शहडोल। जिले में सोमवार को पूरे दिन बादल छाए रहे, सावन के तीसरे सोमवार के दिन सुबह 10 बजे के बाद रिमझिम बारिश भी शुरू हुई, तब से रुक-रुक कर बीच-बीच में कही कहीं हल्की फुहार पड़ती रही, मौसम सुहाना रहा, पर किसानों को जिस बारिश का इंतजार है, वह अब तक नहीं हुई है. आज भी किसानों को बारिश का इंतजार है, पर बादल लुकाछिपी का खेल खेलकर छिप जाते हैं.
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दिन भर पड़ती रही हल्की फुहार
सुबह से ही अचानक मौसम ने करवट बदली और आसमान में घने बादल छा गए, जिसके बाद करीब 10:00 बजे से रिमझिम फुहार पड़ने लगी. हल्की बारिश से मौसम तो सुहाना हो गया, अभी भी जिस तरह के बादल आसमान में नजर आ रहे हैं, उसे देखकर यही लगता है कि बारिश हो सकती है, पूरे दिन कहीं-कहीं रिमझिम फुहारों वाली बारिश होती रही, जिससे लोगों को आने जाने में परेशानियों का भी सामना करना पड़ा.
किसानों को तेज बारिश का इंतजार
अभी हाल ही में जुलाई के महीने में लंबे वक्त बाद शहडोल जिले में दो तीन दिन ही सही पर अच्छी बारिश हुई थी, जिसके बाद किसानों के चेहरे खिल उठे थे और किसानों ने धान के फसल की रोपाई तेज कर दिया था, एक बार फिर किसानों को तेज बारिश का इंतजार है, मौसम तो हर दिन बारिश का होता है, पर जिस बारिश का इंतजार किसानों को है, वह अब तक नहीं हो रही है, दो-तीन दिन की बारिश को छोड़ दें तो हल्की बारिश आकर चली जाती है, पिछले दो-तीन दिन से प्रचंड धूप भी होने लगी थी, जिससे एक बार फिर से किसानों की चिंता बढ़ गई थी.
चिंतित हैं किसान कहीं पूंजी भी न डूब जाए ?
किसानों का कहना है कि अब उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि अब तक तो नर्सरी लगाकर ही कुछ पूंजी फंसाई थी, अब तो खेतों में धान की नर्सरी की ट्रांस्प्लांटिंग कर और भी पूंजी फंसा चुके हैं, अगर अच्छी बारिश नहीं होती है किसानों का नुकसान हो सकता है. अभी जिसके खेतों में पानी नहीं है वो पानी का जुगाड़ करके रोपाई कर रहे हैं, जिनके पास नर्सरी नहीं है वो दूसरे किसानों की बची नर्सरी खरीदकर या मांगकर लगा रहे हैं. साथ ही अच्छी बारिश की उम्मीद भी कर रहे हैं.
जिले में बारिश की स्थिति
अधीक्षक भू-अभिलेख के मुताबिक शहडोल जिले में 6 अगस्त की तारीख तक 576.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें सोहागपुर ब्लॉक में 603 बुढार ब्लॉक में 454, गोहपारू ब्लॉक में 647 जैतपुर में 592, ब्यौहारी में 636 और जयसिंह नगर में 569 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.
बदरा बढ़ा रहे किसानों की चिंता
जिले में खरीफ के सीजन में सबसे ज्यादा रकबे में खेती होती है, जहां धान की फसल का रकबा सबसे ज्यादा होता है, जिसके लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है, किसानों को अभी भी अच्छी बारिश का इंतज़ार है. अब तक जिस तरह से बारिश हो रही है, मौसम के हाल जो नजर आ रहे हैं, उसे देखते हुए किसान चिंतित भी हैं. वजह है कि कहीं इस बार बारिश धोखा तो नहीं दे देगी क्योंकि अगर जिले में अच्छी बारिश नहीं होती है तो फिर किसानों के फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है.