शहडोल। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता को लेकर तरह तरह की योजनाएं चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लगता है शहडोल नगरपालिका इसे लेकर बिल्कुल भी सख्त नहीं है. पिछले कई सालों से पूरे शहर का कचरा शहडोल नगरपालिका गांव में फेंका जा रहा है जिसे लेकर ग्रामीणों के सब्र का बांध अब टूट चुका है.
पिछले कई सालों से नगरपालिका शहर का कचरा लाकर खुले में फेंक रही है, इस खुले मैदान में जहां तक भी नजर दौड़ाई जाए वहां तक सिर्फ कचरा देखने को मिलेगा. जिसके चलते बच्चे कचरा बीनते नजर आते हैं तो वहीं कुछ मवेशी कचरे को खाते नजर आते हैं जिससे अब ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि लगभग हर दिन 25टन से ज्यादा का कचरा खुले मैदान में फेका जाता है जिससे जमुआ, जमुई आसपास के गांव वालों को दिक्कत होती है.
कचरा हटाने की कोई व्यवस्था नहीं
इतना ही नहीं शहडोल नगरपालिका खुले में कचरा तो फेक रही है, इस कचरे को हटाना तो दूर इसके बारे में सोच भी नहीं रही. नगरपालिका की कचरा गाडियां बकायदे जगह जगह से कचरा इकठ्ठा कर के यहां फेंक देती हैं. कुछ दिन पहले आदिवासी गांव जमुआ के ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यलय में इसकी शिकायत की थी की कचरा खुले में होने के कारण उनके घर पर भी उड़ कर आ जाता है, बदबू भी आती है पर इस ओर किसी का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है. जिसे लेकर ग्रामीणों ने ज्ञापन भी सौंपा था पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
शहडोल नगरपालिका सीएमओ अजय श्रीवास्तव का कहना है कि 10 साल से वहां कचरा डाला जा रहा है. पहले इस जमीन में खदाने खुदी हुई थी जहां काफी बड़े बड़े गड्ढे खुदे हुए थे, जिसके बाद तत्कालीन अधिकारियों और जिला प्रशासन ने निर्णय लिया था कि जबतक गड्ढे भर न जाएं तबतक जमीन किसी को फाइनल न हो. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसपर कोई व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे ग्रामीणों को भी तकलीफ न हों और कचरे का निष्पादन भी हो सके. अभी जो नई भूमि जो मिल रही है उसमें हमारा विचार है कि बाउंडरी बना दें, और ट्रीटमेंट प्लांट भी हमारा वहीं रहेगा