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'बंपर पैदावार' के लिए कृषि वैज्ञानिक की किसानों को सलाह, बारिश से हैं परेशान तो ये है उपाय

शहडोल में हुई बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से नमी आ गई है, जिसके कारण किसानों को गेंहू, चने की बुवाई में देरी हो रही है. ऐसे में किसान वैज्ञानिक डॉ. पीएन त्रिपाठी ने किसानों को सलाह दी है.

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बारिश के कारण भीगी धान की फसल
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Published : Dec 21, 2019, 9:09 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 12:03 PM IST

शहडोल। इस साल देर तक बारिश होने से पहले ही खेतों में नमी थी, वहीं पिछले दिनों शहडोल में हुई बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जहां किसान धान की फसल के बाद गेंहू की फसल की बुवाई करने की तैयारी में थे. लेकिन बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से बुवाई टल गई थी, पर मौसम अब ठीक है. किसान कुछ चुनिंदा बीज को लगाकर अच्छी पैदावार कर सकते हैं.

कृषि वैज्ञानिक ने दी किसानों को सलाह

मौसम की मार से किसान संकट में आ गए हैं, पिछले दिनों हुई बारिश ने धान की पकी हुई फसलों को भिगा दिया है. जिसके चलते कुछ किसानों के खेत में कटी हुई धान भीग गई है. तो किसी के खलिहान में धान की फसल भीगी है. जहां एक ओर किसान धान की फसल के बाद गेंहू, चने की फसल लेने की तैयारी में थे. लेकिन मौसम की मार ने सब खराब कर दिया. खेतों में पानी भर जाने से किसान गेंहू ,चना की फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, किसानों का कहना है कि उन्होनें पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन बारिश के कारण सब खराब हो गया.

कृषि वैज्ञानिक ने कहा, परेशान न हो किसान

कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीएन त्रिपाठी का कहना है कि बारिश ने किसानों की दिक्कतें जरूर बढ़ाई हैं, लेकिन ये अच्छा भी है क्योकिं जिन किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा था, अब बारिश होने से खेतों में नमी आ गई है. जिनके खेतों में पानी भर गया है वो दो तीन दिन का इंतजार कर सकते हैं. मौसम खुलते ही बुवाई योग्य खेत मिल जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि किसान अगर फसल लेने में लेट हो गए हैं तो कम दिन की ही किस्म लगाएं जो अनुशंषित हों और लेट सिंचाई पर भी हो जाए.

इन किस्मों का कर सकते हैं इस्तेमाल

कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी कहते हैं कि कम दिन की किस्मों में गेंहू में एचडी 29, 32, जेडब्लू 1202, 1203, एचडी 28, 32 ये ऐसी किस्में हैं जो 100 से 105 दिन में हो जाती हैं. वहीं चने के लिए जेजी 14 किस्म, जवाहर ग्राम 14 ये किस्मे चने की लेट बुवाई के लिए उचित हैं.

शहडोल। इस साल देर तक बारिश होने से पहले ही खेतों में नमी थी, वहीं पिछले दिनों शहडोल में हुई बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जहां किसान धान की फसल के बाद गेंहू की फसल की बुवाई करने की तैयारी में थे. लेकिन बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से बुवाई टल गई थी, पर मौसम अब ठीक है. किसान कुछ चुनिंदा बीज को लगाकर अच्छी पैदावार कर सकते हैं.

कृषि वैज्ञानिक ने दी किसानों को सलाह

मौसम की मार से किसान संकट में आ गए हैं, पिछले दिनों हुई बारिश ने धान की पकी हुई फसलों को भिगा दिया है. जिसके चलते कुछ किसानों के खेत में कटी हुई धान भीग गई है. तो किसी के खलिहान में धान की फसल भीगी है. जहां एक ओर किसान धान की फसल के बाद गेंहू, चने की फसल लेने की तैयारी में थे. लेकिन मौसम की मार ने सब खराब कर दिया. खेतों में पानी भर जाने से किसान गेंहू ,चना की फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, किसानों का कहना है कि उन्होनें पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन बारिश के कारण सब खराब हो गया.

कृषि वैज्ञानिक ने कहा, परेशान न हो किसान

कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीएन त्रिपाठी का कहना है कि बारिश ने किसानों की दिक्कतें जरूर बढ़ाई हैं, लेकिन ये अच्छा भी है क्योकिं जिन किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा था, अब बारिश होने से खेतों में नमी आ गई है. जिनके खेतों में पानी भर गया है वो दो तीन दिन का इंतजार कर सकते हैं. मौसम खुलते ही बुवाई योग्य खेत मिल जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि किसान अगर फसल लेने में लेट हो गए हैं तो कम दिन की ही किस्म लगाएं जो अनुशंषित हों और लेट सिंचाई पर भी हो जाए.

इन किस्मों का कर सकते हैं इस्तेमाल

कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी कहते हैं कि कम दिन की किस्मों में गेंहू में एचडी 29, 32, जेडब्लू 1202, 1203, एचडी 28, 32 ये ऐसी किस्में हैं जो 100 से 105 दिन में हो जाती हैं. वहीं चने के लिए जेजी 14 किस्म, जवाहर ग्राम 14 ये किस्मे चने की लेट बुवाई के लिए उचित हैं.

Intro:Note_ शुरुआत में दो वर्जन किसानों के हैं तीसरा और आखिरी वर्जन कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी का है।

गेंहू की फसल की बुवाई नहीं कर पाए तो किसान निराश न हों, बारिश हुई तो क्या हुआ इन किस्मों को लगाएं होगा बम्पर उत्पादन

शहडोल- अभी हाल ही में शहड़ोल में झमाझम बारिश हुई, इस सीजन में देर तक बारिश होने से पहले ही खेतों में नमी थी, और अब भले ही एक दिन बारिश हुई लेकिन खेतों में पानी भर गया, जिससे किसान की परेशानी ये बढ़ गई कि वो धान के फसल के बाद गेंहूं की फसल बुवाई की तैयारी में थे, लेकिन बारिश ने पहले ही बुवाई में देरी हो चुके किसानों को और मुसीबत में डाल दिया क्योंकि खेतों में ज्यादा पानी भर जाने से बुवाई अभी दो चार दिन के लिए और टल गई, हलांकि किसानों के लिए अच्छी खबर ये है कि सूर्यदेव आज से प्रकट हो चुके हैं। और गेंहू, चना की फसल लेने वाले किसान परेशान न हों, इन चुनिंदा बीज को लगाकर वो बम्पर पैदावार ले सकते हैं।


Body:कभी कभी इंद्रदेव भी किसानों पर संकट की बौछार कर देते हैं, अभी हाल ही में हुई बारिश ने किसानों के धान की पकी हुई फसलों को जमकर भिगाया, किसी की धान खेत में ही कटी हुई भीगी, किसी के खलिहान में धान की फसल भीगी, किसान धान की फसल लेने के बाद गेंहू, चने की फसल लेने की तैयारी में थे लेकिन बिन मौसम बरसात ने किसानों के उस प्लान को भी खराब कर दिया जिससे किसान निराश हैं जो किसान पहले ही धान की फ़सल में देरी हो जाने से गेंहू की फसल लगाने में लेट हो गए थे और अब बिन मौसम बरसात ने उन किसानों को बोवनी की तैयरी में खलल डाल दिया जिससे किसानों में हताशा थी कि पहले बारिश ने धान को भिगाया और अब खेतों में पानी भर जाने से वो गेंहू के फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों का कहना है की वो गेंहूं लगाने के लिए खेत तैयार कर रहे थे लेकिन बारिश ने उनका खेल बिगाड़ दिया।


Conclusion:कृषि वैज्ञानिक बोले किसान परेशान न हों

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी कहते हैं कि बेमौसम बारिश ने किसानों को थोड़ी दिक्कत में तो जरूर डाल दिया है, जहां फसल देरी से कटी है लेकिन हम ये अच्छा मान रहे हैं क्योंकि पानी का साधन जिन किसानों के पास नहीं था वो भी अब फसल ले सकते हैं क्योंकि उनके खेतों में भी नमी आ गई है। वहां पानी गिर जाने से खेत जुताई में आ गया है और जहां पानी खेतों में भर गया है वो दो तीन दिन इंतज़ार कर लें बोवनी योग्य खेत मिल जाएगा मौसम अब खुलता नज़र आ रहा है।

साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने ये जरूर चेताया है कि अब किसान गेंहू चना की फसल लेने में लेट हो गए हैं तो ये इम्पोर्टेन्ट हो जाता है कि कम दिन की ही किस्म लगाएं, जो कम दिन में हो जाएं, जो अनुशंषित हों लेट सिंचाई पर भी हो जाएं।

इन किस्मों का कर सकते हैं इस्तेमाल

कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी कहते हैं कि कम दिन की क़िस्मों में गेंहू में एचडी 29, 32, जेडब्लू 1202, 1203, एचडी 28, 32 ये ऐसी किस्में हैं जो 100 से 105 दिन में हो जाती हैं । ये किस्में अपने क्षेत्र में भी खूब चलती हैं।

जहां तक चने की बात है तो चने में भी एक बहुत अच्छी किस्म है जेजी 14, जवाहर ग्राम 14 ये किस्म लेट बोनी के लिए उपयुक्त हैं क्योंकि ये तापमान के प्रति प्रतिरोधी है और अच्छा उत्पादन भी मिलता है।
Last Updated : Dec 21, 2019, 12:03 PM IST
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