ETV Bharat / state

भारी बारिश से बर्बाद हुई फसलों का किसानों को नहीं मिला मुआवजा, सरकार के सभी दावे फेल

प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. शहडोल जिले के किसानों को अभी तक मुआवजे की राशि नहीं मिली है. वहीं फसलों का सर्वे भी नहीं हुआ है, इसके साथ ही सरकार के सभी दावे फेल नजर आ रहे हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा मुआवजा, सरकार के दावे फेल
author img

By

Published : Nov 6, 2019, 8:25 PM IST

शहडोल। प्रदेश के कई जगहों पर अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कमलनाथ सरकार प्रदेश में किसानों के लिए भले ही लाख दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा मुआवजा, सरकार के दावे फेल


भारी बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ था, सोयाबीन, उड़द, तिल और मक्का की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. शहडोल जिले के किसान जिन्होंने उड़द, तिल और सोयाबीन की खेती की वे सभी परेशान हैं. उनका भारी नुकसान हुआ है.


शहडोल जिले के सोहागपुर ब्लॉक के करीब 20 से 25 गांव ऐसे हैं जो सोयाबीन, उड़द, तिल और मक्के की खेती बड़े तादाद में करते हैं, लेकिन इस बार अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों के सोयाबीन की करीब 90 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि उनके नुकसान की भरपाई करने वाला कोई नहीं है. शासन-प्रशासन हर किसी को जानकारी दी गई, लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि फसलों का सर्वे भी नहीं किया गया है और न ही मुआवजा मिला है.

शहडोल। प्रदेश के कई जगहों पर अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कमलनाथ सरकार प्रदेश में किसानों के लिए भले ही लाख दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा मुआवजा, सरकार के दावे फेल


भारी बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ था, सोयाबीन, उड़द, तिल और मक्का की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. शहडोल जिले के किसान जिन्होंने उड़द, तिल और सोयाबीन की खेती की वे सभी परेशान हैं. उनका भारी नुकसान हुआ है.


शहडोल जिले के सोहागपुर ब्लॉक के करीब 20 से 25 गांव ऐसे हैं जो सोयाबीन, उड़द, तिल और मक्के की खेती बड़े तादाद में करते हैं, लेकिन इस बार अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों के सोयाबीन की करीब 90 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि उनके नुकसान की भरपाई करने वाला कोई नहीं है. शासन-प्रशासन हर किसी को जानकारी दी गई, लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि फसलों का सर्वे भी नहीं किया गया है और न ही मुआवजा मिला है.

Intro:नोट- सभी किसान हैं अलग अलग गांव के।

अब सुनो सरकार किसानों की, न हुआ सर्वे, न मिला मुआवजा, कमलनाथ सरकार के दावे फेल

शहडोल- कमलनाथ सरकार मध्यप्रदेश में किसानों के लिए भले ही लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है यहा सारे दावे फेल ही नज़र आ रहे हैं।

प्रदेश की कई जगहों पर इस साल अतिवृष्टि हुई, ऐसे समय में बारिश हुई जब फसलों को भारी नुकसान था, सोयाबीन, उड़द, तिल और मक्का की खेती करने वाले किसानों का बहुत नुकसान हुआ शहडोल जिले में भी इस बारिश ने किसानों का हाल बेहाल किया, शहडोल जिले के भी वो किसान जिन्होंने उड़द, तिल और सोयाबीन की खेती की वो परेशान हुए और उनका भारी नुकसान भी हुआ।

आज हमने शहडोल जिले के सोहागपुर ब्लॉक के करीब 10 से 12 गांव के किसानों से बात की, और वहां से जो बात सामने निकलकर आई उसे जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे, किसानों के लिए हर कोई बड़े बड़े वादे तो करता है लेकिन असल हकीकत में उनके लिए कोई कुछ करता नहीं है। किसानों की बातों को सुनने के बाद तो कुछ ऐसा ही अहसास हुआ। किसानों की जमीनी हकीकत बताती इस रिपोर्ट में कमलनाथ सरकार के सारे दावे फेल हो गए।




Body:आज के जमाने में किसान राजनीति का सबसे बड़ा केंद्र है, कोई भी पार्टी हो किसान पर राजनीति करने से पीछे नहीं रहती, चुनावी वादे तो किसानों को लेकर खूब किये जाते हैं लेकिन असल हकीकत में किसान परेशान ही रहते हैं। Etv Bharat की टीम ने सोहागपुर ब्लॉक के करीब 10 से 15 गांव के किसानों से बात की जहां सोयाबीन, उड़द,तिल की खेती प्रमुखता से की जाती है। और वहां से जो रियल्टी निकलकर आई वो चौकाने वाला था, किसानों के लिए बड़े बड़े वादे करने वालो की पोल खोलने वाला था।

पहले बारिश ने किया बेहाल

शहडोल जिले के सोहागपुर ब्लॉक के करीब 20 से 25 गांव ऐसे हैं जो सोयाबीन, उड़द,तिल और मक्के की खेती बड़े तादाद में करते हैं। लेकिन इस बार हुई अतिवृष्टि ने इन किसानों की कमर तोड़ कर रख दी, किसानों के सोयाबीन की करीब 90प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई, तिल की फसल इस बारिश में बर्बाद हुई, उड़द की फसल को नुकसान हुआ, कुछ जगहों पर तो उड़द खेत में ही जम गया।

जंगली सुअर ने किया परेशान

इस बार क्षेत्र के किसानों ने एक और समस्या का सामना किया, क्रॉप कल्टीवेशन करते हुए किसानों ने सोयाबीन की फसल की जगह पर इस बार मक्के की खेती की , जहां जंगली सुअरों का आतंक देखने को मिला।

न सर्वे न मुआवजा

अलग अलग गांव के किसानों ने अलग अलग तरह की समस्या बताई, लेकिन सभी परेशान ही नज़र आये, किसानों ने कहा कि इस बार बारिश की वजह से फसलों का नुकसान हुआ खासकर सोयाबीन, तिल और उड़द के फसलों का तो बहुत ही ज्यादा नुकसान हुआ, ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी प्रशासन को नहीं दी गई,लेकिन न सर्वे हुआ और न ही किसी को मुआवजा मिला, एक किसान ने तो बताया की इस बार इतना नुकसान हुआ है कि जुताई का खर्च निकलना मुश्किल हो रहा है। चटहा, भमरहा, सिगुड़ी , मिठौरी,पठरा, हर्रा अमरहा, सामतपुर , कठौतिया,ऐसे कई जगहों के किसानों से एक साथ बात की जहां सभी का कहना था की उनकी फसलों का तो नुकसान हुआ, लेकिन उसकी भरपाई करने वाला कोई नहीं शाषन प्रशासन हर किसी को जानकारी दी लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है। न सर्वे हुआ और न ही फसल का मुआवजा मिला।




Conclusion:गौरतलब है सोहागपुर ब्लॉक के करीब 20 से 25 गांव ऐसे हैं जिसमें अमरहा, कठौतिया पूरा बेल्ट है और वहां कई गांव हैं जहां सोयाबीन उड़द तिल मक्का की खेती प्रमुखता से होति है लेकिन इन किसानों को अतिवृष्टि में फायदा तो कम लेकिन नुकसान ज्यादा हुआ, किसानों ने साफ कहा कि शासन प्रशांसन कोई ध्यान नहीं दे रहा न सर्वे हुआ न मुआवजा मिला।

किसानों के इस जमीनी हकीक़त को देखने के बाद तो किसानों को लेकर कमलनाथ सरकार के सभी दावे खोखले ही नज़र आ रहे हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.