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शिव चतुर्दशी में रात में होती है चार प्रहर की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि आज रात में भगवान शिव की विशेष पूजा करके मन चाहे फल की प्राप्ति होती है. इस तिथि में विशेष मुहूर्त में पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.

Pandit Sushil Shukla Shastri
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री
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Published : Jul 18, 2020, 3:11 PM IST

शहडोल। सावन का महीना चल रहा है और कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती. आज श्रावण कृष्ण पक्ष शिव चतुर्दशी तिथि है और आज के दिन रात में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाति है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि इस तिथि में विशेष पूजा करके मन चाहे फल की प्राप्ति होती है. इस तिथि में विशेष मुहूर्त में पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.

पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक आज श्रावण कृष्ण पक्ष शिव चतुर्दशी की रात में भगवान शिव की पूजा होती है, लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं और इस विशेष मुहूर्त में पूजा करना विशेष फलदायी होता है.

रात्रि में चार बार करें पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि रात में 6 बजे से 9 बजे तक पहला प्रहर, रात 9 बजे से 12 तक दूसरा प्रहर और रात्रि 12 से तड़के 3 बजे तक तीसरा प्रहर और आखिरी प्रहर रात्रि 3 बजे से सुबह 6 बजे तक, ये चार प्रहर की विशेष पूजा भगवान शिव की शिव चतुर्दशी के दिन होती है.

चार प्रहर, चार प्रकार के भोग
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि शिव चतुर्दशी की इस विशेष तिथि में रात्रिकालीन जो चार प्रहर की पूजा होती है, उसमें चार प्रकार से भोग लगाए जाते हैं, प्रथम प्रहर में जैसे मीठा का भोग लगेगा, दूसरे प्रहर में फल का भोग लगेगा, तीसरे प्रहर में पकवान का भोग लगेगा और फिर चौथे प्रहर में चूरमा और लड्डू का भोग लगता है और फिर इसके बाद हवन पूजन करके पूजा समाप्त होती है.

जो सालभर में जो त्रियोदशी व्रत करते हैं, पूजन करते हैं वो आज इस विशेष तिथि में चार प्रहर में विशेष प्रकार से पूजन कर लें, तो ये एक साल की पूजा के बराबर है.

शिव चतुर्दशी इसलिए विशेष
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि शिव चतुर्दशी की पूजा इसलिए विशेष होती है क्योंकि आज के दिन इस तिथि में शिव-पार्वति का विवाह हुआ था, तो विवाह के उपलक्ष्य में आज की तिथि को विशेष मानते हैं और रात में चार प्रहर की पूजा करने से हमेशा शिव की कृपा बनी रहती है.

शहडोल। सावन का महीना चल रहा है और कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती. आज श्रावण कृष्ण पक्ष शिव चतुर्दशी तिथि है और आज के दिन रात में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाति है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि इस तिथि में विशेष पूजा करके मन चाहे फल की प्राप्ति होती है. इस तिथि में विशेष मुहूर्त में पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.

पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक आज श्रावण कृष्ण पक्ष शिव चतुर्दशी की रात में भगवान शिव की पूजा होती है, लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं और इस विशेष मुहूर्त में पूजा करना विशेष फलदायी होता है.

रात्रि में चार बार करें पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि रात में 6 बजे से 9 बजे तक पहला प्रहर, रात 9 बजे से 12 तक दूसरा प्रहर और रात्रि 12 से तड़के 3 बजे तक तीसरा प्रहर और आखिरी प्रहर रात्रि 3 बजे से सुबह 6 बजे तक, ये चार प्रहर की विशेष पूजा भगवान शिव की शिव चतुर्दशी के दिन होती है.

चार प्रहर, चार प्रकार के भोग
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि शिव चतुर्दशी की इस विशेष तिथि में रात्रिकालीन जो चार प्रहर की पूजा होती है, उसमें चार प्रकार से भोग लगाए जाते हैं, प्रथम प्रहर में जैसे मीठा का भोग लगेगा, दूसरे प्रहर में फल का भोग लगेगा, तीसरे प्रहर में पकवान का भोग लगेगा और फिर चौथे प्रहर में चूरमा और लड्डू का भोग लगता है और फिर इसके बाद हवन पूजन करके पूजा समाप्त होती है.

जो सालभर में जो त्रियोदशी व्रत करते हैं, पूजन करते हैं वो आज इस विशेष तिथि में चार प्रहर में विशेष प्रकार से पूजन कर लें, तो ये एक साल की पूजा के बराबर है.

शिव चतुर्दशी इसलिए विशेष
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि शिव चतुर्दशी की पूजा इसलिए विशेष होती है क्योंकि आज के दिन इस तिथि में शिव-पार्वति का विवाह हुआ था, तो विवाह के उपलक्ष्य में आज की तिथि को विशेष मानते हैं और रात में चार प्रहर की पूजा करने से हमेशा शिव की कृपा बनी रहती है.

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