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प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने की अवधि खत्म, किसानों ने की समय बढ़ाने की मांग - शहडोल के किसान

खरीफ सीजन की फसल बीमा कराने की अवधि खत्म हो गई है लेकिन कई किसान इससे वंचित रह गये हैं. फसल बीमा नहीं होने से परेशान किसानों ने फसल बीमा की अवधि बढ़ाने की मांग की है.

रोपा लगाते किसान
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Published : Aug 6, 2019, 6:07 AM IST

शहडोल। खरीफ के सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने की अवधि अब खत्म हो चुकी है, लेकिन कई किसान अपनी फसल का बीमा अभी तक नहीं करवा पाए हैं. फसल बीमा नहीं होने से परेशान किसानों ने फसल बीमा कराने की अवधि बढ़ाने की मांग की है.

फसल बीमा की अवधि बढ़ाने की मांग


फसल बीमा कराने की आख़िरी तारीख 31 जुलाई थी, लेकिन कई किसान कागज तैयार न कर पाने और जानकारी के अभाव में बीमा करवाने से चूक गए हैं. इस साल बारिश भी नहीं हो रही है हर किसान को अपने फसल के नष्ट होने का डर सता रहा है. लिहाजा बीमा करवाने के लिए किसान परेशान हैं.


वर्तमान में जिले में कुल 9141 किसानों ने बीमा करवाया है. जिसमें से 7334 किसानों ऐसे हैं जिन्होंने कर्ज लिया है इसलिए उनका बीमा स्वत: हो गया है. पिछले साल कुल 14,939 किसानों ने बीमा करवाया था, जिसमें केवल 3396 किसानों ने अपना नगद प्रीमियम भरा था बाकियों का स्वत: बीमा हो गया था.


भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह नें कहा कि इतना कम समय देकर किसानों के साथ छल किया गया है. उन्होने सरकार से मांग की है कि फसल बीमा की तारीख बढ़ाई जाए जिससे सभी किसान फसल बीमा का लाभ ले सकें.

शहडोल। खरीफ के सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने की अवधि अब खत्म हो चुकी है, लेकिन कई किसान अपनी फसल का बीमा अभी तक नहीं करवा पाए हैं. फसल बीमा नहीं होने से परेशान किसानों ने फसल बीमा कराने की अवधि बढ़ाने की मांग की है.

फसल बीमा की अवधि बढ़ाने की मांग


फसल बीमा कराने की आख़िरी तारीख 31 जुलाई थी, लेकिन कई किसान कागज तैयार न कर पाने और जानकारी के अभाव में बीमा करवाने से चूक गए हैं. इस साल बारिश भी नहीं हो रही है हर किसान को अपने फसल के नष्ट होने का डर सता रहा है. लिहाजा बीमा करवाने के लिए किसान परेशान हैं.


वर्तमान में जिले में कुल 9141 किसानों ने बीमा करवाया है. जिसमें से 7334 किसानों ऐसे हैं जिन्होंने कर्ज लिया है इसलिए उनका बीमा स्वत: हो गया है. पिछले साल कुल 14,939 किसानों ने बीमा करवाया था, जिसमें केवल 3396 किसानों ने अपना नगद प्रीमियम भरा था बाकियों का स्वत: बीमा हो गया था.


भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह नें कहा कि इतना कम समय देकर किसानों के साथ छल किया गया है. उन्होने सरकार से मांग की है कि फसल बीमा की तारीख बढ़ाई जाए जिससे सभी किसान फसल बीमा का लाभ ले सकें.

Intro:note_ शुरू के दो वर्जन किसानों के हैं और तीसरा और आखिरी वर्जन भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह का है।

किसानों ने कहा बढ़नी चाहिए फसल बीमा कराने की तिथी, हज़ारों किसान बीमा न करा पाने से हैं निराश

शहडोल- खरीफ के सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने की आख़िरी तारीख 31 जुलाई थी, जो अब खत्म हो चुकी है , शहडोल जिले में कई किसानों ने तो इस अवधि तक अपने फसलों का बीमा करवा लिया है लेकिन कई किसान अपने फसलों का बीमा तो करवाना चाहते थे लेकिन कम समय, कागज तैयार न कर पाने और जानकारी के अभाव में बीमा करवाने से चूक गए हैं जिसके बाद अब वो किसान निराश हैं और फसल बीमा की तिथि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।


Body:बढ़नी चाहिए फसल बीमा की तारीख

भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा है इस साल जिले में बारिश नहीं हो रही है किसान परेशान हैं ज्यादातर किसान सोच रहे हैं कि वो अपने फसलों का बीमा करवा लें लेकिन कम समय मिलने और जल्द ही बीमा कराने की आखिरी तारीख निकल जाने की वजह से कई किसान बीमा कराने से चूक गए, भानुप्रताप सिंह कहते हैं कि न तो इस बार शासन की ओर से कोई प्रचार प्रसार किया गया, जो किसान किसी प्रकार का कोई कर्ज नहीं लिया है उन किसानों के लिए बीमा कंपनी जो फॉर्म देती है वो फॉर्म ही 29 तारीख को आया, बहुत सारे किसानों ने तो फोटोकॉपी करवाकर के बीमा करवाया है , कुछ लोग 30 तारीख को कागज ही तैयार करते रहे क्योंकि बीमा करने के लिए कुछ फॉर्मेलिटीज करनी पड़ती है और जब 31 को बीमा कराने गए तो लंबी लाइन दिनभर खड़े रहे आखिरी में समय खत्म हो गया,किसान बीमा तो कराना चाहता था लेकिन चाह कर भी करवा नहीं पाया ऐसे में बीमा की तिथि तो बढ़नी हो चाहिए।

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह कहते हैं कि आंकड़ो पर गौर करें तो पिछले साल 14,939 किसानों ने बीमा करवाया था, जिसमें कर्ज़ लेने वाले किसान 11543 थे, और अऋणी किसान कर्ज न लेने वाले 3396 किसान थे, जिन्होंने कर्ज़ तो कुछ नहीं लिया था और अपना नगद प्रीमियम भरा था।

वहीं मौज़ूदा साल के आंकड़े चौकाने वाले हैं जबकि इस साल बारिश भी नहीं हो रही है हर किसान को अपने फसल के नष्ट होने का डर सता रहा है।

इस साल जिले में टोटल 9141 किसानों ने बीमा करवाया है जिसमें 7334 किसानों ऐसे हैं जिन्होंने कर्ज लिया है तो उनका बीमा तो अपने आप हो गया। लेकिन इसमें बिना कर्ज़ लेने वाले किसान जिन्होंने खुद प्रीमियम भरा है, ऐसे अऋणी किसान 1807 हैं।

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष कहते हैं कि इतना कम समय देकर ऐसा लगता है कि किसानों के साथ छल किया गया है। इसलिए सरकार से हमारी माँग है कि फसल बीमा की तारीख बढ़ाई जाए जिससे जो किसान बीमा करवाना चाहते हैं, जो चूक गए हैं वो भी करवा सकें।

भानुप्रताप के अलावा भी हमने कई ऐसे किसानों से जाना जिनका साफ कहना था कि कई किसान इस बार बीमा कराने से चूक गए हैं उन्हें भी सरकार की ओर से मौका मिलना चाहिए।


Conclusion:गौरतलब है कि खरीफ सीजन के फसल बीमा की आखिरी तारीख तो निकल गई है, और बीमा करवाने वालों के ये जो आंकड़े हैं वाकई चौकाने वाले हैं क्योंकि जिले में इस साल जब बारिश नहीं हो रही है हर किसान को अपने फसल के नष्ट होने का डर सता रहा है और वो अपना पैसा खेत में फंसा चुका है ऐसे में जब पिछले साल बेहतर मौसम होने के बाद भी इतने ज्यादा किसानों ने बीमा करवाया था और इस साल बारिश न होने के बाद भी इतने कम किसानों का बीमा हुआ है कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर किसान भी लगतार कह रहे हैं की इस बार बीमा करवाने के लिए प्रचार प्रसार नहीं हुआ, समय कम मिला जिसके चलते वो बीमा नहीं करवा पाए और अब वो फसल बीमा की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
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