शहडोल। अप्रैल का महीना शुरू हो चुका है. हिंदू नव वर्ष की पहली पूर्णिमा भी इसी महीने में है. सबसे खास बात हनुमान जयंती भी है. चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि इसी दिन हनुमान जी का जन्म भी हुआ था. इसीलिए इस विशेष दिन स्नान दान करने से व्रत करने से पूजा पाठ करने से विशेष फल मिलता है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि इस दिन किस तरह से पूजा-पाठ और व्रत करना चाहिए.
चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि इस बार 5 अप्रैल को बुधवार के दिन शुरू हो रही है. जो लोग चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखना चाहते हैं, वो लोग 5 अप्रैल को ही व्रत रखेंगे, क्योंकि चैत्र पूर्णिमा की तिथि का चंद्रोदय उस दिन ही है, इसलिए 5 अप्रैल को ही व्रत रखने से विशेष फल मिलेगा. जो लोग पूर्णिमा का स्नान दान करना चाहते हैं. वह लोग 6 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में चैत्र पूर्णिमा का स्नान दान कर सकते हैं. इस दिन ऐसा करने से विशेष फल मिलेगा.
कथा का करें श्रवण: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जिन लोगों को चैत्र पूर्णिमा का स्नान दान करना है, वह लोग 6 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का स्नान दान कर सकते हैं. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त से यह तिथि शुरू हो रही है. ब्रह्म मुहूर्त एवं सूर्योदय के समय पूर्णिमा होने से यह पूरे दिन प्रशस्त होगा. इस अवधि में स्नान दान पुण्य हवन अर्चन करें. विशेषकर सूर्य भगवान या सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण करें.
हनुमान जयंती कब: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि उदया तिथि की मानें तो 6 अप्रैल को इस बार हनुमान जयंती मनाई जाएगी. इसी दिन ब्रह्म मुहूर्त से स्नान दान करने का भी महत्व है. पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान दान करने वाले इसी दिन सुबह से कर सकते हैं. हनुमानजी की विधि विधान से पूजा होगी. शुभ मुहूर्त की बात करें तो सुबह 6:15 से 7:48 तक है, और सुबह 7:48 बजे से 9:21 बजे तक अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त है, और फिर 10:53 बजे से 10: 26 तक शुभ उत्तम मुहूर्त है. इन मुहूर्त में आप हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं.
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हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व: हनुमान जयंती भी 6 अप्रैल को है. जो हनुमान जी की पूजा करते हैं, उन्हें विशेष अर्घ देते हैं. सिंदूर और घी से उनका लेपन करते हैं, उनका श्रृंगार करते हैं तो ऐसे जातकों पर शनि का प्रभाव नहीं रहता है. क्रूर ग्रह जैसे शनि, राहु केतु हैं, इनका कोई प्रभाव नहीं होता है. चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से लेकर संवत 2081 इसी पूर्णिमा के दिन तक के लिए वह सुरक्षित हो जाते हैं. उन पर शनि का प्रभाव नहीं रहता है. जिसके ऊपर हनुमानजी की कृपा रहती है और जो जातक हनुमान जी की सेवा करते हैं. हनुमान जी उनसे प्रसन्न होते हैं, उनको वरदान देते हैं. क्रूर ग्रहों का प्रभाव उन जातकों के ऊपर नहीं पड़ेगा. एक 1 वर्ष के लिए जातक सुरक्षित हो जाता है. उनके घर में सुख समृद्धि बनती है. किसी भूत-प्रेत पिशाच का साया उनके ऊपर प्रभाव नहीं पड़ता है. यही सबसे उत्तम लाभ मिलता है.