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परिजनों ने अंधविश्वास के चलते कुपोषित बच्ची को गर्म लोहे से दागा, शहडोल जिला अस्पताल में हुई मौत - Malnourished girl died in Shahdol

शहडोल जिला अस्पताल में एक बच्ची की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बच्ची कुपोषण का शिकार थी. वजन बहुत कम था. बच्ची कुछ दिनों पहले ही जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां उसने दम तोड़ दिया.

Shahdol District Hospital
शहडोल जिला अस्पताल
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Published : Dec 16, 2020, 11:07 PM IST

शहडोल। जिला अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में दो महीने की अति कुपोषित बच्ची ने दम तोड़ दिया. बच्ची की हालत नाजुक थी. उसका वजन काफी कम था. बच्ची का इलाज पिछले कुछ दिन से जिला अस्पताल में चल रहा था. गोहपारू के देवदहा गांव में 10 अक्टूबर को बच्ची का जन्म हुआ ता. जन्म के समय से ही बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही थी. कुपोषण का शिकार होने की वजह उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.

गर्म लोहे से बच्ची को दागा

इस दौरान ये भी सामने आ रहा है कि अंधविश्वास के चलते माता-पिता ने बच्ची को गर्म लोहे से पेट में दागा भी था. जिससे स्थिति और बिगड़ गई. हालात बिगड़ते देख बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

जिले में कुपोषण के मामले

शहडोल जिला का कुपोषण से बुरा हाल है. यहां करीब 16,145 बच्चे कुपोषित हैं. जबकि 1,322 बच्चे अति कुपोषित हैं. प्रशासनिक अमला लगातार घर-घर जाकर सर्वे कर रहा है, जिससे कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. बच्चों को एनआरसी सेंटर में उन्हें भर्ती कराया जा रहा है.

अब तक 25 बच्चों की मौत

शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का आंकड़ा अब 25 तक पहुंच गया है. पिछले 26 नवंबर से ही शहडोल में सिलसिलेवार तरीके से बच्चे दम तोड़ रहे हैं. ये अभी भी जारी है.

ये भी पढ़ेंःशहडोल जिले में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी, 25 पहुंचा मौत का आंकड़ा

शहडोल। जिला अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में दो महीने की अति कुपोषित बच्ची ने दम तोड़ दिया. बच्ची की हालत नाजुक थी. उसका वजन काफी कम था. बच्ची का इलाज पिछले कुछ दिन से जिला अस्पताल में चल रहा था. गोहपारू के देवदहा गांव में 10 अक्टूबर को बच्ची का जन्म हुआ ता. जन्म के समय से ही बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही थी. कुपोषण का शिकार होने की वजह उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.

गर्म लोहे से बच्ची को दागा

इस दौरान ये भी सामने आ रहा है कि अंधविश्वास के चलते माता-पिता ने बच्ची को गर्म लोहे से पेट में दागा भी था. जिससे स्थिति और बिगड़ गई. हालात बिगड़ते देख बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

जिले में कुपोषण के मामले

शहडोल जिला का कुपोषण से बुरा हाल है. यहां करीब 16,145 बच्चे कुपोषित हैं. जबकि 1,322 बच्चे अति कुपोषित हैं. प्रशासनिक अमला लगातार घर-घर जाकर सर्वे कर रहा है, जिससे कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. बच्चों को एनआरसी सेंटर में उन्हें भर्ती कराया जा रहा है.

अब तक 25 बच्चों की मौत

शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का आंकड़ा अब 25 तक पहुंच गया है. पिछले 26 नवंबर से ही शहडोल में सिलसिलेवार तरीके से बच्चे दम तोड़ रहे हैं. ये अभी भी जारी है.

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