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Dry Alert! ऐन वक्त पर किसानों को दगा दे गये बदरा! सूखने लगी हैं खेतों में खड़ी फसलें

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Published : Oct 9, 2021, 11:13 AM IST

Updated : Oct 9, 2021, 1:03 PM IST

सूर्य की तेज तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. वहीं किसान भी परेशान हैं. जिनके पास सिंचाई का साधन है, वह किसान अपनी फसलों की सिंचाई की व्यवस्था कर रहे हैं और जिनके पास नहीं है वह बस यही कह रहा है कि आखिर में बारिश ने दगा दे दिया.

paddy
धान

शहडोल। जिले में पिछले कुछ दिनों से बारिश (Rain in Shahdol) नहीं हुई है और प्रचंड गर्मी पड़ रही है. सूर्य की तेज तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. वहीं किसान भी परेशान (Shahdol Farmer) हैं. जिनके पास सिंचाई का साधन है, वह किसान अपनी फसलों की सिंचाई की व्यवस्था (Irrigation Arrangement) कर रहे हैं और जिनके पास नहीं है वह बस यही कह रहा है कि आखिर में बारिश ने दगा दे दिया.

बारिश न होने से धान की फसल को नुकसान
पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने से किसान परेशान हैं. जिले में बारिश की शुरुआत तो अच्छी हुई और बीच-बीच के अंतराल में बारिश भी होती रही. जिससे किसानों की फसल (Paddy Yield) अच्छी रही. अब आखिर में बारिश ने दगा दे दिया. पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में किसानों के धान की फसल में बालियां तो आ रही हैं, लेकिन पानी की कमी की वजह से वह सुकड़ जा रही हैं. किसानों का कहना है कि अगर एक-दो दिन की बरसात और हो जाती तो धान की फसल में बालियां अच्छी आतीं, जिससे बंपर पैदावार होती.

जिले में बड़े रकबे पर धान की खेती
शहडोल में प्रमुखता से धान की खेती की जाती है. खरीफ के सीजन में ही सबसे बड़े रकबे पर धान की खेती होती है. यहां लगभग 2 लाख हेक्टेयर से भी अधिक इलाके में धान की खेती की जाती है. जिसमें ज्यादातर किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं होता. वह वर्षा पर आश्रित होकर ही खेती करते हैं. ऐसे में अगर थोड़ी भी बारिश में अनियमितता हुई, तो किसानों का नुकसान हो जाता है.

20 से 25 प्रतिशत पैदावार में गिरावट
किसानों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हुई है. धान की फसल को एक-दो दिन की बारिश और चाहिए थी. धान की फसल में बालियां आ रहीं हैं. ऐसे समय में खेतों का सूखना बालियों के लिए अच्छी बात नहीं है. किसानों ने कहा कि जिसके पास सिंचाई का साधन हैं, वह पंप लगाकर सिंचाई कर रहे हैं. यहां एक बड़े रकबे के लोगों के पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, जिससे सभी के धान नुकसान की कगार पर हैं. गहरे खेतों में तो थोड़ा बहुत पानी है. जबकि उचहन के खेतों में तो सूखा पड़ा हुआ है. कुछ खेतों में तो बालियां ही नहीं आई है. इस बार बारिश न होने से 20 से 25% तक नुकसान हो जाएगा.

जिले में बारिश की स्थिति
बारिश की स्थिति पर नजर डालें तो मौजूदा साल जिले में 961.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. यह हर साल के औसत वर्षा से कम है. विशेषज्ञों की मानें तो जिले में हर वर्ष लगभग 12 सौ मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज होती है, लेकिन मौजूदा साल 961 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.

कहीं आपकी धान की फसल में तो नहीं है यह रोग, इसके छिड़काव से हो जाएगा दूर

आने वाले दिनों में मौसम का अनुमान
आने वाले समय में मौसम की बात करें तो मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि जिले में 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच में आसमान साफ रहने एवं बारिश नहीं होने की संभावना है. अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है. सुबह आद्रता 67 से 72% एवं दोपहर में 33 से 40% तक रह सकती है. इसके अलावा हवा दक्षिण पश्चिम दिशा में 5.0 से 6.0 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने का अनुमान है.

शहडोल। जिले में पिछले कुछ दिनों से बारिश (Rain in Shahdol) नहीं हुई है और प्रचंड गर्मी पड़ रही है. सूर्य की तेज तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. वहीं किसान भी परेशान (Shahdol Farmer) हैं. जिनके पास सिंचाई का साधन है, वह किसान अपनी फसलों की सिंचाई की व्यवस्था (Irrigation Arrangement) कर रहे हैं और जिनके पास नहीं है वह बस यही कह रहा है कि आखिर में बारिश ने दगा दे दिया.

बारिश न होने से धान की फसल को नुकसान
पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने से किसान परेशान हैं. जिले में बारिश की शुरुआत तो अच्छी हुई और बीच-बीच के अंतराल में बारिश भी होती रही. जिससे किसानों की फसल (Paddy Yield) अच्छी रही. अब आखिर में बारिश ने दगा दे दिया. पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में किसानों के धान की फसल में बालियां तो आ रही हैं, लेकिन पानी की कमी की वजह से वह सुकड़ जा रही हैं. किसानों का कहना है कि अगर एक-दो दिन की बरसात और हो जाती तो धान की फसल में बालियां अच्छी आतीं, जिससे बंपर पैदावार होती.

जिले में बड़े रकबे पर धान की खेती
शहडोल में प्रमुखता से धान की खेती की जाती है. खरीफ के सीजन में ही सबसे बड़े रकबे पर धान की खेती होती है. यहां लगभग 2 लाख हेक्टेयर से भी अधिक इलाके में धान की खेती की जाती है. जिसमें ज्यादातर किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं होता. वह वर्षा पर आश्रित होकर ही खेती करते हैं. ऐसे में अगर थोड़ी भी बारिश में अनियमितता हुई, तो किसानों का नुकसान हो जाता है.

20 से 25 प्रतिशत पैदावार में गिरावट
किसानों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हुई है. धान की फसल को एक-दो दिन की बारिश और चाहिए थी. धान की फसल में बालियां आ रहीं हैं. ऐसे समय में खेतों का सूखना बालियों के लिए अच्छी बात नहीं है. किसानों ने कहा कि जिसके पास सिंचाई का साधन हैं, वह पंप लगाकर सिंचाई कर रहे हैं. यहां एक बड़े रकबे के लोगों के पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, जिससे सभी के धान नुकसान की कगार पर हैं. गहरे खेतों में तो थोड़ा बहुत पानी है. जबकि उचहन के खेतों में तो सूखा पड़ा हुआ है. कुछ खेतों में तो बालियां ही नहीं आई है. इस बार बारिश न होने से 20 से 25% तक नुकसान हो जाएगा.

जिले में बारिश की स्थिति
बारिश की स्थिति पर नजर डालें तो मौजूदा साल जिले में 961.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. यह हर साल के औसत वर्षा से कम है. विशेषज्ञों की मानें तो जिले में हर वर्ष लगभग 12 सौ मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज होती है, लेकिन मौजूदा साल 961 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.

कहीं आपकी धान की फसल में तो नहीं है यह रोग, इसके छिड़काव से हो जाएगा दूर

आने वाले दिनों में मौसम का अनुमान
आने वाले समय में मौसम की बात करें तो मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि जिले में 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच में आसमान साफ रहने एवं बारिश नहीं होने की संभावना है. अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है. सुबह आद्रता 67 से 72% एवं दोपहर में 33 से 40% तक रह सकती है. इसके अलावा हवा दक्षिण पश्चिम दिशा में 5.0 से 6.0 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने का अनुमान है.

Last Updated : Oct 9, 2021, 1:03 PM IST
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