शहडोल। चीन के वुहान शहर से शुरू होने वाले कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचाई. जब इस महामारी ने मध्यप्रदेश पर कहर बरपाया तो हर वर्ग के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. सबसे ज्यादा उन लोगों पर मार पड़ी, जो सुबह से शाम तक मेहनत करने के बाद रात के लिए रोटी जुटा पाते थे.
इस कोरोना ने शहडोल के छोटे व्यापारियों को ऐसा झटका दिया कि सबकुछ चौपट हो गया. थोड़ी बहुत जमा पूंजी इकट्ठी की थी वो लॉकडाउन के दौरान खर्च हो गई और अब छोटे व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन में किसी की दुकान ठप हो गई तो किसी का व्यापार डूब गया. लिहाजा अब वे जामुन और आम बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं.
शहडोल में छोटा-मोटा बिजनेस खड़ा करने वाले व्यापारी आज जामुन और आम बेचकर गुजारा कर रहे हैं. ये व्यापारी सुबह सामान खरीदकर लाते हैं और दिनभर बेचने के बाद जो मुनाफा होता है उससे घर चला रहे हैं. गरीबी रेखा में नाम नहीं होने से लोगों को सरकार की तरफ से राशन भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में सभी छोटे व्यापारी जीरो बजट के व्यापार में जुट गए हैं.
शहड़ोल में इन दिनों जामुन 20 रूपये किलो बिक रहा. इसलिए जीरो बजट वाले व्यापारी इन्हीं फलों से पूंजी बनाने की कोशिश कर रहे हैं और अपना घर चला रहे हैं. कोरोना कहर के बाद गुजारा करने के लिए कुछ लोग घर में दूध बेचने को मजबूर हो गए तो कुछ ने दूसरे धंधे शुरू कर दिए. ग्रमीण बिजनेस एक्सपर्ट अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि जब गांव में हॉट बाजार लगता तो वहां भी दुकान लगाते हैं, क्योंकि लंबे समय तक चले लॉक डाउन ने छोटे व्यापारियों का हाल बेहाल कर दिया है.
इन व्यापारियों के चेहरे पर दिख रही परेशानी और कोरोना का डर साफ बता रहा है कि हालात कितने बिगड़ चुके हैं. वहीं इस कोरोना काल में कई लोग मौत के मुंह में समा गए हैं, हालांकि जिंदगी दोबारा पटरी पर लौटने में अभी समय लगेगा.