शहडोल। भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यादें शहडोल से भी जुड़ी हुई हैं. सुषमा स्वराज यह कई चुनावी सभाओं को संबोधित करने आई हैं. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जो लोगों को आज भी याद हैं. उनके स्वभाव का हर कोई कायल था. सुषमा स्वराज के निधन के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता ने उनसे जुड़ी यादों ईटीवी भारत के साथ साक्षा किया.
अनिल गुप्ता बताते है कि वे जब बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे. तो 1998 और साल 2000 में सुषमा स्वराज शहडोल में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थीं. जहां वो अपने तय समय से लगभग 35 मिनट पहले हेलीकॉप्टर से पहुंच गईं और पार्टी का कोई कार्यकर्ता वहां नहीं पहुंचा था. जिसके बाद वे खुद रेस्ट हाउस चली गईं. जिसके बाद हर कार्यकर्ता घबराया हुआ था. नेताओं को घबराया देख सुषमा स्वाराज बड़े ही सहज भाव से कहा, इसमें आप लोगों की कोई गलती नहीं है. मैं ही समय से पहले आ गई थी, आप लोग संगठन के कार्यकर्ता हैं और मैं समय से पहले आ गई इसलिये आप लोग अफसोस महसूस न करें.
पासपोर्ट कार्यालय दिलवाने में अहम योगदान
बीजेपी नेता अनिल गुप्ता बताते हैं कि शहडोल को अगर पासपोर्ट कार्यलय की परमीसन मिली तो, उसमें पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा योगदान रहा था. तत्कालीन सांसद ज्ञान सिंह ने जब शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए पहल की तो सुषमा स्वराज के ही विशेष पहल से ये परमीसन मिल पाई. हलांकि ये बात अलग है की अभी शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए जगह नहीं मिल से अब तक नहीं खुल पाया है.
पहले चुनावी सभा को लेकर लोगों में था उत्साह
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन जिला महामंत्री कैलाश तिवारी बताते हैं कि 1998 में जब उनकी पहली चुनावी सभा शहडोल में हुई थी. जिसको लेकर लोगों में गजब का उत्साह था, खुद से उस सभा में इतनी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे. जितनी हमें भी उम्मीद नहीं थी. सभा आम जनता से खचाखच भरा हुआ था. हर कोई सुषमा स्वाराज को खुनना चाहते था.