शहडोल। आदिवासी बाहुल्य जिले से इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले अधिकतर मरीजों में खून की कमी होती है, हीमोग्लोबिन उनका कम होता है, और अगर हीमोग्लोबिन सही मात्रा में होता भी है तो थकान अनिद्रा जैसी चीजे इंसान पर हावी रहती हैं, देखा जाए तो अक्सर कहा जाता है खून की कमी दूर करने के लिए अनार, अंजीर, मुनक्का जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए, इसे बहुत ज्यादा न्यूट्रिशियस माना गया है, लेकिन इस बढ़ती महंगाई में इनके दाम महंगे होने की वजह से हर वर्ग के व्यक्ति के लिए ये अफॉर्डेबल नहीं होता है.
ऐसे में आसानी से कैसे अपने घर में ही उपस्थित आसपास की चीजों से शरीर में खून की कमी को दूर किया जा सकता है. दैनिक दिनचर्या में किस तरह की चीजों का बदलाव करके अपने शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, साथ ही मौसम के हिसाब से अपने खान पान में किस तरह से बदलाव करने चाहिए, इन सभी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया है आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर अंकित नामदेव ने..
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ अंकित नामदेव कहते हैं कि शहडोल जिले में ज्यादातर मरीजों में खून की कमी देखी जाती है, जो पेशेंट आते हैं उसमें अधिकतर लोगों में इस तरह कि समस्याएं आती हैं, तो इसका सबसे बड़ा कारण जो हमें समझ में आया वो लौह तत्व का अभाव और आयरन की कमी, बी कॉन्प्लेक्स की कमी, बी कॉन्प्लेक्स की कमी का मुख्य कारण यह है कि इस बेल्ट में ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं, यहां ज्यादातर लोग मांसाहारी नहीं है और बी काम्प्लेक्स मांसाहारी लोगों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. आयरन की कमी का मुख्य कारण और भी है कि यहां पर ज्यादातर लोग भोजन के उपरांत दुग्ध पदार्थों का सेवन करते हैं. कोई दूध का सेवन करता है कोई चाय का सेवन करता हैं, जिसके कारण बॉडी आयरन अब्जॉर्ब नहीं कर पाती तो सर्व प्रथम ये करना चाहिए कि दूध को सेपरेट फूड मानें, और उसको या तो ब्रेकफास्ट के टाइम पे लें या फिर खाना खाने के कम से कम 4 घंटे के बाद में लें, जिससे आयरन पार्टिकल के साथ में दूध बाईंड होकर अब्जॉर्प्शन में रोक न लगाए,
आयरन बढाने के लिये अच्छा और सस्ता विकल्प
चिकित्सक ने आगे बताया कि यह बात सही है कि अनार अंजीर मुनक्का आदि बहुत न्यूट्रिशियस होता है, लेकिन यह हर वर्ग के लिए अफोर्डबल नहीं है, देखा जाए जो घर में जो साबुत जीरा होता है, उसे अगर एक से 2 ग्राम की मात्रा में भोजन के ऊपर डाला जाए, और स्प्रिंकल किया जाए तो ये आयरन का बहुत अच्छा सोर्स है, दूसरा आयरन बढाने के लिये आपका मुनगा, मुनगा के पत्ती का चूर्ण, मुनगे की भाजी और मुनगे की सब्जी, आयरन बढाने के लिये बहुत अच्छा विकल्प है, जोकि इस क्षेत्र में प्रचुरता से उपलब्ध भी है, मुनगे की पत्ती का चूर्ण चार से पांच ग्राम की मात्रा में सुबह खाली पेट लिया जाए तो खून की कमी काफी हद तक दूर हो सकती है. दूसरा परवल है और तीसरा यहां का लोकल परोरा, परोरा भी खून की कमी में बहुत कारगर है, पपीता खाया जा सकता है पपीता यहां पर अवेलेबल भी हो जाता है लोकल में भी इसकी उपज है.
दैनिक दिनचर्या में ऐसे करें बदलाव
दैनिक दिनचर्या में बदलाव को लेकर आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं की इंसान को खाने से ज्यादा पचाने पर ध्यान देना चाहिए. अगर पाचन तंत्र बिगड़ा है तो सप्लीमेंट बहुत ज्यादा काम नहीं करते हैं. पाचन तंत्र को ठीक रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. उसके लिए सुबह जल्दी जागना जरुरी है, थोड़ा व्यायाम जरूरी है, मोशन अच्छे से होना चाहिए, इसके अलावा खाने का समय निर्धारित होना चाहिए, ब्रेकफास्ट लंच और डिनर का टाइम फिक्स होना चाहिए, फ्रीक्वेंट मील नहीं लेना चाहिए, स्नैक्स से दूर रहना चाहिए, पैक्ड फूड से दूर रहना चाहिए, ज्यादा मीठा से दूर रहना चाहिए.
इस लक्षण वाले ज्यादा मरीज
बहुत सारे मरीज ऐसे आते हैं जिनकी हीमोग्लोबिन अच्छी रहती है, लेकिन सीढ़ी चढ़ने में सांस फूलना, कॉफ मसल पेन इस तरह के पेसेंट रहते हैं, दूसरा चक्कर आना, कमजोरी रहना, उत्साह नहीं, अनिद्रा रहना इस तरह के लक्षण वाले ज्यादा मरीज आते हैं. हिमोग्लोबिन महिलाओं में ज्यादातर कम देखा जाता है और भी बहुत से कारण होते महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम होने के.
मौसम के साथ दिनचर्या में ऐसे करें बदलाव
आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर अंकित नामदेव कहते हैं कि बरसात के मौसम में संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है. हीमोग्लोबिन की कमी, खून की कमी से संक्रमण और ज्यादा तेजी से फैलता है. ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ख्याल थोड़ा ज्यादा रखना चाहिए, उबाल के ठंडा किया हुआ पानी पीना चाहिए, ज्यादा अच्छा है बाहर की चीजें और खट्टी चीजों से थोड़ा सा बचे साथ ही खुद को डिहाइड्रेट रखें.