शहडोल। ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''इस बार दीपावली 12 नवंबर को पड़ रही है. दीपावली में प्रातः कालीन सर्वप्रथम लोग उठकर अपने घर की साफ सफाई करें. कोने-कोने तक की साफ सफाई करें. कोशिश करें कि घर के किसी भी कोने में कहीं भी किसी भी तरह का कचरा गंदगी नहीं रहने दें. क्योंकि मान्यता है कि जब लक्ष्मीजी घर में प्रवेश करेंगी तो वो पूरे घर में भ्रमण करती हैं. इसलिए घर में साफ सफाई जरूर करें.'' Diwali 2023 Lakshmi Ganesh Pujan
स्वच्छ वस्त्र धारण करें: दोपहर के समय मिट्टी के दीपक की व्यवस्था कर लें. क्योंकि रात में पूजन के समय मिट्टी के दीपदान करने होते हैं, दीपक जलाने होते हैं. उसकी तैयारी पूरी कर लें. फिर शाम के समय जो घर का मुखिया है वह स्नान करें. स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर पूजन की तैयारी करें. जो ग्रहस्त जीवन वाले हैं वो शाम के समय ही लक्ष्मीजी की पूजा करें.
दीपावली में शुभ मुहूर्त: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''इस बार दीपावली वाले दिन ही चतुर्दशी भी पड़ रही है, लेकिन चतुर्दशी दोपहर में 2:12 बजे तक ही है और दीपोत्सव और लक्ष्मी जी की पूजा अमावस्या को ही होती है. दोपहर में 2:12 बजे के बाद लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है. दीवापली पर पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त की बात करें तो, प्रथम समय 2:12 बजे से 4:00 तक है. 4:00 बजे से 5:00 बजे तक फिर मुहूर्त नहीं है. फिर शाम 5:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक है, और फिर 7:30 बजे से लेकर के रात 10:00 बजे तक है. एक निशा रात्रि की पूजा होती है उसके लिए रात 11:00 बजे से लेकर रात 2:00 बजे तक शुभ मुहूर्त है.''
पदचिन्ह जरूर बनाएं: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि दीपावली में जो पूजन का विधान है, लक्ष्मीजी, गणेशजी, कुबेरजी का पूजन करें तो घर में शांति बनी रहेगी, धन-धान्य की बढ़ोतरी होगी, लक्ष्मीजी का निवास होगा. पूजन करते समय एक बात और ध्यान में रखें, हल्दी को पानी में घोलकर दरवाजे के सामने छोटे-छोटे सुंदर पद चिन्ह जरूर बनाएं, इसका विशेष महत्व होता है.
पूजा करने की विधि: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, दीपावली के दिन पूजा करने के लिए जो घर का मुखिया है वो स्नान करे और स्वच्छ कपड़े पहनकर ध्यान करके जहां आपके घर में देवी देवता का स्थान है, वहां पर जाकर एक पटा डालें. पटा में सुंदर लाल वस्त्र डालें. इसके बाद लक्ष्मीजी, गणेशजी और कुबेरजी तीन मूर्तियां रखें, तरह-तरह के फूल रखें. विशेष कर कमल के फूल अवश्य रखें. फूल माला से सजाऐं और वहां पर भोग लगाये. भोग में जैसे सिंघाड़ा, लाई का फूटा, बताशा, सीताफल और अन्य ऋतु फल वहां पर रखें. रखने के बाद घी के पांच दीपक जलाएं, भोग लगाऐं, आरती करें. इस तरह पूजा विधि विधान से करने से लक्ष्मीजी बहुत प्रसन्न होती हैं.
24 घंटे के लिए जलने दें एक दीपक: ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''जहां पूजा कर रहे हैं वहां पर पूजा खत्म होने के बाद वहां पर एक दीपक 24 घंटे के लिए जलने के लिए रख दें. द्वितीया के दिन वहां मूर्ति को उठाकर किसी अपने देवी देवताओं के स्थान पर रखें. फूल माला जो बासी हो चुके हैं उसको नदी तालाब में विसर्जित कर दें. दीपावली के दिन मूर्तियों को सुसज्जित करके इस तरह से विधि विधान से पूजन करें तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी और वहीं लक्ष्मी जी चिरस्थाई तौर पर बैठती हैं, उस घर में लक्ष्मी जी का वास होता है. जब लक्ष्मीजी बैठ जाती हैं तो घर में शांति होती है, घर धन धान्य से हरा भरा रहता है, शुभ फल मिलते हैं, बरक्कत आती है, जहां लक्ष्मीजी आती हैं वहां दरिद्रता का प्रवेश नहीं हो सकता है. इस तरह से विधि विधान से पूजन करें तो लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होंगी.
दीपावली में बन रहे विशेष योग: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि इस बार दीपावली में दो विशेष योग भी बन रहे हैं. जिसमें एक राज केसरी योग है और दूसरा लक्ष्मी योग है. यह दोनों योग इस बार दीपावली में बन रहे हैं, जिससे इस बार की दीवाली और शुभ फलदाई होने वाली है.