Chandra Grahan 2023: आज 5 मई को काफी अहम दिन है, वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णमासी भी है, बुद्ध पूर्णिमा भी है. आज के दिन चंद्र ग्रहण भी है. ऐसे में आज शुक्रवार का दिन बहुत विशेष हो गया है. चंद्र ग्रहण का भारत में कैसा असर होगा, कब पड़ेगा, किस तरह की सावधानियां बरतनी हैं और इस बार विशेष योग क्यों बन रहा है, जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
चंद्रग्रहण का कैसा रहेगा असर: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णमासी 5 मई 2023 को पड़ रहा है और इसी दिन चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा भी है. लेकिन चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. जब चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देता है तो उसे माद्य ग्रहण कहा जाता है, यानी उसका कोई मतलब नहीं होता है, कोई धर्मशास्त्रीय महत्व नहीं होता है. जब चंद्र ग्रहण ही नहीं लगेगा तो सूतक भी नहीं लगेगा. किसी भी तरह से मंदिरों के पट बंद नहीं होंगे, भगवान की पूजा अर्चना भी विधिवत होती रहेगी, किसी भी राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. जब देश में ग्रहण दिखेगा ही नहीं तो धर्म शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण का उस जगह पर कोई महत्व भी नहीं होता है.''
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जहां दिखेगा चंद्रग्रहण, पालन करना होगा हर नियम: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील बताते हैं कि ''5 मई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका किसी भी व्यक्ति पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन दुनिया के कई देशों में यह ग्रहण दिखाई देगा, इसलिए जहां-जहां ग्रहण दिखाई देगा वहां-वहां ग्रहण के नियमों का पालन भी करना होगा. जहां चंद्र ग्रहण दिखेगा वहां इसका महत्व भी होगा और ग्रहण के लिए जो नियम बनाए गए हैं उन नियमों का पालन भी करना होगा. जैसे चंद्र ग्रहण नहीं देखना है, बीच में भोजन नहीं करना है, जो भोजन पका पकाया उसमें तुलसीदल डालना है. चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करना है, दान पुण्य करें और फिर भोजन प्रसाद ग्रहण करें.''