मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) को लेकर हर जगह काफी तैयारियां चल रही हैं, मकर संक्रांति अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, ज्योतिष आचार्यों की मानें तो इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाया जाएगा और 15 जनवरी को ही विशेष मुहूर्त में स्नान करने दान पुण्य करने का विशेष लाभ भी है, इससे जातकों को मकर संक्रांति का विशेष लाभ मिलेगा घर में शांति रहेगी.
मेष राशि-मकर संक्रांति के दिन जो मेष राशि के जातक हैं, उन्हें देवस्नान करने का विधान है, मतलब सुबह 4:00 बजे से लेकर के 5:00 के बीच में इस जातक के लोगों को स्नान करना होगा और काली तिल का दान करें तो विशेष पुण्य मिलेगा, घर में शांति रहेगी.
वृष राशि-वृष राशि के जो जातक है वह भी देव स्नान करें, सुबह 4:00 से 5:00 के बीच में स्नान करें. इसके बाद सफेद तिल और गुड़ का दान करें या फिर सफेद कपड़े का दान करें. इससे इस राशि के जातकों को विशेष पुण्य लाभ मिलता है.
मिथुन राशि-मिथुन राशि के जो जातक हैं वो मानव स्नान करें, मतलब 5:00 से लेकर के 6:00 के बीच में स्नान करें. तिल का दान करें या फिर गर्म कपड़ों का दान करें तो बहुत पुण्य लाभ मिलता है.
कर्क राशि-कर्क राशि के जो जातक होते हैं ये भी चंद्रमा होते हैं, इसलिए सफेद और काली तिल को मिक्चर करके गुड़ से लड्डू बनाए, उसमें कोई फल रख कर के गरीबों को दान करें तो इससे पूरे परिवार को पुण्य लाभ मिलता है, इस राशि के जातक भी देव स्नान करें.
सिंह राशि-मकर संक्रांति के दिन इस बार सिंह राशि के जातक कहीं भी स्नान कर सकते हैं, घर में स्नान करना है तो टब में पानी भर ले, उसमें गंगाजल डालें तालाब में या बहते हुए पानी में मनुष्य स्नान करें, 5:00 से 6:00 के बीच में स्नान करें, तिल के लड्डू, पकवान या खिचड़ी का दान करें, ऐसा करने से बड़ा पुण्य लाभ मिलता है.
कन्या राशि-कन्या राशि का स्वामी बुध है और इसमें स्नान करने का विशेष महत्व ये है, की अर्घ स्नान करें. मतलब तड़के 2.43 से 4 के बीच में स्नान करें. देवस्नान और अर्घ स्नान एक साथ होता है, किसी भी नदी या तालाब में स्नान करने के बाद काली तिल, सफेद तिल और गुड़ का दान करें तो विशेष पुण्य लाभ मिलता है.
तुला राशि-तुला राशि का स्वामी शुक्र है, तुला राशि वाले जातक किसी भी जलाशय में देव स्नान करें. मतलब सुबह तड़के 4:00 से 5:00 के बीच में स्नान करें. सफेद तिल, सफेद आटा, सफेद कंबल या ऊनी वस्त्र गरीबों को बांटे तो पूरा पुण्य लाभ मिलेगा.
वृश्चिक राशि-वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होता है, यानी वृश्चिक राशि के जो जातक हैं वो मनुष्य स्नान करें, मतलब सुबह 5:00 से 6:00 के बीच में स्नान करें, सूर्य को अर्घ्य दें, गणेश जी के पास जाकर प्रार्थना करें, उनके सामने काली या सफेद तिल के लड्डू रखकर भोग लगाएं, और उसे खुद ग्रहण करें और गरीबों को बांटे तो पूरा पुण्य लाभ मिलेगा.
धनु राशि-धनु राशि के जो जातक हैं वो किसी भी जगह पर स्नान करें. गंगा सागर, नर्मदा, बहते हुए पानी या घर में स्नान करें, लेकिन इनके स्नान करने का समय सुबह 5:00 बजे से लेकर के 8:00 बजे तक रहेगा, इस बीच में स्नान करके शिवजी को जल चढ़ाएं एवं सूर्य को जल अर्पण करें. इसके अलावा गन्ने का रस निकालें, पहले खुद ग्रहण करें फिर परिवार को पिलाएं और फिर गरीबों को बांटे, काली तिल का दान करें तो पूरा पुण्य लाभ मिलेगा, घर में शांति रहेगी.
मकर राशि-मकर राशि वाले जातक की बात करें तो मकर राशि का स्वामी शनि है, तो शनि को भगाने के लिए पाप दोष दूर करने के लिए देव स्नान करें, किसी बहते हुए पानी में 4 से 5 बजे के बीच में स्नान करके, तिली का तेल और काली तिल, नमक और चावल ये पोटली में बांधकर किसी भी मंदिर में, किसी भी गरीब और किसी ब्राह्मण को दान कर दें तो शनि की शांति मिलेगी और घर पर सुखद वातावरण रहेगा.
कुंभ राशि-कुंभ राशि का स्वामी शनि है, लेकिन कुंभ राशि के जितने जातक हैं उन्हें देव स्नान और मनुष्य स्नान के दोनों करने का लाभ मिलेगा. सुबह तड़के 3:00 बजे से लेकर के 6:00 बजे के बीच में स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें, फिर तिल, चावल, गुड, शक्कर और गन्ने का दान करें. इससे घर में शांति मिलेगी और संक्रांति का पूरा पुण्य लाभ मिलेगा.
मीन राशि-मीन राशि का स्वामी गुरु है, ऐसे जातक सुबह 4:00 बजे से लेकर 6:00 बजे के बीच में स्नान करें, अपने दीक्षित गुरु का ध्यान करें उनको जल अर्पण करें, इसके बाद सूर्य को जल अर्पण करें और जल अर्पण करने के बाद तिल, तिल का लड्डू, चावल और दाल मिलाकर, खिचड़ी, गन्ना और सिंघाड़े का दान करें तो घर में शांति मिलेगी और पूरा पुण्य लाभ मिलेगा.