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दोनों हाथों से दिव्यांग फिर भी दीया बेच रहा गुरू, बोला- पैसे कमाकर मोबाइल लूंगा करनी है ऑनलाइन पढ़ाई - दीपावली का त्यौहार

दीपावली का त्यौहार है जाहिर है सड़कों के किनारे दिया बेचने वाले मां लक्ष्मी की मूर्तियां बेचने वाले लाई बताशा बेचने वालों की भीड़ है तरह-तरह के व्यापारी इन दिनों बाजार में नजर आ रहे हैं, लेकिन इस बीच ईटीव्ही भारत की नजर पड़ी एक ऐसे बच्चे पर जो इस चिलचिलाती धूप में अपने दिव्यांग हाथों से ही दुकान लगा कर बैठा था.

दोनों हाथों से
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Published : Nov 13, 2020, 10:46 PM IST

Updated : Nov 14, 2020, 1:31 AM IST

शहडोल। दीपावली का त्यौहार है जाहिर है सड़कों के किनारे दिया बेचने वाले मां लक्ष्मी की मूर्तियां बेचने वाले लाई बताशा बेचने वालों की भीड़ है, तरह-तरह के व्यापारी इन दिनों बाजार में नजर आ रहे हैं लेकिन इस बीच ईटीवी भारत की नजर पड़ी एक ऐसे बच्चे पर जो इस चिलचिलाती धूप में अपने दिव्यांग हाथों से ही दुकान लगा कर बैठा था. दुकान में मिट्टी के दिए और लक्ष्मी जी की मूर्तियां बेच रहा था, इस उम्मीद के साथ यहां से पैसे कमा कर उसे मोबाइल लेना हैं, और दूसरे बच्चों की तरह इस कोरोना काल में उसे भी घर में ऑनलाइन पढ़ाई करनी है.

हौसले बुलंद तो लाचारी कैसी
दिव्यांग के हौसले को सलाम

अपने दिव्यांग हाथों से ही इस तेज़ धूप में दुकान सजा रहा बालक कटनी जिले के पान उमरिया गांव से आया है नाम है गुरु नायक कुम्हार जिसकी उम्र है. महज 14 साल और कक्षा 9वी में पढ़ाई करता है और पिछले 8 दिन से शहडोल जिला मुख्यालय की सड़कों पर मिट्टी के दीपक और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां बेच रहा है इस उम्मीद के साथ यहां कमा कर उसे मोबाइल खरीदनी है और फिर उसे भी अपने घर में ऑनलाइन पढ़ाई करनी है.

गुरु नायक कुम्हार से जब हमने पूछा तो उन्होंने बताया कि वह पान उमरिया के रहने वाले हैं, जो कटनी जिले में आता है और शहडोल जिला मुख्यालय में इस दीपावली में वह मिट्टी का दिया लक्ष्मी जी की मूर्तियां बेच रहे हैं, उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उनके माता और पिता पेशे से मजदूर हैं. फिर भी वह पढ़ाई करते हैं गुरु नायक दोनों हाथों से दिव्यांग है. फिर भी काम करते हैं. क्योंकि गरीब हैं कहते हैं. इन दिव्यांग हाथों से काम करने में थोड़ी दिक्कत तो आती है. लेकिन अब सब एडजस्ट कर लिया है और वह भी अपने भाई के साथ यहां दुकान लगाकर लक्ष्मी जी की मूर्तियां और मिट्टी के दिए बेच रहे हैं.

कमाकर मोबाइल लूंगा, ऑनलाइन पढ़ाई करूंगा

दोनों हाथों से दिव्यांग गुरु नायक कुमार बताते हैं कि वह अपने गांव पान उमरिया से जो कटनी जिले के अंतर्गत आता है इस बार दुकान लगाने शहडोल अपने भाई के साथ तो वैसे आते रहते हैं. लेकिन इस बार एक विशेष लक्ष्य के साथ आये हैं, क्योंकि वह यहां से अपना व्यापार करके कमाकर मोबाइल खरीदेंगे और कुछ पैसे बचा कर रखेंगे जिससे घर भी चलेगा और उनके पढ़ाई का खर्च भी उठेगा. साथ ही इस बार की कमाई से वह मोबाइल लेना चाहते हैं. वजह है वह भी मोबाइल से इस कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहते हैं. इसलिए वह इस बार दुकान लगाकर बैठे हैं.

यहां भी व्यापार पर कोरोना का असर

गुरु नायक कुम्हार कहते हैं कि कोरोना काल का असर उनके व्यापार पर भी पड़ा है. क्योंकि ग्राहक कम आ रहे हैं. पिछले साल की तरह बाजार नहीं हैं. हालांकि वह बताते हैं कि अभी भी अगर बाजार अच्छा रहता है तो कमाई हो जाती है. लेकिन ग्राहकी पर सब कुछ डिपेंड करता है.

गुरु नायक कहते हैं कि उनकी भी विकलांगता सर्टिफिकेट बनी है. लेकिन इन तमाम चुनौतियों के बीच गुरु नायक कुम्हार के हौसले को सलाम है, जिन्होंने इस कोरोना काल में मिट्टी के दिये बेचने की हिम्मत इस दिव्यांगता के बीच भी उठाई है. लेकिन एक लक्ष्य के तहत कि उन्हें भी इस बार कमाई करके मोबाइल खरीदना है और ऑनलाइन पढ़ाई करनी है. उम्मीद करते हैं इस बार उनका यह मिशन कामयाब होगा और गुरु नायक मोबाइल खरीदने में सफल रहेंगे.

शहडोल। दीपावली का त्यौहार है जाहिर है सड़कों के किनारे दिया बेचने वाले मां लक्ष्मी की मूर्तियां बेचने वाले लाई बताशा बेचने वालों की भीड़ है, तरह-तरह के व्यापारी इन दिनों बाजार में नजर आ रहे हैं लेकिन इस बीच ईटीवी भारत की नजर पड़ी एक ऐसे बच्चे पर जो इस चिलचिलाती धूप में अपने दिव्यांग हाथों से ही दुकान लगा कर बैठा था. दुकान में मिट्टी के दिए और लक्ष्मी जी की मूर्तियां बेच रहा था, इस उम्मीद के साथ यहां से पैसे कमा कर उसे मोबाइल लेना हैं, और दूसरे बच्चों की तरह इस कोरोना काल में उसे भी घर में ऑनलाइन पढ़ाई करनी है.

हौसले बुलंद तो लाचारी कैसी
दिव्यांग के हौसले को सलाम

अपने दिव्यांग हाथों से ही इस तेज़ धूप में दुकान सजा रहा बालक कटनी जिले के पान उमरिया गांव से आया है नाम है गुरु नायक कुम्हार जिसकी उम्र है. महज 14 साल और कक्षा 9वी में पढ़ाई करता है और पिछले 8 दिन से शहडोल जिला मुख्यालय की सड़कों पर मिट्टी के दीपक और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां बेच रहा है इस उम्मीद के साथ यहां कमा कर उसे मोबाइल खरीदनी है और फिर उसे भी अपने घर में ऑनलाइन पढ़ाई करनी है.

गुरु नायक कुम्हार से जब हमने पूछा तो उन्होंने बताया कि वह पान उमरिया के रहने वाले हैं, जो कटनी जिले में आता है और शहडोल जिला मुख्यालय में इस दीपावली में वह मिट्टी का दिया लक्ष्मी जी की मूर्तियां बेच रहे हैं, उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उनके माता और पिता पेशे से मजदूर हैं. फिर भी वह पढ़ाई करते हैं गुरु नायक दोनों हाथों से दिव्यांग है. फिर भी काम करते हैं. क्योंकि गरीब हैं कहते हैं. इन दिव्यांग हाथों से काम करने में थोड़ी दिक्कत तो आती है. लेकिन अब सब एडजस्ट कर लिया है और वह भी अपने भाई के साथ यहां दुकान लगाकर लक्ष्मी जी की मूर्तियां और मिट्टी के दिए बेच रहे हैं.

कमाकर मोबाइल लूंगा, ऑनलाइन पढ़ाई करूंगा

दोनों हाथों से दिव्यांग गुरु नायक कुमार बताते हैं कि वह अपने गांव पान उमरिया से जो कटनी जिले के अंतर्गत आता है इस बार दुकान लगाने शहडोल अपने भाई के साथ तो वैसे आते रहते हैं. लेकिन इस बार एक विशेष लक्ष्य के साथ आये हैं, क्योंकि वह यहां से अपना व्यापार करके कमाकर मोबाइल खरीदेंगे और कुछ पैसे बचा कर रखेंगे जिससे घर भी चलेगा और उनके पढ़ाई का खर्च भी उठेगा. साथ ही इस बार की कमाई से वह मोबाइल लेना चाहते हैं. वजह है वह भी मोबाइल से इस कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहते हैं. इसलिए वह इस बार दुकान लगाकर बैठे हैं.

यहां भी व्यापार पर कोरोना का असर

गुरु नायक कुम्हार कहते हैं कि कोरोना काल का असर उनके व्यापार पर भी पड़ा है. क्योंकि ग्राहक कम आ रहे हैं. पिछले साल की तरह बाजार नहीं हैं. हालांकि वह बताते हैं कि अभी भी अगर बाजार अच्छा रहता है तो कमाई हो जाती है. लेकिन ग्राहकी पर सब कुछ डिपेंड करता है.

गुरु नायक कहते हैं कि उनकी भी विकलांगता सर्टिफिकेट बनी है. लेकिन इन तमाम चुनौतियों के बीच गुरु नायक कुम्हार के हौसले को सलाम है, जिन्होंने इस कोरोना काल में मिट्टी के दिये बेचने की हिम्मत इस दिव्यांगता के बीच भी उठाई है. लेकिन एक लक्ष्य के तहत कि उन्हें भी इस बार कमाई करके मोबाइल खरीदना है और ऑनलाइन पढ़ाई करनी है. उम्मीद करते हैं इस बार उनका यह मिशन कामयाब होगा और गुरु नायक मोबाइल खरीदने में सफल रहेंगे.

Last Updated : Nov 14, 2020, 1:31 AM IST
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