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Diwali 2021: मिट्टी के कारीगरों को सीमेंट व्यापारी का तोहफा, दिवाली के बाद बचे हुए दीपक खरीदने का किया एलान

शहडोल के एक सीमेंट व्यापारी ने मिट्टी के बचे हुए दीपक खरीदने का एलान किया है. व्यापारी प्रकाश रस्तोगी का कहना है कि पिछले साल कोरोना और इस साल महंगाई के कारण दीए बिक नहीं रहे. कुम्हारों की स्थिति को देखते हुए दीए खरीदने का एलान किया है. यह दीए राम मंदिर को जगमग करेंगे.

Cement merchant's gift to clay artisans
मिट्टी के कारीगरों को सीमेंट व्यापारी का तोहफा
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Published : Nov 4, 2021, 7:27 PM IST

शहडोल। दीपावली के त्योहार पर सड़कों के किनारे मिट्टी के दीपक बेचने वाले दुकानदारों को शहडोल के सीमेंट व्यापारी ने अनोखा तोहफा दिया है. सीमेंट व्यापारी ने एलान किया है कि वह दिवाली के बाद कुम्हारों के पास बचे हुए दीपक खरिदेगा. व्यापारी का कहना है कि वह कुम्हारों की दिवाली भी खुशियों की दिवाली बनाना चाहते है.

दरअसल मिट्टी के दीपक बेचने के लिए कुछ व्यापारी तो जिला शहडोल के ही हैं. वहीं अधिकतर लोग दूसरे जिलों से खासकर उमरिया के चंदिया से आकर यहां मिट्टी के दीपक बेचते हैं. बढ़ती महंगाई बदलते वक्त के साथ मौजूदा साल उनके मिट्टी के दीपक उतने नहीं बिक पा रहे हैं. जिससे मिट्टी के दीपक का व्यापार करने वाले व्यापारी काफी हताश हैं. व्यापारी की दीए खरिदने की घोषणा के बाद कुम्हार खुश नजर आ रहे है.

मिट्टी के कारीगरों को सीमेंट व्यापारी का तोहफा

व्यापारी के एलान से खुश है कुम्हार

सीमेंट कारोबारी प्रकाश रस्तोगी जिन्हें गुड्डू रस्तोगी के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने दीपावली में मिट्टी के दीपक बेचने वाले छोटे व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा एलान कर दिया है. जिसके बाद मिट्टी के दीपक बनाकर सड़क के किनारे दुकान लगाकर बेचने वाले इन दुकानदारों के मायूस चेहरों पर एक बार फिर से खुशी की लहर दौड़ गई है.

कुम्हारों की करना चाहते है मदद

सीमेंट व्यापारी प्रकाश रस्तोगी ने बताया कु मेरी कोशिश है कि कुम्हार चंदिया, उमरिया, कटनी आसपास के जगह से आ रहे है. इनकी स्थिति मैंने देखी थी और उनसे बात भी की थी. वहां उनकी काफी खराब स्थिति है. जो दीए कुम्हारों ने पिछले साल बनाए थे वह भी कोरोना के कारण नहीं बिके. इस साल भी इन्होंने दीए बना लिए. यदि हम इनकी मदद नहीं करेंगे, तो उन्हें काफी घाटा होगा. इसीलिए हमारी कोशिश है कि सारे मिट्टी के दीपक हम खरीद ले.

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राम मंदिर में जलाएंगे सभी दीपक

प्रकाश रस्तोगी कहते है कु इसके लिए हमने कुम्हारों से बात करके उन्हें एक पॉइंटर दिया हुआ है. दीपक बेचने के बाद जितने भी दीपक बचते हैं, वह जिला मुख्यालय के ही मोहन राम तालाब के पास स्थित राम मंदिर के पास लेकर आ जाएं. जहां से उनके सारे दीए हम ले लेंगे. उसके बदले में जितना उनका दाम होगा उसे दे देंगे.

हमारी कोशिश है कि मोहन राम तालाब में राम मंदिर के पास सभी दीए जलाए. इसके लिए मंदिर में तेल और अन्य सामान की व्यवस्था कर रखी है. जैसे ही कुम्हार दीए लेकर आएंगे हम राम मंदिर को जगमग कर देंगे. हम लोगों से अपील भी करेंगे कि वहां आकर वह दीपदान करें. जिससे सभी जिला मुख्यालय के लोग एक साथ दीपावली सेलिब्रेट कर पाएंगे.

खराब स्थिति जानने के बाद फैसला

प्रकाश रस्तोगी कहते हैं कि मिट्टी के दीए बनाने वाले इन कुम्हारों की स्थिति काफी खराब है. सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई इस तरह की खबरें देखने को मिल रही थी. मिट्टी के दीपक नहीं बिक रहे हैं, ग्राहक भी उतने ज्यादा नहीं पहुंच रहे हैं, इसके अलावा 10 रुपए दर्जन बेचने वाले मिट्टी के दीपक को लोग मोलभाव करके खरीद रहे हैं. इसके बाद हमने यह फैसला लिया.

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भाड़ा देने का पहले किया था एलान

सीमेंट कारोबारी प्रकाश रस्तोगी ने दीए खरीदने से पहले दूर से आने वाले कुम्हारों के आने जाने का भाड़ा देने की घोषणा की थी. उनकी इस पहल की काफी चर्चा भी हुई थी. जब उन्होंने धनतेरस के दिन दीपक व्यापारियों की स्थिति देखी उसके बाद उन्होंने दीए खरीदने का मन बना लिया.

कलेक्टर ने माफ किया था टैक्स

इससे पहले जिला कलेक्टर ने मिट्टी से बनी पूजा सामग्री बेचने वाले कुम्हारों का बैठने का कर माफ कर दिया था. अर्थात सड़क पर दुकान लगाने का कर प्रशासन नहीं ले रहा था.

शहडोल। दीपावली के त्योहार पर सड़कों के किनारे मिट्टी के दीपक बेचने वाले दुकानदारों को शहडोल के सीमेंट व्यापारी ने अनोखा तोहफा दिया है. सीमेंट व्यापारी ने एलान किया है कि वह दिवाली के बाद कुम्हारों के पास बचे हुए दीपक खरिदेगा. व्यापारी का कहना है कि वह कुम्हारों की दिवाली भी खुशियों की दिवाली बनाना चाहते है.

दरअसल मिट्टी के दीपक बेचने के लिए कुछ व्यापारी तो जिला शहडोल के ही हैं. वहीं अधिकतर लोग दूसरे जिलों से खासकर उमरिया के चंदिया से आकर यहां मिट्टी के दीपक बेचते हैं. बढ़ती महंगाई बदलते वक्त के साथ मौजूदा साल उनके मिट्टी के दीपक उतने नहीं बिक पा रहे हैं. जिससे मिट्टी के दीपक का व्यापार करने वाले व्यापारी काफी हताश हैं. व्यापारी की दीए खरिदने की घोषणा के बाद कुम्हार खुश नजर आ रहे है.

मिट्टी के कारीगरों को सीमेंट व्यापारी का तोहफा

व्यापारी के एलान से खुश है कुम्हार

सीमेंट कारोबारी प्रकाश रस्तोगी जिन्हें गुड्डू रस्तोगी के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने दीपावली में मिट्टी के दीपक बेचने वाले छोटे व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा एलान कर दिया है. जिसके बाद मिट्टी के दीपक बनाकर सड़क के किनारे दुकान लगाकर बेचने वाले इन दुकानदारों के मायूस चेहरों पर एक बार फिर से खुशी की लहर दौड़ गई है.

कुम्हारों की करना चाहते है मदद

सीमेंट व्यापारी प्रकाश रस्तोगी ने बताया कु मेरी कोशिश है कि कुम्हार चंदिया, उमरिया, कटनी आसपास के जगह से आ रहे है. इनकी स्थिति मैंने देखी थी और उनसे बात भी की थी. वहां उनकी काफी खराब स्थिति है. जो दीए कुम्हारों ने पिछले साल बनाए थे वह भी कोरोना के कारण नहीं बिके. इस साल भी इन्होंने दीए बना लिए. यदि हम इनकी मदद नहीं करेंगे, तो उन्हें काफी घाटा होगा. इसीलिए हमारी कोशिश है कि सारे मिट्टी के दीपक हम खरीद ले.

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राम मंदिर में जलाएंगे सभी दीपक

प्रकाश रस्तोगी कहते है कु इसके लिए हमने कुम्हारों से बात करके उन्हें एक पॉइंटर दिया हुआ है. दीपक बेचने के बाद जितने भी दीपक बचते हैं, वह जिला मुख्यालय के ही मोहन राम तालाब के पास स्थित राम मंदिर के पास लेकर आ जाएं. जहां से उनके सारे दीए हम ले लेंगे. उसके बदले में जितना उनका दाम होगा उसे दे देंगे.

हमारी कोशिश है कि मोहन राम तालाब में राम मंदिर के पास सभी दीए जलाए. इसके लिए मंदिर में तेल और अन्य सामान की व्यवस्था कर रखी है. जैसे ही कुम्हार दीए लेकर आएंगे हम राम मंदिर को जगमग कर देंगे. हम लोगों से अपील भी करेंगे कि वहां आकर वह दीपदान करें. जिससे सभी जिला मुख्यालय के लोग एक साथ दीपावली सेलिब्रेट कर पाएंगे.

खराब स्थिति जानने के बाद फैसला

प्रकाश रस्तोगी कहते हैं कि मिट्टी के दीए बनाने वाले इन कुम्हारों की स्थिति काफी खराब है. सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई इस तरह की खबरें देखने को मिल रही थी. मिट्टी के दीपक नहीं बिक रहे हैं, ग्राहक भी उतने ज्यादा नहीं पहुंच रहे हैं, इसके अलावा 10 रुपए दर्जन बेचने वाले मिट्टी के दीपक को लोग मोलभाव करके खरीद रहे हैं. इसके बाद हमने यह फैसला लिया.

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भाड़ा देने का पहले किया था एलान

सीमेंट कारोबारी प्रकाश रस्तोगी ने दीए खरीदने से पहले दूर से आने वाले कुम्हारों के आने जाने का भाड़ा देने की घोषणा की थी. उनकी इस पहल की काफी चर्चा भी हुई थी. जब उन्होंने धनतेरस के दिन दीपक व्यापारियों की स्थिति देखी उसके बाद उन्होंने दीए खरीदने का मन बना लिया.

कलेक्टर ने माफ किया था टैक्स

इससे पहले जिला कलेक्टर ने मिट्टी से बनी पूजा सामग्री बेचने वाले कुम्हारों का बैठने का कर माफ कर दिया था. अर्थात सड़क पर दुकान लगाने का कर प्रशासन नहीं ले रहा था.

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