शहडोल। कोरोना काल में पूरे प्रदेश के बसों का संचालन लगभग ठप है, करीब 6 महीने बीत जाने के बाद भी बसें चलेंगी या नहीं, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी न ही प्रशासन दे रहा है और न ही बस संचालक दे पा रहे हैं, राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी कर 20 अगस्त से प्रदेश में पूरी क्षमता के साथ बसों के संचालन की बात कही है. शहडोल जिले में अभी भी बसों के पहिए थमे हैं. यात्री बसों का संचालन गुरूवार से शुरू नहीं हो सका है. इसे लेकर बस मालिकों का कुछ और ही कहना है, बस मालिकों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक बसों का संचालन शुरू नहीं हो सकता है. बस संचालन को लेकर वह अपनी एक अलग ही समस्या बता रहे हैं.
यात्री बस एक तरह से कहा जाए तो आम जनता के लिए लाइफ लाइन है, लोग इधर से उधर जाने के लिए यात्री बसों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस कोरोना काल में सब कुछ बंद हो गया है, पिछले कुछ महीने से यात्री बसें बंद पड़ी हैं, हाल ही में प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर कहा था कि आज से प्रदेश में यात्री बसों का संचालन पूरी कैपेसिटी के साथ किया जाएगा. लेकिन शहडोल में बसों के पहिए आज भी थमे रहे.
बस ऑनर एसोसिएशन शहडोल के जिला अध्यक्ष भागवत प्रसाद गौतम का कहना है कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से अब तक बसें खड़ी हैं और अप्रैल से लेकर अब तक का बसों का टैक्स माफ किया जाए और जितनी अवधि में बसें खड़ी रहेंगी, उसी अवधि में जो बीमा है, उसे भी आगे बढ़ाया जाने की मांग की है.
लॉकडाउन का ऐलान जब हुआ था, तब से शहडोल जिले में यात्री बसों के पहिए थमे हैं, तब से लेकर अब तक यात्री बसों का संचालन नहीं हो सका है. अब जब प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि पूरी क्षमता के साथ बसों का संचालन होना है, उसके बाद जिले में आज भी बसों के पहिए थमे हैं. बस संचालक अपनी मांगों को लेकर अभी भी अड़े हैं.