शहडोल। बरसात का मौसम चल रहा है, कभी सूर्यदेव की प्रचंड तपिश होती है, कभी उमस होती है. कभी झमाझम बरसात होती है तो कभी-कभी पूरे दिन फुहारें पड़ती हैं. ऐसे में कभी अचानक ठंडक का एहसास होने लगता है तो कभी तेज़ गर्मी सहनी पड़ती है. यानी इस मौसम (Changing Season)का सबसे बड़ा असर हमारी सेहत (Stay Fit)पर पड़ता है. लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिससे कुछ समस्यायों से छुटकारा मिल सकता है.
स्वभाविक है इस बदलते मौसम के बीच अगर आप ने अपनी सेहत का नहीं रखा ख्याल तो मुश्किल में फंस सकते हैं मतलब बीमार पड़ सकते हैं. इतना ही नहीं अगर इस बदलते मौसम में आप छोटी छोटी सावधानियां बरतते हैं, खान-पान का विशेष ख्याल रखते हैं तो फिर आपको बीमारी छू भी नहीं सकती है.
पानी खूब पिएं, लेकिन...(Drink Water)
आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर अंकित कुमार नामदेव के मुताबिक- इस समय पर संक्रामक बीमारियों के फैलने का बहुत ज्यादा खतरा होता है. जैसे की डायरिया, उल्टी-दस्त , बुखार, सर्दी खांसी आदि. तो सबसे पहले तो खुद को इस मौसम में बचा कर रखने की कोशिश करनी चाहिए. पानी का सेवन खूब करना चाहिए. लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि पानी स्वच्छ हो. क्योंकि उसमें भी संक्रमण का बहुत ज्यादा खतरा रहता है. पानी उबाल कर ठंडा पिएं या फिल्टर्ड.
रोग प्रतिरोधक क्षमता को ऐसे बढ़ाएं (Changing Season And Immune Modulator)
बाहर की चीजें जो कि बहुत एक्सपोज़ होती हैं, इनको खाने में परहेज करें, कुछ इम्यून मॉड्यूलेटर लें. जिनसे आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी अच्छा रहे, और कोशिश करें कि सिर बहुत ज्यादा भिगा कर न रहे. इससे बुखार की आशंका बढ़ती है, जुखाम भी हो सकता है. भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें तो अच्छा है, क्योंकि ये संक्रामक होता है. एक और बात का खास ख्याल रखें वो ये कि अपने हाथ पैर को गर्म करके रखें.
खान पान का रखें विशेष ख्याल, ऐसा तो बिलकुल न करें! (Do Not Try This During Rainy Season)
सबसे पहले तो ये ध्यान देने वाली बात है की हम जो भी खाएं गर्म और ताज़ा खाएं. फ्रिज पर रखा हुआ और ठंडा खाना को अवॉइड (Avoid) ही करें तो ज्यादा अच्छा है. इस मौसम में खट्टी चीजों से थोड़ा सा बचना चाहिये. तीसरा कच्ची चीजों से सलाद आदि से थोड़ा सा बचना चाहिए जो भी हो वो कम से कम पका हुआ हो पका हुआ खाना कम नुकसान पहुंचाता है.
इमली और नींबू खाने का प्रयोग भी न करें तो बेहतर है. इस मौसम में ज्यादातर लोगों को पेट संबंधी दिक्कतें पेश आती है. सो हल्का भोजन खाएं, सुपाच्य भोजन खाएं, गर्म भोजन करें, और अपनी भूख से ज्यादा न खाएं और कम अंतराल में ज्यादा खाना न खाएं. ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का टाइम फिक्स (Fix Time For Breakfast) होना चाहिए, उसका अनुपात भी तयशुदा होना चाहिए.
भीग जाएं तो ये करें (If got wet in rain?)
अगर व्यक्ति भीग गया है तो उसे तुलसी.अदरक,सोंठ, या दाल चीनी वाली चाय तुरंत पीनी चाहिए. इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है. ऐसे शख्स को गर्म तासीर वाला पेय पदार्थ या खाने का सेवन करना चाहिए. गर्म तासीर वाला खाने से शरीर में गर्मी रहेगी तो इस वर्षा का कम से कम असर पड़ेगा.
वैसे भी कहा जाता है की वर्षा ऋतु स्वास्थ्य की दृष्टि से वात को प्रकोप करने वाला सीजन होता है. तो वात को कम करने के लिए उष्ण और स्निग्ध भोजन करना चाहिए, और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में इस समय ऐसी चीजों का उपयोग करना चाहिए जो कि शरीर को थोड़ा सा गर्म रखे.
अपनी प्रकृति अनुसार करें फलों का चयन (Choose Fruits According to Your Prakarti)
चिकित्सकों की राय है कि सबसे पहले तो हर व्यक्ति को अपनी प्रकृति को समझना चाहिए. इससे पता चलता है कि शरीर को सूट आखिर करता है तो क्या करता है. इसके लिए जानना जरूरी है कि आपकी प्रकृति वातज, पित्तज या कफज है. इससे पता चलता है कि व्यक्ति विशेष के लिए क्या अनुकरणीय है और क्या नहीं.
प्रकृति के अनुसार ही फलों का चयन करना चाहिए. कहा जाता है कि सुबह के समय या दोपहर के समय खाना खाने के पहले फलों को खाना ज्यादा लाभकारी होता है. हालांकि मौसमी फल कभी नुकसान नहीं पहुंचाते फिर भी अगर आप पहले से किसी रोग से ग्रसित हैं तो चिकित्सीय सलाह जरूर लें.