Chandra Grahan 2022 चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों को मन में कई तरह के भ्रम होते हैं. मगर ग्रहण एक खगोलीए घटनाक्रम है जो ग्रहों की चाल पर निर्भर करता है. इसका असर कई तरह से हमारे गृह पृथ्वी पर पड़ता है. ज्वार भाटा भी आता है और कई तरह के योग बनते हैं. मगर लोगों में सबसे ज्यादा उत्सुकता चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद होने को लेकर होता है. अक्कर लोग समय जानना चाहते हैं ताकि वो उसी के मुताबिक अपने धार्मिक क्रिया कलापों को पूर्ण कर सकें. इस संबंध में ज्योतिषाचार्यों के कई मत हैं. हम आपको जाने माने ज्योतिषाचार्यों के मत और गणना के मुताबिक बता रहे हैं कि कब मंदियों के पट बंद होंगे और इस दौरान लोगों को किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. किन बातों को इग्नोर नहीं करना चाहिए.
चंद्रग्रहण में सूतक कब से लगेगा? ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक इस बार चंद्रग्रहण 8 नवंबर को है, उस दिन चंद्रमा शाम को 5:12 बजे उदय होगा और जैसे ही उदय होगा, ग्रहण भी शुरू हो जाएगा, और फिर उसके बाद मोक्ष शाम को ही 6:19 बजे होगा, मतलब चंद्रग्रहण समाप्त होगा. इस बार चंद्रग्रहण भरनी नक्षत्र मेष राशि में हो रहा है, और सूतक चंद्रग्रहण शुरू होने के 8 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा, इस तरह से सूतक सुबह 9:05 बजे से शुरू होगा.
चंद्रग्रहण में कब बंद होंगे मंदिर: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि वैसे तो सूतक लगने के साथ ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं, इस बार जिस तरह से चंद्र ग्रहण पड़ रहा है उसके हिसाब से 8 घंटे पहले सुबह 9:05 बजे सूतक लग जाएगा, ऐसे में ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि जो मंदिर हैं धार्मिक स्थल हैं सुबह 8:00 बजे ही पूजा पाठ करके बंद कर दें जिससे सूतक लगने से पहले कपाट बंद हो जाए और फिर शाम को 6:19 बजे के बाद जैसे ही चंद्र ग्रहण खत्म होगा सूतक भी खत्म हो जाएगा विधिवत स्नान करने के बाद ही मंदिरों के कपाट खोलें. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि सूतक शुरू होने के पहले ही मंदिर हो, धार्मिक स्थल हो, धार्मिक आयोजन हो, घर के पूजा घर हों, सबकुछ बंद कर दिया जाता है और फिर स्नान करने के बाद ही उन्हें खोला जाता है.
मंदिर खोलने से पहले बरतें ये सावधानी: जैसे ही सूतक समाप्त हो उसके बाद पहले स्नान करें स्नान करने के बाद मंदिर के कपाट खोलें पूरे मंदिर को पानी से धोएं फिर वहां गंगा जल छिड़कें, भगवान को स्नान कराएं भोग लगाएं और फिर पूजा पाठ करते हुए भजन आरती गाएं ठीक इसी तरह घर के जो पूजा स्थल है वहां भी ऐसे ही करें जैसे ही चंद्र ग्रहण खत्म हो सूतक खत्म हो सर्वप्रथम स्नान करें पूजा घर को साफ सुथरा पानी से धोएं गंगाजल छिडके भगवान को स्नान कराएं और फिर उसके बाद भोग लगाते हुए पूजा पाठ करते हुए आरती करें और भजन संध्या करें.
घर में बरतें ये सावधानी: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं जैसे ही सूतक प्रारंभ हो उससे पहले ही घरों में भोजन करना बंद करें और सूतक जैसे ही खत्म हो, या यूं कहें कि चंद्र ग्रहण खत्म होते ही पहले घर में जो पानी भरा हुआ है घड़े में उसे फेंके इसके बाद स्नान करें स्नान करने के बाद घर में साफ सफाई करें साफ सफाई करने के बाद घर में स्वच्छ पानी भरें. फिर भोजन तैयार करें और फिर भोजन प्रसाद लें. अगर सूतक लगने से पहले ही भोजन बना हुआ है तो उसमें सूतक लगने से पहले ही तुलसीदल डाल दें और उसे ढक कर रख दें, चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद उसे निकालकर भोजन कर सकते हैं.