शहडोल। मध्यप्रदेश के कई जिलों में बरसी आफत की बारिश ने तबाही मचा दी थी. इस दौरान किसानों को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि खेतों में लहलहाती फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं. शहडोल जिले कई इलाकों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. कुछ किसानों ने इस बार बड़ी उम्मीद से गोभी की खेती की थी, लेकिन फायदे की जगह अब लागत निकलना मुश्किल लग रहा है.
पठरा ग्राम पंचायत में सोयाबीन, उड़द और तिल के साथ फूल गोभी की फसल भी बर्बाद हो गई हैं. फसल खराब होने के बाद किसान परेशान हैं. किसानों ने लाखों रुपये की लागत में कई एकड़ में गोभी की खेती की थी. किसान मनोज सिंह, अनूप सिंह और विद्याधर ने करीब 10 एकड़ में फूल गोभी की खेती की थी. इस उम्मीद से कि ऑफ सीजन में फूल गोभी मारकेट में करीब 80 से 100 रुपये किलो में बिकेगा,जो बारिश के चलते बर्बाद हो गया.
जानिए क्या है असली समस्या ?
किसान अनूप सिंह बताते हैं कि उनके खेत के 90 प्रतिशत फूल गोभी सड़ गए हैं, जिससे लागत निकालना ही मुश्किल लग रहा है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि वो कुछ जगहों के गोभी की फसलों का निरीक्षण करने खेतों में पहुंचे थे, जहां इस तरह की समस्या दिखी है. इस बार गोभी में बैक्टीरिअल ब्लाइट्स का प्रकोप ज्यादा है, जिसके चलते खेतों में ही गोभी सड़ रही है. उन्होंने कहा कि इस सीजन में गोभी की खेती करने के लिए बीज में बैक्टीरियल रेसिस्टेंट होना जरूरी होता है.