शहडोल। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है. एक हफ्ते पहले तक जहां ढाई से तीन टन ऑक्सीजन एक दिन में लगता था. वहीं अब यह करीब 5 टन तक पहुंच गया है. मतलब 24 घंटे में 5 टन ऑक्सीजन की खपत शहडोल मेडिकल कॉलेज में हो रही है. अचानक खपत बढ़ने से पूरा प्रशासन दिन-रात ऑक्सीजन की व्यवस्थाओं में लगा हुआ है.
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मेडिकल कॉलेज में ऐसे हो रही आपूर्ति
शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए 24 घंटे के भीतर 340 सिलेंडर की रीफलिंग हो चुकी है. वहीं 20 मीट्रिक टन, एलएमओ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन मिल चुका है. मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति 2 तरह से हो रही है, एलएमओ और जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से शहडोल मेडिकल कॉलेज में 10 मीट्रिक टन का एलएमओ प्लांट है. वहीं 600 से अधिक सिलेंडर दोनों से एक साथ ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है. पहले एल एम ओ से सप्लाई शुरू कर प्रेशर बनाया जाता है फिर बीच-बीच में इसको बंद करते हुए सिलेंडर से सप्लाई बना दी जाती है. जानकारी के मुताबिक 1 घंटे में 24 जंबो सिलेंडर लग जाते हैं.
सोमवार को भी ऑक्सीज प्रेसर कम करने की शिकायत
ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने के लिए बीच-बीच में ऑक्सीजन का प्रेशर डाउन भी किया जाता है. सोमवार को आईसीयू में दोबारा ऑक्सीजन का प्रेशर कम हुआ, यहां भर्ती मरीजों के मुताबिक दोपहर में करीब 12:30 बजे ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया था. लेकिन कोई अनहोनी नहीं हुई. कुछ देर सबकुछ सामान्य हो गया. शाम करीब 5:30 बजे भी ऑक्सीजन का प्रेशर कुछ कम होने की शिकायत हुई थी. वहीं आईसीयू के बाहर ऑक्सीजन सपोर्ट बेड में भी भर्ती कुछ मरीजों के ऑक्सीजन में कटौती की खबर है.
सप्लाई हो रही 130 टन ऑक्सीजन, खपत 150 टन तक पहुंचने की संभावना
लगातार भरे जा रहे हैं सिलेंडर
मेडिकल कॉलेज के प्लांट में सोमवार सुबह तक का ऑक्सीजन था. वहीं लिक्विड ऑक्सीजन की गाड़ी आने में देरी को देखते हुए लगातार सिलेंडर की रिफिलिंग कराई जा रही है. रविवार शाम से सोमवार शाम तक 340 सिलेंडर रिफिल होकर आ चुके हैं. वहीं सिंगरौली में 100 सिलेंडर की रिफलिंग चल रही थी. जिसके आज पहुंचने की उम्मीद है इसके अलावा भिलाई से 10 मीट्रिक टन एल एम ओ का टैंकर रात में करीब 8:00 बजे शहडोल पहुंच चुका था.
ऑक्सीजन समस्या पर बोले डीन
ऑक्सीजन की समस्या को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरलकर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की खपत ज्यादा है. मरीज सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिनको कम ऑक्सीजन की जरूरत है, उनका ऑक्सीजन कम कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टर के आने के बाद वो या उनके परिजन उसे फिर बढ़ा लेते हैं. मरीज का ऑक्सीजन लेवल बढ़ने के बाद भी मरीज बेड नहीं छोड़ते हैं. जिससे दिक्कत होती है.
मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों की संख्या
गौरतलब है कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में सोमवार शाम तक के आंकड़ों के मुताबिक 320 मरीज अभी भर्ती हैं. जिसमें 65 मरीज एचडीयू आईसीयू में हैं. शहडोल जिले में बीते सोमवार को 221 कोरोना के संक्रमित मरीज पाए गए तो वहीं 235 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने जो बुलेटिन जारी किया है उसके मुताबिक शहडोल जिले में कोरोना की वजह से 3 लोगों की मौत भी हुई है.