शहडोल/ छिंदवाड़ा/नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश (MP Latest News) के किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही. पहले से ही खाद की किल्लत (shortage of fertilizer) झेल रहे प्रदेश के अन्नदाता को अब बिजली रानी की आंखमिचौली सता रही है. किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि बिजली कटौती के बीच खेतों की सिंचाई वो करें तो कैसे करें.
शहडोल के किसान पूछे रहे कैसे हो खेतों की सिंचाई
शहडोल जिले का किसान एक अलग ही समस्या से जूझ रहा है, वजह है सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली न मिल पाना (MP farmers are disturbed by power cuts). दरअसल रबी सीजन की खेती के लिए इन दिनों खेतों की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है और खेतों में पानी लाने के लिए बिजली चाहिए, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त बिजली (electricity supply in shahdol ) नहीं मिल पा रही है. बहुत कम समय के लिए बिजली दिन में मिल रही है और फिर उसके बाद जब बिजली दी भी जा रही है तो वह वो तड़के सुबह बिजली दी जा रही है तो किसानों का कहना है कि इस कड़कड़ाती ठंड में वह खेतों की सिंचाई करें कि अपनी जान बचाएं, कुल मिलाकर किसान अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं और ज्यादातर किसानों के खेती में अब देरी हो रही है क्योंकि अब फसलों की बुवाई का समय आ चुका है और ज्यादा देरी किसानों के लिए नुकसानदायक हो सकती है.
3 दिनों में 1 एकड़ भी नहीं सींच पा रहे किसान
शहडोल के किसानों का कहना था कि बिजली की समस्या को लेकर वह बहुत परेशान हैं, क्योंकि थ्री फेस बिजली बहुत कम समय के लिए दी जा रही है और जो बिजली कुछ फेस में दी भी जा रही है तो वोल्टेज कम रहता है जिससे उनको बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि अगर उन्हें पर्याप्त बिजली नहीं दी गई तो वह खेतों की सिंचाई नहीं कर पाएंगे. अभी जितनी बिजली मिल रही है उसमें तीन तीन दिन में 1 एकड़ भी सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि एक बार सिंचाई का क्रम टूट जाता है तो फिर शुरुआत से सिंचाई करनी पड़ती है. इसलिए किसानों की मांग है कि पर्याप्त समय तक बिजली दी जाए जिससे वह खेतों की सिंचाई आराम से कर सकें
कुछ ऐसे हो रही बिजली सप्लाई
इन दिनों बिजली की सप्लाई को लेकर सिंहपुर सब स्टेशन के जूनियर इंजीनियर डी एस धुर्वे बताते हैं कि सरकार के नियम के आधार पर हमलोग अभी सिंगल फेसिंग पर काम कर रहे हैं, जिसमें 11 केवी फीडर जो सब स्टेशन से निकलते हैं उसमें जो मिक्स फीडर है उसमें हम शाम को 4:00 बजे से रात को 2:00 बजे तक 2 फेस चालू रखते हैं मतलब 1 फेस बंद कर देते हैं. फिर तड़के सुबह 4:00 से 6:00 बजे तक फिर से 3 फेस चालू कर देते हैं, फिर सुबह 6:00 से 10:00 बजे तक फिर 2 फेस चालू रखते हैं, फिर दिन में 10:00 से 4:00 बजे तक थ्री फेज सप्लाई करते हैं. ऐसा ही एग्रीकल्चर फीडर के साथ भी है जो 11kv से निकलता है, पंप की सिंचाई के लिए उसे हम दो स्लॉट में बांटे हुए हैं. एक तारीख से 15 तारीख के बीच में जो एजी फीडर चालू होगा सुबह 6:30 बजे से 12:30 बजे तक और शाम को 7:30 बजे से 11:30 बजे तक और 16 तारीख से 30 या 31 तारीख तक दोपहर 12:30 बजे से शाम को 6:30 बजे तक और रात में 11:30 बजे से 3:30 बजे तक चालू रहेगा.
छिंदवाड़ा के किसानों को कड़कड़ाती ठंड के बीच बिजली का इंतजार
छिंदवाड़ा में भी किसानों ने खेतों में गेहूं की बोवनी कर दी है, लेकिन पर्याप्त बिजली नहीं मिलने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं रात में बिजली सप्लाई (electricity supply in chhindwara) न होने की वजह से ठंड के मौसम में किसान रतजगा करने को मजबूर हैं. कड़कड़ाती ठंड में जहां लोग घर से निकलने में भी परहेज करते हैं. वहीं इन दिनों छिंदवाड़ा के हर गांव के खेतों में कहीं किसान रात भर ठंडे पानी में सिंचाई करते हुए मिलेगा तो कहीं बिजली के इंतजार में रात भर जागता मिलेगा. दरअसल, रबी की फसल (rabi crop in chhindwara) सिंचाई का काम शुरू हो गया है, लेकिन बिजली का शेड्यूल ऐसा है कि किसान को दिन हो या रात सिंचाई के लिए खेतों में डटे रहना पड़ रहा है.
किसानों को बिजली नहीं मिल रही पर्याप्त
किसानों ने बताया कि उन्हें बिजली पर्याप्त नहीं मिलती है. कभी बिजली आती है तो फिर वोल्टेज की समस्या होती है, लेकिन बिजली कर्मचारी महीना में बिल वसूलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते. अगर कभी चूक हो जाए तो बिजली काटने से लेकर मोटर पंप तक कुर्क करने की धमकी तक देते हैं.
अन्नदाता के साथ हो रहा भेदभाव
किसानों ने ईटीवी भारत को बताया कि उद्योगों के लिए दिन में भरपूर बिजली दी जाती है. वहीं रहवासी इलाकों और शहरी इलाकों में भी बिजली की आपूर्ति ठीक से होती है. सिर्फ खेतों में ही सिंचाई (irrigation in chhindwara fields) के समय बिजली का संकट पैदा होता है. चुनावी मौसम में नेता किसानों के मसीहा होने के बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं, लेकिन उन्हीं के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जाता है. आखिर वह भी इंसान हैं, उन्हें भी रात में सोने के लिए जरूरत होती है.
तकनीकी खामियों का हवाला देते अधिकारी
अन्नदाता की परेशानियों के मामले में जब ईटीवी भारत ने छिंदवाड़ा बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता एसआर येएमदे से बात कीं तो उनका कहना था कि जिले में तीन शिफ्टों में बिजली की सप्लाई की जा रही है. रात में ज्यादा से ज्यादा 10:00 बजे तक बिजली सप्लाई की जा रही है. कई जगह ओवरलोड होने के चलते तकनीकी खामियां आ जाती हैं. जिस वजह से कई बार बिजली नहीं रहती है. हालांकि इस पर सुधार का काम चल रहा है.
नरसिंहपुर में परेशान किसानों का प्रदर्शन
इधर बिजली कटौती से परेशान किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है. शनिवार को छिंदवाड़ा नरसिंहपुर रोड (Chhindwara Narsinghpur road jammed) पर अमरवाड़ा-नरसिंहपुर एनएच 547 को किसानों ने जाम कर दिया. किसान बिजली की कटौती से परेशान हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन की ओर से लंबे समय से अघोषित बिजली कटौती की जा रही है, जिसकी वजह से उन्हें गेहूं की फसल में पानी की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है. किसानों ने कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके बाद आक्रोशित किसानों ने सड़क जाम कर दिया. हालांकि, बाद में प्रशासन के समझाने पर जाम हटाया गया.