Narak Chaudas 2023। धनतेरस के साथ ही दीपावली के पर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के बाद ही नरक चौदस की तिथि आती है. नरक चौदस का भी अपना एक विशेष महत्व होता है. आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में नरक चौदस के दिन जितनी माताएं बहनें हैं. वो अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर के बाहर सूर्योदय से पहले स्नान करवाती हैं और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. जो इस 21वीं सदी में भी बदस्तूर चलती जा रही है. आखिर नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान क्यों किया जाता है. सूर्योदय से पहले स्नान करना क्यों अनिवार्य है, इसके क्या लाभ होते हैं. जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से...
नरक चौदस के दिन जरूर कर लें ये काम: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की इस बार नरक चौदस 11 नवंबर को है. नरक चौदस जो व्यापनी दिन की तिथि होती है, वो मानी जाती है. इसलिए इस बार नरक चौदस 11 नवंबर को ही मनाया जाएगा. नरक चौदस के लिए यह शास्त्रों में उल्लेख है, कि इस दिन सूर्योदय से पहले किसी जलाशय में जाकर या घर के बाहर या कुआं के पास जाकर स्नान करना चाहिए.
शास्त्रों में उल्लेख है की नरक चौदस के दिन जो ऐसा करते हैं, उन्हें सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. तो वहीं जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद स्नान करते हैं, तो शास्त्रों में ये भी उल्लेख है कि उन्हें नरक पर जाना पड़ता है. इसलिए स्वर्ग में जाना है या नरक में जाना है, इससे बचने के लिए प्रातः कालीन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान जरूर करें.
शिव जी को जल जरूर अर्पित करें: ज्योतिष आचार्य बताते हैं की शास्त्र संवत ये भी उल्लेख कि सूर्योदय से पहले प्रातः कालीन उठकर के स्नान करें और स्नान करने के बाद एक कलश में शुद्ध जल लें और शिवजी को अर्पित करें. वहां पर घी की बत्ती जलाकर आरती करें और शिवजी को प्रणाम करें.
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माताएं अपने बच्चों को नहलाएं: ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि जो माताएं बहने हैं. उनके लिए उल्लेख है कि वो माताएं बहने अपने बच्चों को प्रातः कालीन सूर्योदय से पहले उठकर बच्चों को घर के बाहर बिठाकर उन्हें स्नान कराएं. ऐसा करने से पुण्य लाभ मिलता है. बुद्धि तेज होती है. बल पराक्रम में वृद्धि होती है और किसी प्रकार के रोग का संचार नहीं होता है. इसलिए नरक चौदस के दिन बाहर स्नान करने का विशेष महत्व है और नरक चौदस के दिन जो इस तरह से करते हैं. उस घर में खुशियां छाई रहती हैं.