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इंस्पेक्टर की जान बचाने कवायद, शहडोल से जबलपुर तक बनाया ग्रीन कॉरिडोर - शहडोल से जबलपुर तक बनाया ग्रीन कॉरिडोर

इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी की हालत गंभीर होने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए जबलपुर ले जाया गया. इस दौरान समय पर इलाज मिल सके इसके लिए शहडोल से जबलपुर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था.

green corridor built from shahdol to jabalpur
इंस्पेक्टर की जान बचाने कवायद
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Published : May 16, 2021, 4:43 PM IST

शहडोल। कोरोना महामारी के दौर में पहले दिन से ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मी लगातार इसकी चपेट में रहे हैं. शहडोल जिले के इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी भी कोरोना की चपेट में आ गए थे. जिनका इलाज शहडोल मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. इस दौरान उन्होंने कोरोना से जंग भी जीत ली थी. लेकिन उनके स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया. जिसके बाद इंस्पेक्टर की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें जबलपुर भेजने का फैसला लिया गया. और शहडोल से जबलपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा गया जबलपुर

दरअसर इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी कोरोना संक्रमित हो गए थे और कोरोना से जंग जीत भी चुके थे. लेकिन इसके बाद भी उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था. शहडोल से उन्हें बेहतर इलाज के लिए जबलपुर रेफर कर दिया गया था. इंस्पेक्टर को जल्द से जल्द जबलपुर पहुंचाना था, क्योंकि उनकी स्थिति नाजुक थी. जिसे देखते हुए शहडोल मेडिकल कॉलेज से जबलपुर तक के रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर बना दिया गया. इसके लिए शहडोल, उमरिया से होते हुए शाहपुरा-कुंडम मार्ग को चुना गया. दोपहर करीब 12 बजे इंस्पेक्टर को एक मेडिकल टीम की देखरेख में एंबुलेंस के माध्यम से रवाना किया गया. विशेष सुविधाओं से लेस इस एंबुलेंस के जरिए इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी को जबलपुर लाया गया.

green corridor built from shahdol to jabalpur
शहडोल से जबलपुर तक बनाया ग्रीन कॉरिडोर

रेलवे ने प्राणवायु के लिए बनाया 225 किमी का ग्रीन कॉरिडोर

डॉक्टर्स की टीम गई थी साथ

शहडोल से डॉक्टर सचिन कारखुर को उनकी टीम के साथ ग्रीन कॉरिडोर में शामिल किया गया. और मरीज को जबलपुर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई. इस दौरान शहडोल मेडिकल कॉलेज में पुलिस कप्तान अवधेश कुमार गोस्वामी, एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य, डीएसपी यातायात अखिलेश तिवारी, थाना प्रभारी सोहागपुर योगेंद्र सिंह परिहार मौजूद रहे.

शहडोल। कोरोना महामारी के दौर में पहले दिन से ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मी लगातार इसकी चपेट में रहे हैं. शहडोल जिले के इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी भी कोरोना की चपेट में आ गए थे. जिनका इलाज शहडोल मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. इस दौरान उन्होंने कोरोना से जंग भी जीत ली थी. लेकिन उनके स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया. जिसके बाद इंस्पेक्टर की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें जबलपुर भेजने का फैसला लिया गया. और शहडोल से जबलपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा गया जबलपुर

दरअसर इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी कोरोना संक्रमित हो गए थे और कोरोना से जंग जीत भी चुके थे. लेकिन इसके बाद भी उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था. शहडोल से उन्हें बेहतर इलाज के लिए जबलपुर रेफर कर दिया गया था. इंस्पेक्टर को जल्द से जल्द जबलपुर पहुंचाना था, क्योंकि उनकी स्थिति नाजुक थी. जिसे देखते हुए शहडोल मेडिकल कॉलेज से जबलपुर तक के रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर बना दिया गया. इसके लिए शहडोल, उमरिया से होते हुए शाहपुरा-कुंडम मार्ग को चुना गया. दोपहर करीब 12 बजे इंस्पेक्टर को एक मेडिकल टीम की देखरेख में एंबुलेंस के माध्यम से रवाना किया गया. विशेष सुविधाओं से लेस इस एंबुलेंस के जरिए इंस्पेक्टर प्रदीप द्विवेदी को जबलपुर लाया गया.

green corridor built from shahdol to jabalpur
शहडोल से जबलपुर तक बनाया ग्रीन कॉरिडोर

रेलवे ने प्राणवायु के लिए बनाया 225 किमी का ग्रीन कॉरिडोर

डॉक्टर्स की टीम गई थी साथ

शहडोल से डॉक्टर सचिन कारखुर को उनकी टीम के साथ ग्रीन कॉरिडोर में शामिल किया गया. और मरीज को जबलपुर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई. इस दौरान शहडोल मेडिकल कॉलेज में पुलिस कप्तान अवधेश कुमार गोस्वामी, एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य, डीएसपी यातायात अखिलेश तिवारी, थाना प्रभारी सोहागपुर योगेंद्र सिंह परिहार मौजूद रहे.

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