की है, दलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए ये बारिश आफत की बारिश बनकर आई है। उड़द, तिल, सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए ये बारिश बहुत नुकसानदायक है, क्योंकि कहीं फसल पक गए हैं तो कहीं पकने की कगार पर हैं, तो कुछ खेतों में तो फसल बर्बाद ही हो गया है।


Body:किसानों के लिए आफत की बारिश

शहडोल में हो रही ये बारिश, किसानों के लिए आफत की बारिश बनकर आई है, उड़द, तिल, सोयाबीन की फसलों के लिए ये बारिश पूरी तरह से नुकसान दायक है और जिस तरह का मौसम है उसे देखते हुए अभी मौसम बदलने के आसार नजर आ नहीं रहे हैं जिसे देखते हुए किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं।

किसान साजन बैगा ने इस साल अपने कुछ एकड़ के जमीन में तिल की खेती की थी लेकिन तिल की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, साजन बैगा कहते हैं कि पूंजी तो फंस गई लेकिन अब इससे कुछ भी फसल मिलने की उम्मीद नहीं है ज्यादा पानी की वजह से पूरी फसल बर्बाद हो गई है।

किसान भैया लाल सिंह बताते है कि ये बारिश किसानों के लिये आफत की बारिश है दलहनी की फसलों के लिए ये बारिश किसी भी तरह से फायदे की बारीश नहीं है, भैयालाल बताते हैं कि उनके धान में बाली आ चुकी है लेकिन पूरा धान खेत में ही गिर गया है और लगातार बारीश से ये धान की फसल भी सड़ने के कगार पर है, ऐसे में किसान चिंतित हैं की इस बारिश में आखिर वो करें तो करें क्या।


Conclusion:कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि इस साल देर से बारिश आई, कल भी बारिश आई, रातभर बारिश हुई, दलहनी और तिलहनी की फसलें अभी पकने की स्थिति में है, और कुछ फसल पक भी चुकी हैं, ऐसे में अगर दलहनी और तिलहनी के फसलों में नमी ज्यादा दिन तक रहती है, और पानी और गिरता है तो फसल के गलने की संभावना है।

कृषि वैज्ञनिकों ने ऐसे समय में किसानों को सलाह दी है की अगर फसल पक गईं हैं तो इस मौसम में फसल को खेत में ही रहने दें, जबतक धूप न निकले तब तक कटाई न करें।
Last Updated : Sep 26, 2019, 8:47 PM IST
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