शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. जिले में तीन विधानसभा सीट आती हैं. तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासी आरक्षित हैं. जिसमें जयसिंहनगर, ब्यौहारी और जैतपुर विधानसभा सीट आती हैं. तीनों ही सीटों पर इस बार घमासान काफी रोमांचक है. वैसे तो वर्तमान में इन तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है लेकिन इस आदिवासी जिले में हर बार चुनावी संग्राम भी कुछ अलग अंदाज में होता है. इस बार कांटे का मुकाबला दिख रहा है.
ग्रामीणों का अलग-अलग अंदाज : शहडोल जिला ग्रामीण प्रधान जिला है और यहां पर गांव के लोगों का इस चुनावी संग्राम को लेकर क्या कहना है. ये जानने के लिए शहडोल जिले के जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र के अमरहा गांव के ही ग्रामीण बाजार में चुनावी माहौल देखते हैं. जहां पर कई गांव के लोग पहुंचते हैं. यहां कई जगह से व्यापारी पहुंचते हैं. इस दौरान ग्रामीणों से जाना कि विकास के दावे कितने सच हैं और कितने झूठे हैं. बदलाव को लेकर जनता की क्या राय है, साथ ही लाडली बहना का कितना असर है, लाडली बहना को लेकर महिलाओं का क्या कहना है.
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बीजेपी व कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर : ये भी जाना कि प्रत्याशियों को लेकर लोगों की क्या है राय. इसे जानने के लिए हमने हर वर्ग के लोगों से बात की. लोगों ने भी सवालों के काफी रोचक जवाब दिए. किसी ने खुलकर बात की तो किसी ने घुमा फिरा कर बात को टाल दिया तो किसी ने अभी तय ही नहीं किया कि क्या करना है. किसी को अभी पता ही नहीं है कि प्रत्याशी कौन है तो किसी का कहना है कि अब तक उनसे प्रत्याशी ही नहीं मिले. कहीं पर लाडली बहना का असर है, तो कहीं पर विकास की लहर है, तो कहीं बदलाव की बयार है. कुल मिलाकर इस बार शहडोल जिले में के जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में भी कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है.