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जब समय से पहले पहुंच गईं थीं सुषमा स्वराज, घबरा गए थे कार्यकर्ता - सुषमा स्वराज से जुड़ी बातें

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद हर कोई उनसे जुड़ी यादें साक्षा कर रहे है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता ने उनसे जुड़ी कई दिलचस्प बातें बताई हैं.

अनिल गुप्ता ने बताया दीदी से जुड़ी बातें
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Published : Aug 7, 2019, 4:35 PM IST

शहडोल। भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यादें शहडोल से भी जुड़ी हुई हैं. सुषमा स्वराज यह कई चुनावी सभाओं को संबोधित करने आई हैं. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जो लोगों को आज भी याद हैं. उनके स्वभाव का हर कोई कायल था. सुषमा स्वराज के निधन के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता ने उनसे जुड़ी यादों ईटीवी भारत के साथ साक्षा किया.

अनिल गुप्ता बताते है कि वे जब बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे. तो 1998 और साल 2000 में सुषमा स्वराज शहडोल में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थीं. जहां वो अपने तय समय से लगभग 35 मिनट पहले हेलीकॉप्टर से पहुंच गईं और पार्टी का कोई कार्यकर्ता वहां नहीं पहुंचा था. जिसके बाद वे खुद रेस्ट हाउस चली गईं. जिसके बाद हर कार्यकर्ता घबराया हुआ था. नेताओं को घबराया देख सुषमा स्वाराज बड़े ही सहज भाव से कहा, इसमें आप लोगों की कोई गलती नहीं है. मैं ही समय से पहले आ गई थी, आप लोग संगठन के कार्यकर्ता हैं और मैं समय से पहले आ गई इसलिये आप लोग अफसोस महसूस न करें.

अनिल गुप्ता ने बताया दीदी से जुड़ी बातें

पासपोर्ट कार्यालय दिलवाने में अहम योगदान


बीजेपी नेता अनिल गुप्ता बताते हैं कि शहडोल को अगर पासपोर्ट कार्यलय की परमीसन मिली तो, उसमें पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा योगदान रहा था. तत्कालीन सांसद ज्ञान सिंह ने जब शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए पहल की तो सुषमा स्वराज के ही विशेष पहल से ये परमीसन मिल पाई. हलांकि ये बात अलग है की अभी शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए जगह नहीं मिल से अब तक नहीं खुल पाया है.


पहले चुनावी सभा को लेकर लोगों में था उत्साह

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन जिला महामंत्री कैलाश तिवारी बताते हैं कि 1998 में जब उनकी पहली चुनावी सभा शहडोल में हुई थी. जिसको लेकर लोगों में गजब का उत्साह था, खुद से उस सभा में इतनी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे. जितनी हमें भी उम्मीद नहीं थी. सभा आम जनता से खचाखच भरा हुआ था. हर कोई सुषमा स्वाराज को खुनना चाहते था.

शहडोल। भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यादें शहडोल से भी जुड़ी हुई हैं. सुषमा स्वराज यह कई चुनावी सभाओं को संबोधित करने आई हैं. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जो लोगों को आज भी याद हैं. उनके स्वभाव का हर कोई कायल था. सुषमा स्वराज के निधन के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता ने उनसे जुड़ी यादों ईटीवी भारत के साथ साक्षा किया.

अनिल गुप्ता बताते है कि वे जब बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे. तो 1998 और साल 2000 में सुषमा स्वराज शहडोल में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थीं. जहां वो अपने तय समय से लगभग 35 मिनट पहले हेलीकॉप्टर से पहुंच गईं और पार्टी का कोई कार्यकर्ता वहां नहीं पहुंचा था. जिसके बाद वे खुद रेस्ट हाउस चली गईं. जिसके बाद हर कार्यकर्ता घबराया हुआ था. नेताओं को घबराया देख सुषमा स्वाराज बड़े ही सहज भाव से कहा, इसमें आप लोगों की कोई गलती नहीं है. मैं ही समय से पहले आ गई थी, आप लोग संगठन के कार्यकर्ता हैं और मैं समय से पहले आ गई इसलिये आप लोग अफसोस महसूस न करें.

अनिल गुप्ता ने बताया दीदी से जुड़ी बातें

पासपोर्ट कार्यालय दिलवाने में अहम योगदान


बीजेपी नेता अनिल गुप्ता बताते हैं कि शहडोल को अगर पासपोर्ट कार्यलय की परमीसन मिली तो, उसमें पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा योगदान रहा था. तत्कालीन सांसद ज्ञान सिंह ने जब शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए पहल की तो सुषमा स्वराज के ही विशेष पहल से ये परमीसन मिल पाई. हलांकि ये बात अलग है की अभी शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए जगह नहीं मिल से अब तक नहीं खुल पाया है.


पहले चुनावी सभा को लेकर लोगों में था उत्साह

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन जिला महामंत्री कैलाश तिवारी बताते हैं कि 1998 में जब उनकी पहली चुनावी सभा शहडोल में हुई थी. जिसको लेकर लोगों में गजब का उत्साह था, खुद से उस सभा में इतनी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे. जितनी हमें भी उम्मीद नहीं थी. सभा आम जनता से खचाखच भरा हुआ था. हर कोई सुषमा स्वाराज को खुनना चाहते था.

Intro:Note_ पैकेज में तीन बाइट हैं शुरुआत में दो बाईट अनिल गुप्ता बीजेपी के वरिष्ठ नेता, और तीसरी और आखिरी बाइट बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश तिवारी की है।

सभी पुरानी तस्वीरों के वीडियो बनाकर पैकेज में लगाया गया है जो यहां के नेताओं ने उपलब्ध कराई हैं, अगर वो फ़ोटो मेल में चाहिए तो वो भी मिल जाएंगी।


जानिए क्या हुआ था जब सुषमा स्वराज समय से 35 मिनट पहले पहुंच गईं थीं, और पार्टी का कोई कार्यकर्ता उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचा था

शहडोल- भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यादें शहडोल से भी जुड़ी हुई हैं शहडोल में कई बार सुषमा स्वराज चुनावी सभाओं को संबोधित करने आई हैं। इस दौरान कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जो लोगों को आज भी याद हैं और उनके इस व्यवहार के वो कायल हैं। शहडोल में पासपोर्ट ऑफिस खोलने की जो परमीशन मिली उसमें भी सुषमा स्वराज का विशेष योगदान रहा।


Body:जब 35 मिनट पहले पहुंच गईं थीं सुषमा स्वराज

भारतीय जनता पार्टी शहडोल के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता जब बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे तो 1998 और साल 2000 में सुषमा स्वराज शहडोल में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थीं।

बीजेपी नेता अनिल गुप्ता सुषमा स्वराज के बारे में बताती हैं कि एक बार वो अनुपपुर में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थीं जहां वो अपने तय समय से लगभग 35 मिनट पहले हेलीकॉप्टर से पहुंच गईं थीं, और पार्टी का कोई कार्यकर्ता वहां नहीं पहुंचा था, और सुषमा स्वराज वहीं रेस्ट हाउस में बड़े ही सहज तरीके से अकेले चलीं गईं थीं, वहां उन्हें रिसीव करने के लिये न पहुंच पाने से हर कोई अपराध बोध महसूस कर रहा था की कोई कार्यकर्ता वहा पहुंच नहीं पाया।

अनिल गुप्ता बताते हैं कि कुछ देर तक तो हर पार्टी कार्यकर्ता शांत हो गया कोई कुछ बोल ही नहीं रहा था सभी को अपराध बोध हो रहा था, तभी उन्होंने बड़े ही सहज भाव से कहा इसमें आप लोगों की कोई गलती नहीं है मैं ही समय से पहले आ गई थी, आप लोग संगठन के कार्यकर्ता हैं और मैं समय से पहले आ गई इसलिये आप लोग अफसोस महसूस न करें।

पासपोर्ट कार्यालय दिलवाने में अहम योगदान

बीजेपी नेता अनिल गुप्ता बताते हैं कि शहडोल को अगर पासपोर्ट कार्यलय की परमीसन मिली तो उसमें तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा योगदान रहा, तत्कालीन सांसद ज्ञान सिंह ने जब शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए पहल की तो सुषमा स्वराज के ही विशेष पहल से ये परमीसन मिल पाई हलांकि ये बात अलग है की अभी शहडोल में पासपोर्ट आफिस के लिए जगह नहीं मिल पाया तो अबतक नहीं खुल पाया है।


Conclusion:पहले चुनावी सभा को लेकर लोगों में था उत्साह

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन जिला महामंत्री कैलाश तिवारी बताते हैं कि 1998 में जब उनकी पहली चुनावी सभा शहडोल में हुई थी तो मुझे आज भी याद है लोगों में गजब का उत्साह था, खुद से उस सभा में इतनी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे जितनी हमें भी उम्मीद नहीं थी। सभा आम जनता से खचाखच भरा हुआ था, और ये लोग खुद से सिर्फ सुषमा स्वराज के भाषण को सुनने में आये थे।
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