Chandra Grahan 2023 Date and Time in India: 2023 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को पड़ने जा रहा है, जिसे लेकर लोगों को सावधान भी रहना होगा, क्योंकि अगर चंद्र ग्रहण में सावधानी नहीं बरतते हैं तो कुछ लोगों तक इसका नुकसान भी पहुंच सकता है. खासकर गर्भवती महिलाओं को तो और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है, वो कौन सी सावधानियां हैं जो प्रेगनेंट महिलाओं को बरतनी चाहिए, चंद्र ग्रहण के दौरान क्या कुछ करना चाहिए, कितने बजे से चंद्र ग्रहण लगेगा, चंद्र ग्रहण में सूतक कितने घंटे पहले से मान्य हो जाएगा, जानते हैं ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से-
चंद्र ग्रहण कितने बजे?: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को देर रात मतलब 29 तारीख को ठीक 1:05 से शुरू होगा, जो रात्रि 2:23 के बीच में रहेगा, इसके बाद खत्म होगा. इस बार का चंद्र ग्रहण पूर्ण रूपेण भारतवर्ष में दिखाई देगा, इसलिए चंद्र ग्रहण के समय विशेष तौर पर सावधानी रखें, ग्रहण पड़ने से 9 घंटे पूर्व से ही सूतक लग जाता है.
चंद्र ग्रहण में बरतें ये सावधानी:
- चंद्र ग्रहण के दौरान जैसे ही सूतक लगता है, वैसे ही भोजन बनाना, पहले का पानी रखना, पूजा करना, मंदिर के दरवाजे खोलना, ये पूर्णतया बंद हो जाएंगे.
- इस चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाओं का तो ध्यान रखना ही है, साथ ही कई बातों का पालन भी करना होगा. जैसे- जो गर्भवती महिलाएं हैं सूतक शुरू होते ही जब तक खत्म ना हो जाए यानि कि ढाई बजे तक चंद्रमा की छाया में ना जाएं, घर के अंदर ही रहें.
- जो गर्भवती महिलाएं हैं, वो पेट में गाय का गोबर का लेप लगा लें और अगर गला सूखता है, तो गंगाजल पहले से रखें. रूम के अंदर ही थोड़ा सा गंगाजल रखें, उसका पान करें लेकिन आवश्यकता पड़ने पर ही गंगाजल ग्रहण करें अगर आवश्यकता नहीं पड़ती है तो इस बात का ध्यान रखें किसी भी चीज का पान ना करें.
- जब जब चंद्र ग्रहण शुरू हो तो शांतिपूर्वक अपने कमरे में चले जाएं और किसी पुस्तक या धर्म ग्रंथ का पाठ करें, कोशिश करें कि किसी भी तरह से चंद्रमा की छाया आप पर ना पड़े और अगर छाया पड़ती है तो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है, इसलिए ध्यान रखें कि चंद्र ग्रहण के खत्म होने तक वो अंदर ही रहे.
- बूढ़े-बच्चे रोगियों के लिए शास्त्रों में छूट दी गई है, जो आवश्यकता पड़ने पर भोजन पानी दूध चाय ले सकते हैं, यह छूट सिर्फ रोगी, बूढ़े और बच्चों के लिए ही है. जो रोगी और बूढ़े-बच्चे नहीं हैं या 9 वर्ष से ऊपर हैं, ऐसे जातक किसी भी प्रकार से खाद्य या पेय पदार्थ को ग्रहण न करें, ऐसे लोगों को चंद्र ग्रहण का दोष लगेगा.
- खुली आंख से चंद्र ग्रहण ना देखें, अगर ऐसा करते हैं तो आंखों की रोशनी में अंतर पड़ेगा और गति धीमी हो जाएगी.
- अगर चंद्र ग्रहण से पहले जो भी घर में भोजन रखा है, जैसे- फल, फूल, मीठा, दूध, दही, मक्खन, या जो भी खाद्य पदार्थ रखा है उसमें तुलसी दल(तुलसी का पत्ता) डालकर उसे अलग से रख दें.
- जैसे ही सूतक लगे उससे पहले ही जो भी खाना हो, पीना हो वो कर लें, सूतक लगते ही ये सब पूरी तरह से बंद हो जाएगा, जब तक खत्म नहीं होगा तब तक. अगर बहुत जरूरी न हो तो कोशिश करें कि जब तक खत्म ना हो जाए तब तक कुछ भी ग्रहण न करें.
- चंद्र ग्रहण के दिन जो सूर्य की रोशनी में रहते हैं वो उस दिन चंद्रमा की परछाई में ना जाएं और जो चंद्रमा की परछाई में रहे तो वो सूर्य की रोशनी में ना रहें. इसका अंतर पड़ेगा, स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बनेगा, इसलिए ध्यान रखें जो लोग बाहर निकलते हैं, उनके ऊपर धूप पड़ गई है तो रात 1:00 बजे से लेकर 3:00 के बीच में चंद्रमा के प्रकाश में ना निकलें. अगर ऐसा करते हैं तो उनके शरीर में फोड़े फुंसी चकत्ते पड़ने की पूर्ण संभावना रहती है.
- चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा को खुली आंख से ना देखें अगर चंद्रमा की ओर देखते हैं तो उसमें मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ेगा, इसलिए काला चश्मा लगाकर ही चंद्र ग्रहण को देखें. अगर खुली आंख से चंद्रमा को देखते हैं तो कई विकार उत्पन्न हो सकते हैं, इसलिए काला चश्मा लगाकर चंद्रमा को देखें.