महाशिवरात्रि राशिफल। इस बार महाशिवरात्रि का विशेष पर्व 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि के पर्व की विशेष तैयारियां की जाती है. शिव भक्त महाशिवरात्रि की तैयारी में जुट चुके हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, महाशिवरात्रि के दिन 12 राशियों के लिए अलग-अलग विधान भी कहे गए हैं. जानिए अलग-अलग राशियों के हिसाब से कैसे करें शिव जी की पूजा.
मेष राशि: इस राशि के जो भी जातक हैं सुबह स्नान करके शिवजी को स्नान कराएं. उसके बाद चंदन लगाएं, 11-11 बार बेलपत्र चढ़ाएं, चना दाल भगवान शिव पर इस दिन अवश्य चढ़ाएं. इससे उनके घर में सुख समृद्धि होगी, उनके यहां भंडार भरा रहेगा और घर में खुशहाली रहेगी.
वृष राशि: ऐसे जातक स्नान करके तांबे के लोटे में जल लें. शिव जी का अभिषेक करें, त्रिपुंड चंदन लगाएं, सफेद चंदन लगाएं, मलयागिरी चंदन लगाएं और फिर सफेद चंदन से 11 बेलपत्र में ओम नमः शिवाय लिखकर चढ़ाएं. ऐसे जातकों के घर में सुख समृद्धि रहेगी. पूरा पुण्य लाभ मिलेगा और जितने भी जातक हैं सब खुशहाल रहेंगे.
मिथुन राशि: इस राशि के जातक का स्वामी बुध है. इसके जातक जो भी हैं, वह स्नान करके दूध, दही, गंगाजल, घी, शक्कर और गन्ने का रस लेकर शिवजी का अभिषेक करें. पुरोहित को बुलाना चाहते तो बुलाकर विधि विधान से अभिषेक करें. खुद से भी आप ओम नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए वहां पर शिव जी को स्नान कराएं, त्रिपुंड चंदन लगाएं और 21 नग बेल पत्री ओम नमः शिवाय लिखकर शिव जी को चढ़ाएं. उनका कल्याण होगा, भाग्योदय होगा, रुके हुए काम होंगे. जो विद्यार्थी हैं उन्हें भी फायदा होगा. राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा उनके घर में सुख शांति बनी रहेगी.
कर्क राशि: इस राशि के जातक का स्वामी चंद्रमा है. शिवजी के मस्तक पर उस दिन चंद्रमा का निवास रहेगा. ऐसे जातक सुबह स्नान करके शिवजी का अभिषेक करें, दूध, गंगाजल, शहद, शक्कर और विशेष रूप से भांग घोट कर उसका रस निकालकर शिव जी के ऊपर अभिषेक करें, इससे शिवजी बहुत प्रसन्न होंगे और ऐसे जातकों को अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे. घर में शांति रहेगी, खुशियां रहेंगी, और मांगलिक कार्य होंगे और कोई भी विघ्न बाधा उत्पन्न नहीं होगी.
सिंह राशि: इनका स्वामी सूर्य है. ऐसे जातकों को चाहिए कि एक बाल्टी जल लें, उसमें गंगाजल डालें, दूध, दही, शहद, मिलाकर के पंचामृत बनाएं. ओम नमः शिवाय का 108 बार उच्चारण करते हुए शिव जी के ऊपर अभिषेक करें तो सूर्य की भी शांति होगी. शिवजी भी प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद प्रदान करेंगे उनके घर में खुशियां ही खुशियां रहेंगी.
कन्या राशि: ऐसे जातक प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. किसी नदी तालाब या बहते हुए जल में स्नान करें. गंगाजल तांबे के लोटे में लेकर अभिषेक करें. बेलपत्र चढ़ाएं, ऐसे जातक ध्यान रखें कि उस दिन धतूरा का फूल आम का बौर और बेर का फल विशेष रूप से चढ़ाएं, जिससे उनके यहां खुशियां आएंगी. करियर में सुधार होगा. कोई भी किसी भी तरह से जाने अनजाने में प्रायश्चित हो गया है उसमें भी शांति मिलेगी.
तुला राशि: महाशिवरात्रि के दिन दूध और सरसों के तेल से अभिषेक करें, तो उनके ऊपर शनि, मंगल, राहु, केतु की शांति मिलेगी. कोई भी उनके पास आधी व्याधि रोग का संचार नहीं होगा. रुके हुए काम बनेंगे, लेकिन विशेष ध्यान रखें कि सरसों या राई के तेल से अभिषेक करें तो शिवजी बहुत प्रसन्न होंगे.
वृश्चिक राशि: गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें. 11 पत्ती बेलपत्र चढ़ाएं. इसमें राम-राम लिखकर चढ़ाएं और शक्कर और मिष्ठान या मेवा आदि से भोग लगाएं. आरती, पूजन करें. ओम नमः शिवाय का जाप करें. सुख शांति मिलेगी और पूरा परिवार खुशहाल रहेगा.
धनु राशि: ऐसे जातक प्रातः कालीन स्नान करके पीले वस्त्र धारण करके पीले पुष्प बेलपत्र और आम का बौर शिवजी के ऊपर चढ़ाएं. वहां पर ताली बजाते हुए प्रार्थना करें. ऐसे जातकों का भी कल्याण होगा. उनके घर में खुशियां रहेंगी. कोई भी आधी व्याधि का संचार नहीं होगा.
मकर राशि: स्नान करके आटे या बेसन के दो सर्प बनाकर पहले शिवजी का अभिषेक करें. आटे का सर्प चढ़ा देने से उनके ऊपर अगर कालसर्प दोष है या शनि की दृष्टि है या कोई भी घर में अलाय बलाय है, तो उससे शांति मिलेगी. पूरा परिवार खुशहाल रहेगा.
कुंभ राशि: सुबह स्नान करके शिवजी का अभिषेक करें, मिट्टी की मूर्ति भी बनाकर वहां पर अभिषेक कर सकते हैं. उड़द की दाल और धतूरा का फूल, उसका पत्ता और बेलपत्र विशेष रूप से चढ़ाएं. वहां पर भोग लगाएं आरती करें ऐसा करने से जातकों को पूरा पुण्य लाभ मिलेगा. किसी भी तरह के ग्रहों का प्रकोप इस राशि वाले जातकों के ऊपर नहीं पड़ेगा.
मीन राशि: इस में राहु और शनि की दृष्टि पड़ रही है. इस राशि का स्वामी गुरु है. गुरु इस समय कमजोर है. ऐसे जातक स्नान करके लोटा में जल लेकर शिवजी के ऊपर अभिषेक करें, पूजन करें, हवन करें, बेलपत्र चढ़ाएं और ओम नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए एक माला जाप करें. रात्रि के समय विशेष रूप से 6 बजे से 9 बजे के बीच वहां पर प्रार्थना भजन या अभिषेक करें तो ऐसे जातकों पर शनि का प्रभाव नहीं रहेगा.