शहडोल। शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का यह आंकड़ा अब 24 तक पहुंच गया है. आलम यह है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी खुद जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को प्रभार से हटा दिया था और अब शहडोल जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन का प्रभार डॉ जीएस परिहार को दिया गया है. जो कि एक दंत चिकित्सक है. इसे लेकर अब जिला चिकित्सल्य के डॉक्टर ही विरोध पर उतर गए हैं. आज भी डॉक्टर काली पट्टी लगाकर काम करते नजर आये.
सिविल सर्जन के विरोध में डॉक्टर
डॉक्टर राजा शीतलानी ने बताया कि सारे डॉक्टर इस बात का विरोध कर रहे हैं कि डॉक्टर जी एस परिहार जो दंत चिकित्सक हैं और अपने जिला चिकित्सालय शहडोल में उनसे 20 साल 15 साल सीनियर लोग अभी भी मौजूद हैं, उनको सिविल सर्जन ना बना करके डॉ परिहार को बनाया गया जो कि मेडिकल साइंस पढ़े ही नहीं है. उनके हाथ में ऐसी चीज की कमान दी जा रही है जो कि मेडिकल कॉलेज का भी अस्पताल कहा जा रहा है. आज हम लोगों ने केवल इमरजेंसी वर्क किया है. मरीज को कोई तकलीफ ना होने पाए इसलिए काम कर रहे हैं. हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो यह विरोध चलता रहेगा. लगभग डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के पूरे डॉक्टर हमारे साथ हैं.
सीनियर को बनाएं सिविल सर्जन
तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ व्हीएस बारिया ने कहा कि विरोध सिर्फ इस चीज का हो रहा है कि जो दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन का प्रभार दिया गया है. इसका विरोध हो रहा है. बाकी विरोध किसी चीज का नहीं है. अस्पताल में डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जो सीनियर डॉक्टर है उनको सिविल सर्जन का पदभार मिलना चाहिए.