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बारिश के कारण सब्जियों के बढ़े दाम, आम नागरिक और व्यापारी सब परेशान

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Published : Jul 20, 2019, 8:39 PM IST

आम नागरिक से व्यापारी वर्ग तक हर किसी को बढ़ती महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद अब लोगों के रसाई पर महंगाई का असर पड़ा है. बारिश के चलते सब्जी मंडियों में सब्जी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.

बारिश के कारण फल- सब्जियों के बढ़े दाम

शहडोल। बढ़ती महंगाई को लेकर हर कोई परेशान है, जहां देखो वहां महंगाई को लेकर चर्चा हो रही है. आम नागरिक से व्यापारी वर्ग तक हर किसी को इस बढ़ती महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद अब लोगों के रसाई पर महंगाई का असर पड़ा है. बारिश के चलते सब्जी मंडियों में सब्जी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिससे मंहगाई को लेकर लोगों का हाल बेहाल है.

शहडोल जिला अदिवासी अंचल है और यहां महंगाई की मार इतनी है कि लोग परेशान हैं. जिले में सब्जियों के दाम इतने बढ़े हुए हैं जिसने लोगों की जेब पर लगातार बोझ बढ़ रहा है. आम नागरिक से व्यापारी तक समझ नहीं पा रहे कि वो महीने का खर्च कैसे चलाएं. आम नागरिक अपने खाने में सब्जी की मात्रा कम कर रहे हैं. लोग1 किलो की जगह आधा किलो सब्जियां खरीद रहे हैं.

बारिश के कारण फल- सब्जियों के बढ़े दाम

सब्जियों से लेकर फल और दाल तक सभी हुए महंगे
जिले में अधिकतर सब्जियों के दाम 40 रुपये से ऊपर हैं. टमाटर 50-60 रुपये किलो मार्केट में मिल रहा है. वहीं गिल्की 40, केला 40, भिंडी 40, बैंगन 40, शिमला मिर्च 80 रुपये किलो मार्केट में मिल रहा है. आम नागरिकों का कहना है कि जिस तरह से सब्जियां महंगी हो गई हैं उससे वो परेशान हैं. महीने का बजट मेंटेन करने के लिए टमाटर को खरीदना ही बंद कर दिया है. महंगाई की मार सब्जियों में ही नहीं बल्कि किराना व्यापारी से लेकर हर तरह के व्यापारियों को झेलना पड़ रहा है. खुले में अरहर दाल 95 रुपये किलो बिक रहा है जो लोग पहले 1 किलो दाल ले जाते था अब एक पाव में ही काम चला रहे हैं.

व्यापारियों ने कहा- धंधे पर पड़ रहा है असर
व्यापारियों का साफ कहना है कि इस बढ़ती महंगाई को लेकर अब ग्राहकों ने खरीददारी कम कर दी है. व्यापारी नीरज सोनी कहते हैं कि महंगाई के चलते काम पर असर हुआ है वैसे भी ये आदिवासी बेल्ट है, यहां बिजनेस बड़े शहरों की तरह नहीं है.
सब्जी व्यापारी मोहम्मद इमरान कहते हैं कि बारिश के चलते बाहर से सब्जियां नहीं आ पा रही हैं जिससे सब्जी महंगी है. सब्जी महंगी रहने से उनके व्यवसाय पर भी असर पड़ा है, लोग एक किलो की जगह आधे किलो से ही काम चला रहे हैं.
गांव के किराना व्यापारी अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि महंगाई के वजह से हम-जैसे छोटे व्यापारी बहुत परेशान हैं. हमें फायदा तो वही मिलना है बस अब पूंजी ज्यादा लग रही है. लोगों ने खरीददारी भी कम कर दी है.

शहडोल। बढ़ती महंगाई को लेकर हर कोई परेशान है, जहां देखो वहां महंगाई को लेकर चर्चा हो रही है. आम नागरिक से व्यापारी वर्ग तक हर किसी को इस बढ़ती महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद अब लोगों के रसाई पर महंगाई का असर पड़ा है. बारिश के चलते सब्जी मंडियों में सब्जी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिससे मंहगाई को लेकर लोगों का हाल बेहाल है.

शहडोल जिला अदिवासी अंचल है और यहां महंगाई की मार इतनी है कि लोग परेशान हैं. जिले में सब्जियों के दाम इतने बढ़े हुए हैं जिसने लोगों की जेब पर लगातार बोझ बढ़ रहा है. आम नागरिक से व्यापारी तक समझ नहीं पा रहे कि वो महीने का खर्च कैसे चलाएं. आम नागरिक अपने खाने में सब्जी की मात्रा कम कर रहे हैं. लोग1 किलो की जगह आधा किलो सब्जियां खरीद रहे हैं.

बारिश के कारण फल- सब्जियों के बढ़े दाम

सब्जियों से लेकर फल और दाल तक सभी हुए महंगे
जिले में अधिकतर सब्जियों के दाम 40 रुपये से ऊपर हैं. टमाटर 50-60 रुपये किलो मार्केट में मिल रहा है. वहीं गिल्की 40, केला 40, भिंडी 40, बैंगन 40, शिमला मिर्च 80 रुपये किलो मार्केट में मिल रहा है. आम नागरिकों का कहना है कि जिस तरह से सब्जियां महंगी हो गई हैं उससे वो परेशान हैं. महीने का बजट मेंटेन करने के लिए टमाटर को खरीदना ही बंद कर दिया है. महंगाई की मार सब्जियों में ही नहीं बल्कि किराना व्यापारी से लेकर हर तरह के व्यापारियों को झेलना पड़ रहा है. खुले में अरहर दाल 95 रुपये किलो बिक रहा है जो लोग पहले 1 किलो दाल ले जाते था अब एक पाव में ही काम चला रहे हैं.

व्यापारियों ने कहा- धंधे पर पड़ रहा है असर
व्यापारियों का साफ कहना है कि इस बढ़ती महंगाई को लेकर अब ग्राहकों ने खरीददारी कम कर दी है. व्यापारी नीरज सोनी कहते हैं कि महंगाई के चलते काम पर असर हुआ है वैसे भी ये आदिवासी बेल्ट है, यहां बिजनेस बड़े शहरों की तरह नहीं है.
सब्जी व्यापारी मोहम्मद इमरान कहते हैं कि बारिश के चलते बाहर से सब्जियां नहीं आ पा रही हैं जिससे सब्जी महंगी है. सब्जी महंगी रहने से उनके व्यवसाय पर भी असर पड़ा है, लोग एक किलो की जगह आधे किलो से ही काम चला रहे हैं.
गांव के किराना व्यापारी अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि महंगाई के वजह से हम-जैसे छोटे व्यापारी बहुत परेशान हैं. हमें फायदा तो वही मिलना है बस अब पूंजी ज्यादा लग रही है. लोगों ने खरीददारी भी कम कर दी है.

Intro:नोट- वर्जन 5 लोगों के हैं जिसमें शुरू के 3 वर्जन आम नागरिक के हैं और आखिरी के 2 वर्जन व्यापारियों के हैं।


लोगों पर महंगाई की मार, सब्जियों से लेकर हर चीज के बढ़े दाम, ग्राहक, व्यापारी सब परेशान

शहडोल- बढ़ती महंगाई को लेकर हर कोई परेशान है, जहां देखो वहां महंगाई को लेकर चर्चा हो रही है, आम नागरिक मंहगाई को लेकर परेशान है, व्यापारी भी परेशान है सबका बस एक ही कहना है की महंगाई है जो रुकने का नाम ही नहीं ले रही। शहडोल जिले में भी मंहगाई को लेकर लोगों का हाल बेहाल है।





Body:सब्जियों से लेकर फल तक सभी महंगे

शहडोल जिला अदिवासी अंचल है और यहां महंगाई की मार इतनी है कि लोग परेशान हैं, जिले में सब्जियों के दाम इतने बढ़े हुए हैं जिसने लोगों की जेब ढीली कर रखी है लोग समझ नहीं पा रहे कि वो महीने का खर्च कैसे चलाएं, जिले में अधिकतर सब्जियों के दाम 40 रुपये से ऊपर हैं टमाटर 50 रुपये किलो मार्केट में मिल रहा है, गिल्की 40, केला 40, भिंडी 40 बैगन 40 शिमला मिर्च 80 रुपये किलो मार्केट में मिल रहा है जिसे लेकर व्यापारी से लेकर ग्राहक तक परेशान हैं, आम नागरिकों का कहना है कि जिस तरह से सब्जियां महंगी हो गई हैं उससे वो परेशान हैं टमाटर तो खरीदना ही बंद कर दिये हैं महीने का बजट मेंटेन रहे इसलिए जहां एक किलो सब्जी लगती है वहां आधा किलो में ही काम चला रहे हैं। कुछ लोगों ने तो कहा कि वो महीने के खर्च को मेंटेन करने के लिए कभी कभी बिना सब्जी के ही रह जाते हैं।
सब्जी व्यापारी मोहम्मद इमरान कहते हैं कि बारिश के चलते बाहर से सब्जियां नहीं आ पा रही हैं जिससे सब्जी महंगी है, इमरान कहते हैं कि सब्जी महंगी रहने से उनके व्यवसाय पर भी असर पड़ा है अब लोग एक किलो की जगह आधे किलो से ही काम चला रहे हैं।

व्यापारियों ने कहा धंधे पर पड़ा है असर

महंगाई की मार सब्जियों में ही नहीं बल्कि किराना व्यापारी से लेकर हर तरह के व्यापारियों को झेलना पड़ रहा है, व्यापारियों का साफ कहना है कि इस बढ़ती महंगाई को लेकर अब ग्राहकों ने खरीददारी कम कर दी है, व्यापारी नीरज सोनी कहते हैं कि महंगाई के चलते काम पर असर हुआ है वैसे भी ये आदिवासी बेल्ट है, यहां बिजनेस बड़े शहरों की तरह नहीं है, और ऊपर से अब महंगाई की मार, व्यापार पर असर तो पड़ा है।

गांव के किराना व्यापारी अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि महंगाई के वजह से हम जैसे छोटे व्यापारी बहुत परेशान हैं, हमें फायदा तो वही मिलना है बस अब पूंजी ज्यादा लग रही, लोगों ने खरीददारी भी कम कर दी है खुले में राहर दाल 95 रुपये किलो बिक रहा है जो पहले 1 किलो दाल ले जाता था अब एक पाव में ही काम चला रहा है।




Conclusion:गौरतलब है की सब्जी से लेकर हर चीज तक महंगाई की मार है इससे आम नागरिक की कमर तो टूट ही रही है साथ ही व्यापारी भी परेशान हो रहा है।
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