शहडोल। शहडोल जिला चिकत्सालय पिछले 26 नवंबर से नवजातों की मौत के बाद से सुर्खियों में बना हुआ है. जिला अस्पातल में 25 बच्चों की अब तक मौत हो चुकी हैं. वहीं एक ओर बच्चे की मौत की खबर फिर सामने आई है. यह नवजात महज पांच दिन का था. जिले में अब तक 29 बच्चे मौत की नींद सो चुके हैं. दूसरी तरफ शहडोल जिला चिकित्सालय के नए सिविल सर्जन जीएस परिहार एक हफ्ते की छुट्टी पर चले गए हैं. सीएमएचओ डॉ एमएस सागर को सिविल सर्जन का प्रभार सौंपा गया हैं.
जिला चिकित्सालय में एक और बच्चे की मौत
शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का सिलसिला अभी थमा नहीं है. शहडोल जिला चिकित्सालय में एक बार फिर से एक और बच्चे की मौत हो गई है. जिला चिकित्सालय से मिली जानकारी के अनुसार जिस बच्चे की मौत हुई वह महज पांच दिन का था. गोहपारू जनपद के देवरी गांव निवासी लीलावती की पांच दिन पहले जिला चिकित्सालय में डिलीवरी हुई थी. जन्म के बाद से ही बच्चे की हालत गंभीर थी. उसे एसएनसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था.
छुट्टी पर गए सिविल सर्जन
इस विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. गुरूवार शाम से जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार एक हफ्ते के अवकाश पर चले गए हैं. सीएमएचओ डॉ एमएस सागर को सिविल सर्जन का प्रभार सौंपा गया है. कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह ने गुरुवार शाम को ही इसके आदेश जारी कर दिए हैं. डॉ परिहार स्वयं अवकाश पर गए हैं या उनको अवकाश पर भेजा गया है इस बारे में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है. इस बारे में सिविल सर्जन डॉ परिहार का कहना है कि उनको कुछ जरूरी काम है. इसलिए उन्होंने अवकाश लिया है. इधर सीएस का प्रभार लेने के तुरंत बाद सीएस ने जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों के साथ बैठक की. जिसमें इस्तीफा देने वाले चिकित्सकों को भी बुलाया गया था. बैठक में इन सभी से तत्काल काम पर लौटने के लिए कहा गया है.
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सिविल सर्जन के विरोध में डॉक्टर्स
दूसरी ओर शहडोल जिला चिकित्सालय में एक दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन का प्रभार देने का विरोध लगातार डॉक्टर्स का एक ग्रुप कर रहा हैं. 20 डॉक्टर ने जो त्याग पत्र सौंपा था उनका विरोध अभी भी जारी है. हालांकि उनके त्यागपत्र को सीएमएचओ ने स्वीकार नहीं किया था और पूरे नियमानुसार देने की बात कही थी, लेकिन अभी भी उनमें से कोई भी डॉक्टर काम पर नहीं लौटा है.
बहरहाल जो भी हो लेकिन जिला चिकित्सालय में स्थिति इन दिनों अच्छी चल नहीं रही है, क्योंकि लगातार जिला चिकित्सालय विवादों में फंसता जा रहा है. पहले सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत के मामले को लेकर पूरे देश भर में शहडोल जिला चिकित्सालय सुर्खियों में बना रहा और अब डॉक्टर सिविल सर्जन के बीच विवाद को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है.