शहडोल। माघ का महीना, शनिवार का दिन और मौनी अमावस्या का विशेष संयोग जो 21 जनवरी को पड़ रहा है. इसे ज्योतिषाचार्य बहुत ही शुभ दिन, फलदाई भाग्य उदय करने वाला दिन बताते हैं. वो कहते हैं कि इस विशेष दिन अलग-अलग उपाय करके जातक अपने भाग्य का उदय, शनिदेव को प्रसन्न और कालसर्प दोष को नष्ट कर सकते हैं. साथ ही उनका कहना है कि इस बार मौनी अमावस्या में जो विशेष संयोग बन रहा है वो हर साल नहीं बनता है. ऐसा समय कई सालों बाद आया है. इस बार ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा उठाना चाहिए.
मौनी अमावस्या कब: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक शनिवार 21 जनवरी का दिन विशेष है. सबसे खास बात ये है की माघ के महीने में शनिवार के दिन मौनी अमावस्या है जो और भी खास संयोग है. इस विशेष दिन स्नान, दान, श्राद्ध करें पितरों को याद करें, इससे पुण्य का विशेष लाभ होता है. ये बहुत शुभ अमावस्या मानी जाती है. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त शुक्रवार को शाम 5 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा जो शनिवार रात 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.
ऐसे शनिदेव होंगे प्रसन्न: इस दिन कंबल, तिल का दान करें. पितरों को याद करें या कोई भी गरीब, दिव्यांग को दान करें जिससे शनिदेव प्रसन्न होंगे. जब शनिवार के साथ मौनी अमावस्या हो तो फिर ये सब करने से पुण्य लाभ और भी बढ़ जाता है. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि, माघ का महीना है और दूसरा शनिवार का दिन पड़ रहा है इसलिए भी ये बहुत शुभ मानी जाती है. ऐसा संयोग कई सालों बाद आया है.
शनिदेव देंगे राहत: मौनी अमावस्या के दिन शनिदेव की विशेष पूजा पाठ की जाती है. विशेष दान पुण्य करने से स्नान करने से शनिदेव को तो प्रसन्न किया जा सकता है, साथ ही जिन राशियों में शनि की दशा चल रही है, उन राशि के जातकों को भी राहत मिलेगी, फायदा मिलेगा. साथ ही जिन राशियों में शनि की साढ़े साती चल रही है उन्हें भी बहुत कुछ आराम मिलेगा. शनिदेव जब प्रसन्न होंगे तो उनके लिए भी बेहतर समय आएगा.
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कालसर्प दोष होगा नष्ट: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि, मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष को भी नष्ट किया जा सकता है. जिन जातकों के ऊपर कालसर्प दोष है, राहु के कारण कालसर्प दोष से ग्रसित हैं, वो किसी तालाब में नदी जलाशय के किनारे जाकर इसकी शांति करा सकते हैं. शांति कराएं तो संपूर्ण दोष तुरंत नष्ट हो जाता है और जातक का भाग्योदय होता है.
ऐसे करें भाग्योदय:
- इस दिन स्नान करने के बाद सूर्य के दर्शन करना, सूर्य को अर्घ देना और फिर पितरों का तर्पण करना उन्हें याद करना, इससे जातकों को काफी पुण्य लाभ मिलता है भाग्य का उदय होता है.
- मौनी अमावस्या के दिन ज्यादातर जातक पवित्र नदियों में स्नान करना पसंद करते हैं. कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है, विशेष फलदाई माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में मौन रहकर अगर स्नान कोई व्यक्ति करता है तो उसकी पूरी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
- मौनी अमावस्या के दिन मान्यताएं ऐसी भी हैं, की इस विशेष दिन किसी को सताना नहीं चाहिए, किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए विशेषकर जरूरतमंदों को अपाहिजों को गरीबों को बिल्कुल भी ना सताएं.