शहडोल। कोरोना काल का असर अब त्योहारों पर भी साफ दिख रहा है, 3 अगस्त को रक्षाबंधन है लेकिन बाजार पूरी तरह से सुस्त चल रहे है, कोरोना के डर से ग्राहक भी बाजार में ज्यादा नहीं पहुंच रहे हैं, बाजार की सुस्ती से दुकानदार ज्यादा परेशान है. दुकानदारों की चिंता है त्योहार के समय भी खरीदार नहीं आ रह है, ऐसे में उन्हें पूरा दिन दुकान पर खाली ही बैठना पड़ता है. पिछली बार की अपेक्षा सिर्फ 30 से 50 परसेंट धंधा ही बचा है.
बाजार में त्योहार होने के बाद भी बहुत ज्यादा खरीदारी नहीं हो रही है,दुकानों पर ग्राहक ज्यादा नहीं पहुंच रहे हैं, जिनको बहुत ही जरूरत है वहीं जरूरत की सामान ही खरीद रहा है. इसके अलावा जिसका काम चल जा रहा है वह इस रक्षाबंधन में दुकानों पर जाना पसंद नहीं कर रहा है.
राखी के बाजार में भी कोरोना ग्रहण
राखी के बाजार में भी कोरोना का असर साफ देखने को मिल रहा है. रक्षाबंधन के त्योहार में तरह-तरह की राखियां खरीदने के लिए दुकानों पर पहले भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार दुकानों में वह भीड़ नजर नहीं आई और ना ही इतने लोग नजर आए एक दो लोग दुकानों पर पहुंचते भी हैं, तो वह जल्दी से कोई ना कोई राखी लेकर वहां से निकल लेते हैं.
राखी व्यापारियों का कहना है कि इस बार धंधा ज्यादा नहीं है, कोरोना का डर और लॉकडाउन की वजह से पूरे धंधे पर फर्क पड़ा है. राखी व्यापारी कहते हैं कि पहले लोग जिले के अलग-अलग छोर से जिला मुख्यालय के बाजार में सिर्फ रक्षाबंधन का बाजार करने आते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, जिसको जहां नज़दीक में जैसे भी काम का सामान मिला वो उसे लेकर काम चला ले रहे हैं.
चाइनीज राखी से ग्राहकों ने बनाई दूरी
राखी खरदीने जो ग्राहक बाजार पहुंच भी रहे है उनका पहला सवाल दुकानदार से ये ही होता है कि ये राखी चाइनीज तो नहीं है. भारत और चीन के बीच आई तल्खी का असर इस बार रक्षाबंधन पर भी दिखाई दे रहा है. ये ही वजह है कि ग्रहाकों ने इस बार चाइनीज राखी से दूरी बना ली है. पिछले साल का पुराना माल जिस व्यापारी के पास बचा है वह उसी को निकाल रहा है, क्योंकि इस साल किसी भी तरह का चाइनीस माल नहीं आया है और ना ही ग्राहक उसे खरीदने में कोई रूचि दिखा रहे है.
कपड़ा-कॉस्मेटिक व्यापारी बेहद निराश
रक्षाबंधन के त्योहार में लोग राखियों के साथ खूब खरीदारी करते थे, बहन-भाई एक दूसरे को कपड़े भी गिफ्ट दिया करते थे लेकिन इस बार कोरोना के चलते कपड़ों का बाजार भी पूरी तरह से मंदा है. जिससे कपड़ा व्यापारी निराश है.
कपड़ा व्यापारी ओमप्रकाश गुप्ता बताते है कि पहले की अपेक्षा व्यापार कम से कम हो गया है, दुकानों पर पहले काफी भीड़ रहती थी लेकिन इस बार आवाजी भी बंद है तो लोग दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे है. इस वजह से बिक्री नहीं हो रही है.
फल, मिठाई विक्रेता भी निराश
त्योहार के इस सीजन में फल और मिठाई विक्रेताओं की परेशानी भी कुछ ऐसी ही है. कोरोना से पहले खूब फल और मिठाई की बिक्री होती थी लेकिन इस बार त्योहार पर भी खरीदारी नहीं हो रही है. फल विक्रेताओं का कहना है कि इस बार धंधा मंदा है क्योंकि लॉकडाउन के चलते आवाजाही नहीं हो रही है. लोग आ जा नहीं रहे हैं जिसकी वजह से फलों की बिक्री भी नहीं हो रही है. वहीं मिठाई दुकानदारों का कहना है कि रक्षाबंधन के त्यौहार में पहले तो खूब मिठाइयों की बिक्री होती थी लेकिन जितनी पहले होती थी इस बार उतनी नहीं हो रही है.
त्योहारों पर व्यापारियों का धंधा बुलंदियों पर रहता था, क्योंकि त्योहारों पर खरीदारी जमकर होती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. इस बार दूसरे दुकानों को तो छोड़िए राखी खरीदने के लिए भी उतने ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. लिहाजा कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से बाजारों में रौनक गायब हो गई है. वहीं व्यापारियों का कहना है कि उनके धंधे में कोरोना ग्रहण लग गया है.