शहडोल। अभी कुछ दिन पहले ही मौसम ने करवट बदली थी, आसमान में घने बादल छाए थे और कहीं-कहीं हल्की फुल्की बूंदाबांदी भी हुई थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम साफ है. एक बार फिर मौसम विभाग ने रिपोर्ट जारी कर बादल छाए रहने की संभावना जताई है, आखिर क्या कुछ है रिपोर्ट में साथ ही रवि सीजन की फसलों (Rabi Season Crop) का कैसे रखे ख्याल, जिससे न हो कोई नुकसान.
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अगले 5 दिनों के मौसम का हाल
मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि मौसम विभाग से प्राप्त मध्यम अवधि के पूर्वानुमान के अनुसार शहडोल जिले में अगले 5 दिनों के दौरान 27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच बादल छाए रहने की संभावना है, लेकिन बारिश नहीं होने की संभावना बनी हुई है, अधिकतम तापमान 29 से 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 से 11 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
फसलों का ऐसे ख्याल रखें किसान
कृषि वैज्ञानिक की मानें तो सरसों की फसल में वर्तमान मौसम की स्थिति सरसों में एफिड्स संक्रमण के लिए उपयुक्त है, इसलिए किसानों को फसल की निगरानी के लिए सलाह दी जाती है, अगर संक्रमण आर्थिक क्षति स्तर (farmers worried about Weather change) से ऊपर है तो संक्रमण के प्रारंभिक चरण में डाइमेथोएट 30 इसी 500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें.
चने की फसल पर रोग का प्रकोप
कृषि वैज्ञानिक ने सलाह दी है कि शुरुआती सीजन में चने की बोवनी करने वाले किसान फसल का निरीक्षण करते रहें, जड़ सड़न रोग का प्रकोप दिखाई देने पर कंट्रोल के लिए रिडोमिल 1.5 से 2.0 ग्राम प्रति लीटर की दर से जड़ों के चारों ओर छिड़काव करें, चने की फसल जब लगभग 25 से 30 दिनों की हो जाए, तब पौधों की ऊपरी शाखाओं की हल्की तुड़ाई कर दें, जिससे अधिक शाखाएं निकल सकें, प्रथम सिंचाई शाखाएं निकलते समय बुवाई के 30 से 35 दिनों के बाद करना चाहिए, अगले 5 दिनों के दौरान मौसम की स्थिति को देखते हुए किसानों को चने की फसल जो लगभग 30 से 35 दिन पहले बोई गई थी, सिंचाई करने की सलाह दी जाती है.
गेहूं-आलू किसानों को ये है सलाह
गेंहू के लिए देर से बोवनी हेतु अनुशंसित किस्में एमपी 3336, जीडब्ल्यू 173, एचआई 1454 एवं जेडब्ल्यू 1202 देर से बोवनी में बीज दर 25% बढ़ा देना चाहिए, जो किसान गेहूं की बोवनी नवंबर माह के पहले हफ्ते में कर लिए हैं, वो फसल की पहली सिंचाई 20 से 25 दिन की अवस्था में शीर्ष जड़ जमने के समय करें, सिंचाई के बाद नाइट्रोजन उर्वरक की शेष बची मात्रा की आधी मात्रा का छिड़काव करें, आलू की फसल लगाने वाले किसान अगले 5 दिनों के दौरान मौसम की स्थिति को देखते हुए एक माह पूर्व बोवनी की गई आलू की फसल में सिंचाई के बाद उर्वरक का प्रयोग करें.