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Mahashivratri 2023: शनि सूर्य चंद्रमा होंगे एक साथ, इस राशि के जातक रहें सावधान, शिवरात्रि में पूजा से होगा लाभ - महाशिवरात्रि 2023 पूजन विधि

इस साल महाशिवरात्रि में शनि-सूर्य-चंद्रमा एक ही राशि में विराजमान होकर विशेष योग बना रहे हैं. ज्योतिषाचार्य ने इस राशि के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी है, इस राशि के जातकों को शिवरात्रि में शिव पूजा से होगा लाभ होगा.

mahashivratri 2023
महाशिवरात्रि में शनि सूर्य चंद्रमा होंगे एक साथ
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Published : Feb 8, 2023, 3:56 PM IST

महाशिवरात्रि में शनि सूर्य चंद्रमा होंगे एक साथ

Mahashivratri 2023: 18 फरवरी शनिवार के दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का त्यौहार है. (Mahashivratri 2023) महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की विशेष पूजा की जाती है, महाशिवरात्रि का दिन शिव का दिन माना जाता है, और इस दिन शंकर जी की हर जगह विशेष पूजा पाठ की जाती है, शिवालयों में दिनभर पूजा-पाठ का दौर चलता रहता है. शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ लगी रहती है कुल मिलाकर शिवभक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं इस बार महाशिवरात्रि के दिन विशेष योग बनने जा रहा है जिसमें एक ही राशि कुंभ राशि में 3 ग्रह एक साथ आ रहे हैं जिससे ये त्रियोग बन रहा है.

महाशिवरात्रि पर त्रियोग: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के अनुसार 18 फारवरी को महाशिवरात्रि है, और इस दिन 3 गृह एक ही राशि कुम्भ राशि में त्रियोग बना रहे. कुंभ राशि का स्वामी शनि है, और शनि पहले से ही अपने घर में बैठा हुआ है, और कुंभ राशि में ही 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सूर्य का भी प्रवेश होने रहा है और इसी दिन इसी राशि में चंद्रमा का भी प्रवेश होने जा रहा है यानी 3 ग्रह एक साथ कुंभ राशि में विराजमान हो रहे हैं.

कुंभ राशि के जातकों पर असर: तीनों ग्रह एक साथ कुंभ राशि में विराजमान हो रहे हैं. महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, शनि और चंद्र तीनों एक ही राशि में रहेंगे और तीनों एक दूसरे के विरोधी हैं. सूर्य का जिस घर में प्रवेश होगा शनि का वो घर है और चंद्रमा भी रहेगा. तीनों अलग-अलग अपना वहां से संचालन करेंगे, जिससे इस राशि के लोगों को नुकसान होने की संभावना बनेगी.

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि कब, शिव-पार्वती विवाह के दिन क्यों मनाया जाता ये पर्व?

शिव अराधाना से होगा लाभ: ये सब महाशिवरात्रि के दिन होने जा रहा है. महाशिवरात्रि कालों के काल महाकाल का दिन है शिव के मस्तक में सूर्य शनि और चंद्रमा तीनों का वास होता है. सूर्य का तेज शिवजी के पास रहता है, शनि शिव जी के सामने नगण्य हो जाता है तो महाकाल के सामने तीनों ग्रह अपना अपना प्रभाव नहीं जमा पाएंगे, जिससे कुंभ राशि के जो भी जातक हैं उनका कल्याण होगा लेकिन सावधानी ये रखना है कि महाशिवरात्रि के दिन अवश्य शिव जी का पूजन करें, धतूरा का फूल और फल चढ़ाएं, चने की दाल, चावल चढ़ाकर पूजन करें. दूध दही शक्कर घी से शिव जी का अभिषेक करें, और शिव जी से प्रार्थना करें.

महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा अर्चना करने से कोई भी ग्रह हो, भले ही 3 ग्रह मिलकर त्रिशंकु योग बना रहे हैं लेकिन शिवजी की आराधना करने के कारण यह ग्रह कोई भी दुष्प्रभाव नहीं डाल पाएंगे, कुंभ राशि के जातकों का लाभ होगा किसी तरह से इस राशि के जातकों का कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है.

Mahashivratri 2023: इस तरह से करें चार प्रहर की पूजा, मिलता है विशेष फल, खुलते हैं भाग्य के द्वार, होता है धन का आगमन

वृश्चिक राशि में पड़ेगा असर: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के अनुसार इस महाशिवरात्रि में 3 ग्रहों का एक ही राशि में होने से वृश्चिक राशि में थोड़ा असर पड़ेगा क्योंकि इस राशि में मंगल बैठा है और शनि की दृष्टि पड़ने से थोड़ा सा उतार-चढ़ाव वृश्चिक राशि में पड़ने की पूर्ण संभावना रहेगी, लेकिन वृश्चिक राशि के जातक शिवजी की आराधना करें तो उनका भी कोई नुकसान नहीं होगा.

महाशिवरात्रि में शनि सूर्य चंद्रमा होंगे एक साथ

Mahashivratri 2023: 18 फरवरी शनिवार के दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का त्यौहार है. (Mahashivratri 2023) महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की विशेष पूजा की जाती है, महाशिवरात्रि का दिन शिव का दिन माना जाता है, और इस दिन शंकर जी की हर जगह विशेष पूजा पाठ की जाती है, शिवालयों में दिनभर पूजा-पाठ का दौर चलता रहता है. शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ लगी रहती है कुल मिलाकर शिवभक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं इस बार महाशिवरात्रि के दिन विशेष योग बनने जा रहा है जिसमें एक ही राशि कुंभ राशि में 3 ग्रह एक साथ आ रहे हैं जिससे ये त्रियोग बन रहा है.

महाशिवरात्रि पर त्रियोग: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के अनुसार 18 फारवरी को महाशिवरात्रि है, और इस दिन 3 गृह एक ही राशि कुम्भ राशि में त्रियोग बना रहे. कुंभ राशि का स्वामी शनि है, और शनि पहले से ही अपने घर में बैठा हुआ है, और कुंभ राशि में ही 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सूर्य का भी प्रवेश होने रहा है और इसी दिन इसी राशि में चंद्रमा का भी प्रवेश होने जा रहा है यानी 3 ग्रह एक साथ कुंभ राशि में विराजमान हो रहे हैं.

कुंभ राशि के जातकों पर असर: तीनों ग्रह एक साथ कुंभ राशि में विराजमान हो रहे हैं. महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, शनि और चंद्र तीनों एक ही राशि में रहेंगे और तीनों एक दूसरे के विरोधी हैं. सूर्य का जिस घर में प्रवेश होगा शनि का वो घर है और चंद्रमा भी रहेगा. तीनों अलग-अलग अपना वहां से संचालन करेंगे, जिससे इस राशि के लोगों को नुकसान होने की संभावना बनेगी.

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शिव अराधाना से होगा लाभ: ये सब महाशिवरात्रि के दिन होने जा रहा है. महाशिवरात्रि कालों के काल महाकाल का दिन है शिव के मस्तक में सूर्य शनि और चंद्रमा तीनों का वास होता है. सूर्य का तेज शिवजी के पास रहता है, शनि शिव जी के सामने नगण्य हो जाता है तो महाकाल के सामने तीनों ग्रह अपना अपना प्रभाव नहीं जमा पाएंगे, जिससे कुंभ राशि के जो भी जातक हैं उनका कल्याण होगा लेकिन सावधानी ये रखना है कि महाशिवरात्रि के दिन अवश्य शिव जी का पूजन करें, धतूरा का फूल और फल चढ़ाएं, चने की दाल, चावल चढ़ाकर पूजन करें. दूध दही शक्कर घी से शिव जी का अभिषेक करें, और शिव जी से प्रार्थना करें.

महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा अर्चना करने से कोई भी ग्रह हो, भले ही 3 ग्रह मिलकर त्रिशंकु योग बना रहे हैं लेकिन शिवजी की आराधना करने के कारण यह ग्रह कोई भी दुष्प्रभाव नहीं डाल पाएंगे, कुंभ राशि के जातकों का लाभ होगा किसी तरह से इस राशि के जातकों का कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है.

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वृश्चिक राशि में पड़ेगा असर: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के अनुसार इस महाशिवरात्रि में 3 ग्रहों का एक ही राशि में होने से वृश्चिक राशि में थोड़ा असर पड़ेगा क्योंकि इस राशि में मंगल बैठा है और शनि की दृष्टि पड़ने से थोड़ा सा उतार-चढ़ाव वृश्चिक राशि में पड़ने की पूर्ण संभावना रहेगी, लेकिन वृश्चिक राशि के जातक शिवजी की आराधना करें तो उनका भी कोई नुकसान नहीं होगा.

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