शहडोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को शहडोल जिले के दौरे पर रहेंगे. जिसे लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने को लेकर दोनों तरह से तैयारी की गई हैं. अगर बारिश होती है तो कार्यक्रम कैसे संपन्न कराया जाए और अगर बारिश नहीं होती है तो कार्यक्रम कैसे संपन्न कराया जाए, इसके लिए जिला प्रशासन ने पिछले कई दिनों से जोर शोर से तैयारी की है. पीएम के आने की खबर सुनते ही क्षेत्र के लोगों में भी काफी उत्साह है. खासकर उस गांव में जिस गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाने वाले हैं, क्योंकि उनको पीएम से मिलने का और उनके साथ भोजन करने का मौका मिल रहा है.
पकरिया गांव में खुशी की लहर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालपुर में हेलीपैड में उतरेंगे और फिर वही से लालपुर मैदान पर ही वह एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. सिकल सेल एनीमिया मिशन को लॉन्च करेंगे, आयुष्मान कार्ड वितरित करेंगे और फिर उसके बाद विशाल जनसभा को संबोधित करने के बाद पकरिया गांव के लिए निकल जाएंगे. जहां पिछले कई दिनों से प्रशासन जी जान से तैयारियों में जुटा हुआ है. पकरिया गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय व्यतीत करेंगे क्योंकि वहां काफी विशेष तैयारियां भी की गई हैं.
पकरिया गांव के लोग उत्साहित: पकरिया गांव के बारे में बता दें कि पकरिया गांव में जब से लोगों ने यह सुना है कि उनके यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं तब से ही वह लोग काफी उत्साहित हैं. पकरिया गांव में 4700 लोग निवास करते हैं, जिसमें से 2200 लोग मतदान करते हैं. गांव में 700 घर जनजाति समाज के हैं, जिनमें गोंड़ समाज के 250, बैगा समाज के 250, कोल समाज के 200, पनिका समाज के 10 और अन्य समाज के लोग निवास करते हैं. पकरिया गांव में 3 टोला हैं, जिसमें जल्दी टोला, समदा टोला और सरकारी टोला शामिल हैं. जल्दी टोला में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की तैयारी की गई है. जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पारंपरिक ग्रामीण अंदाज में आम के बगीचे में चौपाल लगाएंगे और अलग-अलग वर्ग के लोगों से संवाद करेंगे. फिर वहीं जमीन पर बैठकर विशेष वर्ग के लोगों के साथ देसी अंदाज में भोजन भी करेंगे.
हर तरह की तैयारी: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 27 जून को शहडोल जिले के दौरे पर आना था, लेकिन बारिश की वजह से दौरे को स्थगित कर दिया गया था. फिर उसके बाद 1 जुलाई को पीएम का फिर से शहडोल द्वारा तय हुआ. जिसके बाद प्रशासन ने अब हर तरह की तैयारी कर रखी है. अगर बारिश होती है तो कार्यक्रम कैसे कराया जाए, अगर बारिश नहीं होती है तो कार्यक्रम कैसे कराया जाए. इसके अलावा अगर बारिश होती है और किसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल तक नहीं आ पाते हैं तो फिर वर्चुअल कार्यक्रम कैसे कराए जाएं इसकी भी व्यवस्था प्रशासन ने कर रखी है.
कार्यक्रम स्थल के नजदीक एक डोम तैयार: पकरिया गांव में पीएम मोदी अलग अलग लोगों से मिलेंगे, भोजन करेंगे वहां भी विशेष व्यवस्था की गई है. अगर बारिश होती है तो उसके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम स्थल के नजदीक एक डोम (गुंबद) तैयार किया गया है, जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठकर कार्यक्रम को संपन्न करेंगे. अगर बारिश नहीं होती है तो फिर पहले की योजना के मुताबिक आम के बगीचे में देसी अंदाज में पारंपरिक लुक में, नैसर्गिक वातावरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया जाएगा, वहीं पूरा कार्यक्रम सम्पन्न होगा.
खास नृत्य से स्वागत की तैयारी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए यहां जनजाति समाज के बीच प्रचलित खास नृत्य की भी तैयारी की गई है. जिसकी रिहर्सल भी खूब चली है. खासकर शैला करमा नृत्य, जेड़ी नृत्य से स्वागत करने की तैयारी है. जनजाति समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में बैगा नृत्य भी पेश करेगा, जिसका नेतृत्व डिंडोरी के पद्म श्री सम्मान से सम्मानित अर्जुन सिंह धुर्वे करेंगे. शहडोल की जनजातीय छात्राओं ने गोंडी नृत्य, जेड़ी और शैला करमा नृत्य की तैयारी की है.
लाखों लोगों के आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस कार्यक्रम में शामिल होने शहडोल आ रहे हैं और जहां आमसभा होनी है वहां पर लाखों लोगों के आने की उम्मीद है. इसका असर भी एक दिन पहले से ही दिखने भी लगा है. प्रशासन ने भी उसी हिसाब से तैयारियां भी करा कर रखी हैं. आने वाले लोगों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई है. उन्हें भोजन के पैकेट वितरित किए जाएंगे जो 1 दिन पहले ही तैयार होने लगे थे. पीएम के शहडोल दौरे को लेकर क्षेत्रवासियों में काफी उत्साह है.
मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसने की तैयारी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पकरिया गांव में ही जनजातीय समुदाय के लोगों के बीच भोजन करेंगे, जिसके लिए भी विशेष तैयारी की गई है. क्षेत्र में जो मोटे अनाज खाने में प्रचलन में हैं उन्हीं अनाजों से बने व्यंजन पीएम को परोसने की तैयारी है. जैसे चावल की जगह पर कोदो की भात, खीर की जगह पर कुटकी की खीर, महुआ का मालपुआ, बेल का शरबत और जो विंध्य क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध है, इंद्रहर की कढ़ी भी उन्हें परोसी जाएगी. ऐसा माना जाता है कि यहां के लोगों की दावत तब तक पूरी नहीं होती जब तक इंद्रहर की कढ़ी न परोसी जाए. इस बार पीएम मोदी के आने पर शहडोल में इंद्रहर की कढ़ी बनाने की तैयारी चल रही है.