ETV Bharat / state

शहडोल: 60 घंटे में 5 बच्चों की मौत, अब तक कुल 13 मासूमों ने तोड़ा दम

शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई है. 26 नवंबर से अब तक यहां 13 बच्चों की मौत हो चुकी है.

Design photo
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Dec 5, 2020, 9:17 AM IST

Updated : Dec 5, 2020, 10:49 AM IST

शहडोल। शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि, बच्चे को आज ही प्राइवेट क्लीनिक से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हुई. इस मामले में सिविल सर्जन का कहना है कि, बच्चा मृत अवस्था में ही आया था. वहीं प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर का कहना है कि, बच्चा गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल रेफर किया गया था. 60 घंटे की भीतर 5 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं 26 नवंबर से अब तक यहां 13 बच्चों की मौत हो चुकी है.

शनिवार को एक और बच्चे की मौत
मिली जानकारी के मुताबिक कटकोना का रहने वाले ढाई माह के बच्चा का इलाज एक प्राइवेट क्लीनिक में चल रहा था. डॉक्टर का कहना है कि, हालत बिगड़ने पर बच्चे को शहडोल जिला अस्पताल रेफर किया गया. वहीं बच्चे की जुड़वा बहन को भी गंभीर अवस्था में क्लीनिक में लाया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

जिला अस्पताल में 3 नए चाइल्ड स्पेशलिस्ट

शहडोल जिला चिकित्सालय में हो रहे मासूमों के मौते के मामले में 3 नए बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को पदस्थ किया गया है. कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश पांडे ने जयसिंहनगर में पदस्थ डॉ. राजेश तिवारी और मेडिकल कॉलेज शहडोल में पदस्थ डॉक्टर मनीष सिंह की ड्यूटी जिला चिकित्सालय के बाल्य रोग विभाग में लगाई है. वहीं इसके अलावा सेवानिवृत्त बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उमेश नामदेव को पुनर्नियुक्ति की शर्तों के अधीन जिला चिकित्सालय में ड्यूटी के आदेश जारी किए गए हैं. यह सभी चिकित्सक अब जिला चिकित्सालय शहडोल में अस्वस्थ बच्चों का इलाज करेंगे.

2 सुपरवाइजर सस्पेंड
वहीं दूसरी ओर शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत के बाद अब महिला एवं बाल विकास विभाग भी हरकत में आ गया है. कार्रवाई करते हुए 2 सुपरवाइजर को सस्पेंड कर दिया गया है. बुढ़ार सुपरवाइजर दमयंती सिंह और जयसिंहनगर सुपरवाइजर चंद्रकली पटेल को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड किया गया है. अभी तक एक भी कुपोषित बच्चों को इन्होंने एनआरसी में भर्ती नहीं कराया था. जिले में टोटल 1,328 कुपोषित बच्चे हैं. 54 कुपोषित बच्चों को एनआरसी सेंटर में भर्ती भी कराया गया है. यह कार्रवाई महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने की है.

पढ़ें : शहडोल जिला अस्पताल में चार और नवजातों की मौत, 6 दिन में 12 बच्चे मरे

शुक्रवार को चार और नवजात बच्चों की मौत जिला अस्पताल में हुई थी. जानकारी के मुताबिक बच्चें जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती थे. पाली से 7 माह के नवजात को गुरुवार की सुबह 11 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसकी मौत निमोनिया से होना बताया जा रहा है. वहीं डिंडोरी से आये 1 माह 10 दिन के नवजात की मौत के पीछे कम वजन का होना बताया गया था.

जांच हेतु कमेटी का गठन

वहीं नवजातों के मौत मामले में कलेक्टर डॉक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय ने जिला अस्पताल शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति का गठन किया कर दिया है. जांच समिति में डॉक्टर मुकुन्द चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय शहडोल, डॉक्टर नागेन्द्र सिंह और डॉक्टर प्राणदा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल शामिल हैं. ये जांच कमेटी तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौपेगी.

ये भी पढ़े : शहडोल में 6 नवजात बच्चों की मौत पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा- जिम्मेदारों पर तुरंत हो कार्रवाई

गौरतलब है कि रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल,2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और आज एक बार फिर से सुबह-सुबह एक नवजात की मौत हो गई है. जिसके साथ ही अब यह आंकड़ा पिछले 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है.


सीएमएचओ ने दिए थे जांच के आदेश
नवजात की मौत के मामले में रविवार को ही सीएमएचओ ने कहा था कि कमेटी बनाकर इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर लापरवाही कहां हुई है. साथ ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जो कमियां होंगी उस पर सुधार किया जाएगा.

ये भी पढ़े : Shocking - शहडोल में चार बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन ? फिर सवालों के घेरे में स्वास्थ्य महकमा

इलाज में लापरवाही नहीं बरती की गई- स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि यह गम्भीर मामला है, जहां बच्चों की मौत हो रही है. निमोनिया ज्यादा बढ़ रहा है. मंत्री ने कहा कि हमने निर्देश दिए हैं कि, उस क्षेत्र में जाकर सर्वे किया जाए और देखा जाए कि, कहीं कोई बच्चा पहले से पीड़ित तो नहीं है. उन्होंने कहा कि, सर्दी के मौसम में निमोनिया के मामले बढ़ जाते हैं. डॉक्टरों ने बच्चों को बचाने का पूरा प्रयास किया, फिर भी बच्चे नहीं बच पाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.

शहडोल। शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि, बच्चे को आज ही प्राइवेट क्लीनिक से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हुई. इस मामले में सिविल सर्जन का कहना है कि, बच्चा मृत अवस्था में ही आया था. वहीं प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर का कहना है कि, बच्चा गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल रेफर किया गया था. 60 घंटे की भीतर 5 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं 26 नवंबर से अब तक यहां 13 बच्चों की मौत हो चुकी है.

शनिवार को एक और बच्चे की मौत
मिली जानकारी के मुताबिक कटकोना का रहने वाले ढाई माह के बच्चा का इलाज एक प्राइवेट क्लीनिक में चल रहा था. डॉक्टर का कहना है कि, हालत बिगड़ने पर बच्चे को शहडोल जिला अस्पताल रेफर किया गया. वहीं बच्चे की जुड़वा बहन को भी गंभीर अवस्था में क्लीनिक में लाया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

जिला अस्पताल में 3 नए चाइल्ड स्पेशलिस्ट

शहडोल जिला चिकित्सालय में हो रहे मासूमों के मौते के मामले में 3 नए बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को पदस्थ किया गया है. कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश पांडे ने जयसिंहनगर में पदस्थ डॉ. राजेश तिवारी और मेडिकल कॉलेज शहडोल में पदस्थ डॉक्टर मनीष सिंह की ड्यूटी जिला चिकित्सालय के बाल्य रोग विभाग में लगाई है. वहीं इसके अलावा सेवानिवृत्त बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उमेश नामदेव को पुनर्नियुक्ति की शर्तों के अधीन जिला चिकित्सालय में ड्यूटी के आदेश जारी किए गए हैं. यह सभी चिकित्सक अब जिला चिकित्सालय शहडोल में अस्वस्थ बच्चों का इलाज करेंगे.

2 सुपरवाइजर सस्पेंड
वहीं दूसरी ओर शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत के बाद अब महिला एवं बाल विकास विभाग भी हरकत में आ गया है. कार्रवाई करते हुए 2 सुपरवाइजर को सस्पेंड कर दिया गया है. बुढ़ार सुपरवाइजर दमयंती सिंह और जयसिंहनगर सुपरवाइजर चंद्रकली पटेल को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड किया गया है. अभी तक एक भी कुपोषित बच्चों को इन्होंने एनआरसी में भर्ती नहीं कराया था. जिले में टोटल 1,328 कुपोषित बच्चे हैं. 54 कुपोषित बच्चों को एनआरसी सेंटर में भर्ती भी कराया गया है. यह कार्रवाई महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने की है.

पढ़ें : शहडोल जिला अस्पताल में चार और नवजातों की मौत, 6 दिन में 12 बच्चे मरे

शुक्रवार को चार और नवजात बच्चों की मौत जिला अस्पताल में हुई थी. जानकारी के मुताबिक बच्चें जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती थे. पाली से 7 माह के नवजात को गुरुवार की सुबह 11 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसकी मौत निमोनिया से होना बताया जा रहा है. वहीं डिंडोरी से आये 1 माह 10 दिन के नवजात की मौत के पीछे कम वजन का होना बताया गया था.

जांच हेतु कमेटी का गठन

वहीं नवजातों के मौत मामले में कलेक्टर डॉक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय ने जिला अस्पताल शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति का गठन किया कर दिया है. जांच समिति में डॉक्टर मुकुन्द चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय शहडोल, डॉक्टर नागेन्द्र सिंह और डॉक्टर प्राणदा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल शामिल हैं. ये जांच कमेटी तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौपेगी.

ये भी पढ़े : शहडोल में 6 नवजात बच्चों की मौत पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा- जिम्मेदारों पर तुरंत हो कार्रवाई

गौरतलब है कि रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल,2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और आज एक बार फिर से सुबह-सुबह एक नवजात की मौत हो गई है. जिसके साथ ही अब यह आंकड़ा पिछले 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है.


सीएमएचओ ने दिए थे जांच के आदेश
नवजात की मौत के मामले में रविवार को ही सीएमएचओ ने कहा था कि कमेटी बनाकर इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर लापरवाही कहां हुई है. साथ ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जो कमियां होंगी उस पर सुधार किया जाएगा.

ये भी पढ़े : Shocking - शहडोल में चार बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन ? फिर सवालों के घेरे में स्वास्थ्य महकमा

इलाज में लापरवाही नहीं बरती की गई- स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि यह गम्भीर मामला है, जहां बच्चों की मौत हो रही है. निमोनिया ज्यादा बढ़ रहा है. मंत्री ने कहा कि हमने निर्देश दिए हैं कि, उस क्षेत्र में जाकर सर्वे किया जाए और देखा जाए कि, कहीं कोई बच्चा पहले से पीड़ित तो नहीं है. उन्होंने कहा कि, सर्दी के मौसम में निमोनिया के मामले बढ़ जाते हैं. डॉक्टरों ने बच्चों को बचाने का पूरा प्रयास किया, फिर भी बच्चे नहीं बच पाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 10:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.