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MP Assembly Election 2023: विंध्य क्षेत्र में कई आदिवासी नेता कांग्रेस में हुए शामिल, जानिए बीजेपी को हुआ कितना नुकसान.. - कई आदिवासी नेता कांग्रेस में हुए शामिल

MP Chunav 2023: एमपी चुनाव से पहले विन्ध्य क्षेत्र में कई आदिवासी नेता कांग्रेस में हुए शामिल हुए है, आइए जानते हैं इससे बीजेपी को कितना नुकसान हुआ है.

MP Assembly Election 2023
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
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Published : Aug 14, 2023, 10:50 PM IST

शहडोल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी हो या कांग्रेस सभी पार्टियां अपनी राजनीतिक बिसात बिछाना शुरू कर चुके हैं और दोनों ही पार्टी कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही हैं. पहले से ही ये माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की इस विधानसभा चुनाव में जीत की चाभी आदिवासियों के पास है, मतलब इस बार आदिवासी सीट काफी अहम है और इसीलिए बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेता इन सीटों पर अपनी पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं और पूरी ताकत लगा रहे हैं. इस बीच इन दिनों शहडोल जिले की राजनीति काफी गरमाई हुई है, क्योंकि अभी हाल ही में शहडोल जिले के अलग-अलग पार्टी के कुछ आदिवासी नेता अभी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद यहां की राजनीति और गरमा गई है.

MP Assembly Election 2023
विंध्य क्षेत्र में आदिवासी नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

कई आदिवासी नेता कांग्रेस में शामिल: प्रदेश की राजनीति में इन दिनों आदिवासी वोटर किधर इसे लेकर सभी पार्टियों रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं, क्योंकि राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस बार भी मध्य प्रदेश में आदिवासी वोटर जिधर जाएंगे जीत उसी पार्टी की होगी. मतलब ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी आदिवासी वोटर्स के पास ही जीत की चाभी होगी, ऐसे में दोनों ही पार्टियां आदिवासी वोटर्स को लुभाने में लगी हुई हैं या यूं कहें कि आदिवासियों को साधने में लगी हुई हैं. इसी बीच कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है की विंध्य क्षेत्र के शहडोल जिले से कांग्रेस में अलग-अलग संगठनों के कई आदिवासी नेता शामिल हुए हैं.

MP Chunav 2023
आदिवासी नेताओं ने ली कांग्रेस की सदस्यता

जिला कांग्रेस कमेटी शहडोल के मुख्य प्रवक्ता पीयूष शुक्ला ने बताया है कि "हीरावती कोल जो की वर्तमान में सोहागपुर जनपद अध्यक्ष हैं, जिला पंचायत सदस्य राजेश बैगा, जयस के प्रदेश उपाध्यक्ष शीतल टेकाम, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के युवा नेता ललन सिंह गोंड़, इन सभी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. कमलनाथ ने खुद इन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई है."

many adivasi leaders join congress
विंध्य क्षेत्र में कई आदिवासी नेता कांग्रेस में हुए शामिल

शहडोल में तीन विधानसभा सीट: शहडोल जिले में तीन विधानसभा हैं और तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं, मतलब आदिवासी सीट है इसलिए कांग्रेस पार्टी में इन नेताओं का जुड़ना अहम माना जा रहा है. गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस पार्टी ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी पार्टी में जोड़ने पर फोकस कर रही है. शहडोल जिले में वर्तमान में तीनों ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जिसमें जयसिंहनगर, जैतपुर और ब्यौहारी विधानसभा सीट आती हैं, लेकिन इस बार इन तीनों ही विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

Must Read:

बहरहाल अब देखना ये दिलचस्प होगा कि इन नेताओं के कांग्रेस पार्टी में जुड़ जाने के बाद से शहडोल जिले में कांग्रेस पार्टी को कितनी मजबूती मिलती है, आदिवासी वोटर को लुभाने में कांग्रेस पार्टी कितना सफल हो पाती है और उनके जुड़ने के बाद से और कितने लोग कांग्रेस में शामिल होते हैं. वैसे भी इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच शहडोल में भी काफी कांटे की टक्कर मानी जा रही है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस भी मजबूत है, ऐसे में लगातार इस तरह से आदिवासी नेताओं का कांग्रेस पार्टी से जुड़ना बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. देखा जाए तो जैतपुर और ब्यौहारी जैसे विधानसभा सीट जहां लगातार हर विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत का मार्जिन कम होता आया है, यह भी बीजेपी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है और आदिवासी आरक्षित सीटों पर इस तरह से आदिवासी नेताओं का लगातार कांग्रेस से जुड़ते जाना बीजेपी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है.

शहडोल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी हो या कांग्रेस सभी पार्टियां अपनी राजनीतिक बिसात बिछाना शुरू कर चुके हैं और दोनों ही पार्टी कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही हैं. पहले से ही ये माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की इस विधानसभा चुनाव में जीत की चाभी आदिवासियों के पास है, मतलब इस बार आदिवासी सीट काफी अहम है और इसीलिए बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेता इन सीटों पर अपनी पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं और पूरी ताकत लगा रहे हैं. इस बीच इन दिनों शहडोल जिले की राजनीति काफी गरमाई हुई है, क्योंकि अभी हाल ही में शहडोल जिले के अलग-अलग पार्टी के कुछ आदिवासी नेता अभी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद यहां की राजनीति और गरमा गई है.

MP Assembly Election 2023
विंध्य क्षेत्र में आदिवासी नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

कई आदिवासी नेता कांग्रेस में शामिल: प्रदेश की राजनीति में इन दिनों आदिवासी वोटर किधर इसे लेकर सभी पार्टियों रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं, क्योंकि राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस बार भी मध्य प्रदेश में आदिवासी वोटर जिधर जाएंगे जीत उसी पार्टी की होगी. मतलब ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी आदिवासी वोटर्स के पास ही जीत की चाभी होगी, ऐसे में दोनों ही पार्टियां आदिवासी वोटर्स को लुभाने में लगी हुई हैं या यूं कहें कि आदिवासियों को साधने में लगी हुई हैं. इसी बीच कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है की विंध्य क्षेत्र के शहडोल जिले से कांग्रेस में अलग-अलग संगठनों के कई आदिवासी नेता शामिल हुए हैं.

MP Chunav 2023
आदिवासी नेताओं ने ली कांग्रेस की सदस्यता

जिला कांग्रेस कमेटी शहडोल के मुख्य प्रवक्ता पीयूष शुक्ला ने बताया है कि "हीरावती कोल जो की वर्तमान में सोहागपुर जनपद अध्यक्ष हैं, जिला पंचायत सदस्य राजेश बैगा, जयस के प्रदेश उपाध्यक्ष शीतल टेकाम, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के युवा नेता ललन सिंह गोंड़, इन सभी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. कमलनाथ ने खुद इन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई है."

many adivasi leaders join congress
विंध्य क्षेत्र में कई आदिवासी नेता कांग्रेस में हुए शामिल

शहडोल में तीन विधानसभा सीट: शहडोल जिले में तीन विधानसभा हैं और तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं, मतलब आदिवासी सीट है इसलिए कांग्रेस पार्टी में इन नेताओं का जुड़ना अहम माना जा रहा है. गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस पार्टी ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी पार्टी में जोड़ने पर फोकस कर रही है. शहडोल जिले में वर्तमान में तीनों ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जिसमें जयसिंहनगर, जैतपुर और ब्यौहारी विधानसभा सीट आती हैं, लेकिन इस बार इन तीनों ही विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

Must Read:

बहरहाल अब देखना ये दिलचस्प होगा कि इन नेताओं के कांग्रेस पार्टी में जुड़ जाने के बाद से शहडोल जिले में कांग्रेस पार्टी को कितनी मजबूती मिलती है, आदिवासी वोटर को लुभाने में कांग्रेस पार्टी कितना सफल हो पाती है और उनके जुड़ने के बाद से और कितने लोग कांग्रेस में शामिल होते हैं. वैसे भी इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच शहडोल में भी काफी कांटे की टक्कर मानी जा रही है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस भी मजबूत है, ऐसे में लगातार इस तरह से आदिवासी नेताओं का कांग्रेस पार्टी से जुड़ना बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. देखा जाए तो जैतपुर और ब्यौहारी जैसे विधानसभा सीट जहां लगातार हर विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत का मार्जिन कम होता आया है, यह भी बीजेपी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है और आदिवासी आरक्षित सीटों पर इस तरह से आदिवासी नेताओं का लगातार कांग्रेस से जुड़ते जाना बीजेपी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है.

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